संस्कृत’क अध्ययन- अध्यापन आ चिंतन- मनन सं व्यक्ति के चरित्रवान आ कार्यक्षमता युक्त भेनाइ संभव अछि – डा चौरसिया
समस्त ज्ञान- विज्ञान, व्यावहार- दर्शन आ नीति के शिक्षा संस्कृते पर आश्रित- प्रो राजधर
संस्कृत साहित्य सर्वजन हित’क वास्ते समान रूप सं उपयोगी- डा फूलचंद्र

दरभंगा। विश्वविद्यालय संस्कृत विभाग क’ तत्वावधान में ‘संस्कृत अध्ययन केर उपयोगिता’ विषयक विचार गोष्ठी के आयोजन विभागाध्यक्ष प्रो जीवानंद झा केर अध्यक्षता में संपन्न भेल, जाहिमे मुख्य अतिथि क’ रूप में जगद्गुरु रामानंदाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय, जयपुर के प्राचार्य प्रो राजधर मिश्र, कहलन्हि जे भारतीय संस्कृति,संस्कृते पर आश्रित अछि। समस्त ज्ञान-विज्ञान, व्यावहार दर्शन आ नीति के शिक्षा संस्कृते पर आश्रित अछि। संस्कृत शिक्षा के आजुक संदर्भ में अत्यधिक प्रासंगिकता अछि। आजुक युवक सब के रोजगार हेतु संस्कृत में अनेकों क्षेत्र अछि, जाहिमे रक्षा, आयुर्वेद, ज्योतिष, वास्तु विज्ञान, सबटा प्रशासनिक आ शैक्षणिक क्षेत्र सबमें व्यापक अवसर सुलभ अछि। आवश्यकता एहि बात’क अछि जे छात्र गण के संस्कृत ज्ञान सं बेसी से बेसी अवगत कराओल जाय। एकरा लेल भाषा दक्षता, संस्कृत संभाषण, सरल संस्कृत केर प्रयोग आ प्राचीन संस्कृत ग्रंथ सबहक आसान अनुवाद आवश्यक अछि।

मुख्य वक्ता के रूप में सी एम कॉलेज, दरभंगा के संस्कृत विभागाध्यक्ष डा आर एन चौरसिया कहलन्हि जे संस्कृत के अध्ययन- अध्यापन आ चिंतन- मनन सं व्यक्ति के चरित्र उदार आ कार्यक्षमता युक्त भ’ जैत अछि। संस्कृत हमरा सबहक आदर्श, मान्यता आ मूल्य सबहक आदि स्रोत अछि। भारत’क सबटा भाषा सबसँ संस्कृत केर घनिष्ठ संबंध अछि।
विशिष्ट अतिथि क’ रूप में एचपीएस कॉलेज, मधेपुर के पूर्व प्रधानाचार्य डा फूलचंद्र मिश्र रमण कहलन्हि जे संस्कृत साहित्य सर्वजनहित के लिए समान रूप सं उपयोगी अछि। ई अपना सबहक भाषा छी। सरकारी नौकरी सबमें सेहो संस्कृत के बेस उपयोगिता अछि।बहुतो देश सबमें संस्कृत’क पढ़ाई भ’ रहल अछि आ ओतहि के विद्वान अपना एतहि आबि के संस्कृत’क अध्ययन क’ रहल छथि।

अध्यक्षीय संबोधन में प्रो जीवानंद झा कहलनि जे संस्कृत पढ़ बला कखनहुं, आ कतहुँ बेरोजगार नहि रहि सकैत अछि। ई ओ भाषा थीक , जाहि माध्यम सं देश क’ आन भाषा सबकेँ आसानी से बुझल जा सकैत अछि। आई देश-विदेश में संस्कृत’क छात्र सबहक लेल हरेक दुआरि खुलल अछि।
एहि अवसर पर दरभंगा इंजीनियरिंग कॉलेज के डाक कन्हैया झा, रसायन विज्ञान के प्राध्यापक डा राजीव कुमार झा, शोधार्थी राजेश मिश्रा, संस्कृत के छात्र मनीष कुमार पासवान व शंभू कुमार, किशन कुमार, अनामिका कुमारी आ योगेंद्र पासवान सहित बहुतो लोक सभ उपस्थित छलाह। अतिथि सबहक स्वागत सचिन शर्मा कएलन्हि।