विभागों और स्वास्थ्यकर्मियों को खोजने से मिलेगा छुटकारा, काउंटर पर ही मिलेगी मदद

मधुबनी,16 जुलाई, सदर अस्पताल में इलाज कराने आए मरीज और अभिभावकों को ‘मे आई हेल्प यू डेस्क’ केंद्र से सभी तरह की जानकारी उपलब्ध हो सकेगी। जिससे मरीज और उसके अभिभावकों को विभिन्न रोगों से संबंधित विभाग और डॉक्टर की खोज के लिए इधर-उधर नहीं भटकना पड़ेगा। इस सब के बारे में एक केंद्र पर जानकारी उपलब्ध हो सकेगी। सदर अस्पताल के मुख्य प्रवेश गेट के सामने ‘मे आई हेल्प यू’ केंद्र की स्थापना की गई है। वहां पर शनिवार को सिविल सर्जन डॉ सुनील कुमार झा ने निरीक्षण किया तथा अस्पताल प्रबंधक को आवश्यक दिशा निर्देश दिया। जल्द ही केंद्र कार्य भी करने लगेगा। इस केंद्र पर तीन शिफ्ट में कर्मियों को लगाया जाएगा, ताकि दिन या रात किसी भी समय आने वाले मरीज और उसके अभिभावकों को अस्पताल के विभिन्न विभागों के बारे में जानकारी मिल सके। ग्रामीण इलाकों से मरीज और अभिभावक सदर अस्पताल आते हैं। लेकिन उन्हें यह पता नहीं चल पाता है कि किस रोग के डॉक्टर कहां पर मिलते हैं। सदर अस्पताल इलाज तथा सिविल सर्जन ऑफिस किस कार्य के लिए कहां पर जाना होगा। इसके लिए मरीज और उसके अभिभावकों को एक दूसरे से पूछना पड़ता है। इसमें से कई ऐसे लोग हैं जो विभाग और ऑफिस के बारे में जानकारी नहीं दे पाते हैं। लेकिन मे आई हेल्प यू केंद्र पर जानकार कर्मियों को लगाया जाएगा। इसलिए वे मरीज और उसके अभिभावकों को पूरी जानकारी दे सकेंगे। विभिन्न विभागों का ओपीडी कहां है, दवा वितरण काउंटर कहां है , पुर्जा काउंटर कहां है। इस सब की जानकारी उपलब्ध हो सकेगी।

हॉस्पिटल प्रबंधक अब्दुल मजीद ने बताया कि मे आई हेल्प यू डेस्क पर कार्य करने के लिए कर्मचारियों का रोस्टर तैयार किया जा रहा है। रोस्टर के अनुसार कर्मचारी कार्य करेंगे। सदर अस्पताल में प्रतिदिन विभिन्न विभाग के ओपीडी में इलाज कराने के लिए 500 से ज्यादा मरीज आते हैं। जबकि इमरजेंसी में भी प्रतिदिन एक सौ से ज्यादा मरीज इलाज कराने के लिए आता है। इतने मरीज और उसके अभिभावकों को काफी सहूलियत होगी। वे हेल्प डेस्क पर जानकारी ले सकेंगे।

सिविल सर्जन डॉ सुनील कुमार झा ने बताया स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक नई पहल की गई है। प्रतिनियुक्त कर्मियों का यह दायित्व होगा कि वे अस्पताल में आने वाले मरीजों की भर्ती सरल तरीके से कर समुचित उपचार करें। मे आई हेल्प यू बूथ की मदद से अस्पताल में भर्ती होने की प्रक्रिया को पूर्ण करने में मरीज के परिजनों को किसी प्रकार की जटिलता अथवा असुविधा महसूस नहीं हो।