दरभंगा । ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त सहायक कुलसचिव हरिश्चंद्र झा का शनिवार की देर रात दरभंगा के पारस अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया। रविवार की अहले सुबह उनके निधन की सूचना मिलने पर विद्यापति सेवा संस्थान के महासचिव डॉ बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने अस्पताल पहुंचकर संस्थान की ओर से उन्हें श्रद्धा-सुमन अर्पित किया।
मौके पर अपने शोक संदेश में उन्होंने हरिश्चंद्र झा के निधन को मिथिला के शैक्षणिक जगत के लिए अपूर्णीय क्षति बताते हुए कहा कि वे मिथिला विश्वविद्यालय के एक ऐसे स्तंभ के रूप में जाने जाते रहे, जिन्होंने अनेक विषम परिस्थितियों में विश्वविद्यालय में संकटमोचक की महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यही कारण था कि करीब चार दशक के अपने कार्यकाल में न सिर्फ सभी कुलपतियों की पहली पसंद बने रहे बल्कि अपनी प्रभावकारी कार्य क्षमता से सहायक कुलसचिव तक का सम्मान जनक सफर तय किया। डॉ बैजू के साथ पीजी मैथिली विभाग के अध्यक्ष डॉ रमेश झा, संस्थान के मीडिया संयोजक प्रवीण कुमार झा, आशीष चौधरी, पुरुषोत्तम वत्स आदि ने भी उनके पार्थिव शरीर पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी।
उनके निधन पर मैथिली अकादमी के पूर्व अध्यक्ष पं कमलाकांत झा, वरिष्ठ साहित्यकार मणिकांत झा,
प्रो जीवकांत मिश्र, डाॅ महेन्द्र नारायण राम, डॉ गणेश कांत झा, एमएमटीएम कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ उदय कांत मिश्र, प्रो चंद्रशेखर झा बूढ़ा भाई, विनोद कुमार झा, प्रो विजयकांत झा, दुर्गानंद झा, डॉ महानंद ठाकुर आदि ने उनके निधन पर शोक जताया।