सांप काटने पर झाड़-फूंक के चक्कर में ना पड़े अस्पताल में कराएं इलाज

मधुबनी /21 जुलाई बरसात तथा गर्मी बढ़ने से सांप काटने के मामले बढ़ने लगते हैं. रोजाना सदर अस्पताल सहित कई स्वास्थ्य केंद्रों पर सांप काटने के मरीज की संख्या में इजाफा हो रहे हैं. इसी क्रम में मंगलवार को राजनगर सीएचसी में जहरीले सर्प कोबरा के डसने से राजनगर प्रखंड के सिमरी ग्राम लक्खी पासवान के पुत्र जीतू पासवान को एक विषैले सर्प ने डस लिया। घटना के बाद स्थिति गंभीर होने पर परिजन तत्काल इलाज के लिए सीएचसी राजनगर ले आए। जहां भर्ती कर इलाज किया गया।

डॉक्टर निरंजन जायसवाल के मुताबिक मरीज को 18 इंजेक्शन लगाया गया उसके बाद अब हालत खतरे से बाहर बताई है। मरीज के ठीक होने के बाद मरीज ने बताया मुझे जब सांप ने काटा तो झाड़-फूंक के चक्कर में ना पर सीधे राजनगर सीएचसी आकर अपना इलाज करवाया उन्होंने अस्पताल कर्मियों तथा डॉक्टरों की सराहना करते हुए बताया की अगर मैं अस्पताल नहीं आता तो शायद मेरी जान जा सकती थी. इसलिए लोगों से अपील करते हुए बताया की झार फूँक ओझा बैध के चक्कर में न पर सीधे अस्पताल जाएँ।

सिविल सर्जन डॉ सुनील कुमार झा ने बताया कि बरसाती मौसम में जिले के विभिन्न प्रखंडों में आए दिन लोग सर्पदंश से पीड़ित हो रहे हैं। ऐसे में कई ऐसे मामले सामने आते हैं जब लोग पीड़ित का तत्काल उपचार न कराकर कई अंधविश्वास के चक्कर में पड़कर पीड़ितों का झाड़फूंक कराते हैं और अपनों की जान गंवा बैठते हैं। राजनगर सीएससी प्रभारी डॉ निरंजन जायसवाल ने बताया की राजनगर सीएच सी में एंटी वेनम प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है एवम् सांप के डसने के बाद जल्द से जल्द उपचार की जरूरत होती है शरीर से ब्लीडिंग और पैरालाइज होने लगता है। समय पर उपचार नहीं मिल पाने पर मौत हो जाती है।

डाक्टर के मुताबिक सांप के काटने पर एक व्यक्ति के दस या इससे अधिक इंजेक्शन तक लगते हैं। ये मरीज की स्थिति पर निर्भर करता है। सांप द्वारा मरीज के शरीर में छोड़े गए जहर की मात्रा और मरीज के अस्पताल तक पहुंचने में लगने वाले समय पर भी इंजेक्शन या दवा की मात्रा निर्भर करती है ताकि इलाज हो सके। कितना भी बिषैला सांप काटे सभी का इलाज सम्भव है। बस उचित समय पर अस्पताल में पहुचना चाहिए।

तत्काल उपचार न कराकर अंधविश्वास में पड़कर कई लोग कराते हैं झाड़फूंक:

सिविल सर्जन ने बातया जिला मुख्यालय स्थित सदर और सभी अनुमंडलीय अस्पताल सहित सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में सांप काटने की दवा पर्याप्त मात्रा में है। सांप काटने पर एंटी स्नैक वेनम यहां के अस्पताल के स्टोर में पर्याप्त है लेकिन, जानकारी के अभाव में लोग या तो झाड़फूंक के चक्कर में अस्पताल न पहुंच अन्धविश्वास में पड़ जाते हैं। जिससे अब तक जिले में सांप काटने से कई लोगों की मौत हो चुकी है।

बता दें कि बरसात का मौसम है। जाहिर है ऐसे मौसम में जहरीले सांप द्वारा काटे जाने की घटनाएं भी होती है लेकिन, गांव में किसी को सांप ने काटा तो उसकी जान को बचा पाना मुश्किल होता है। जिन्हें अस्पताल में इलाज के लिए आना चाहिए लेकिन, जानकारी के अभाव में वे अस्पताल में न आकर झाड़ फूंक कराने के लिए ओझा गुनी के पास चले जाते हैं।