बोकारो। देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति बनीं द्रौपदी मुर्मू के शपथ लेने के साथ आदिवासी समाज खुशियां मना रहा है।सोमवार को लुगुबुरु घांटाबाड़ी धोरोमगाढ़ समिति ने दोरबार चट्टानी स्थित पुनाय थान में विधिवत पूजा-अर्चना कर देश की महामहिम द्रौपदी मुर्मू के सफल एवं स्वर्णिम कार्यकाल की कामना की।विश्वभर के संताली आदिवासियों के इस बड़े धार्मिक एवं सांस्कृतिक केंद्र से महामहिम द्रौपदी मुर्मू का विशेष लगाव और जुड़ाव रहा है।
तीन बार आ चुकी है दोरबार चट्टानी स्थित पुनाय थान।
आपको बता दें कि झारखंड की राज्यपाल रहते हुए द्रौपदी मुर्मू
दोरबार चट्टानी स्थित पुनाय थान तीन बार पहुंचीं हैं। हर वर्ष कार्तिक पूर्णिमा पर होने वाली अंतर्राष्ट्रीय संताल सरना धर्म महासम्मेलन में समिति के न्यौते पर 2015, 2016 और 2019 में द्रौपदी मुर्मू का आगमन हुआ था।सोमवार को समिति ने पुनाय थान में अपने आराध्यों मरांग बुरु, लुगू बुरु, लुगू आयो, घांटाबाड़ी गो बाबा, कुड़िकिन बुरु, कपसा बाबा एवं बीरा गोसाईं की आराधना की तथा देश की महामहिम के तौर पर द्रौपदी मुर्मू के एक बार जरूर यहां आने की कामना की गयी।
अब आदिवासी समाज के विकास और उत्थान का मार्ग होगा प्रशस्त।
अध्यक्ष बबूली सोरेन ने कहा कि द्रौपदी मुर्मू का देश के सर्वोच्च पद पर आसीन होने से आदिवासी समाज में काफी खुशी है।अब विकास एवं उत्थान का मार्ग प्रशस्त होगा। उन्होंने कहा कि द्रौपदी मुर्मू हमलोगों के न्यौता पर यहां तीन बार आ चुकी हैं और उनकी यहां के प्रति आस्था एवं विश्वास देखते बनती है।उनका कार्यकाल स्वर्णिम हो और देश नयी ऊंचइयों को छुए, लुगुबुरु से यह कामना की गयी।
सरना कोड सहित आदिवासियों से जुड़े मुद्दों एवं हितों पर मिलेगा बल।
उपसचिव मिथिलेश किस्कू ने उम्मीद जतायी कि महामहिम द्रौपदी मुर्मू एक बार यहां जरूर आएंगी।इससे सरना कोड सहित आदिवासियों से जुड़े मुद्दों एवं हितों पर बल मिलेगा। समिति की ओर से महामहिम द्रौपदी मुर्मू को प्रथम आदिवासी राष्ट्रपति बनने पर अनंत बधाई दी गयी।मौके पर मेघराय मुर्मू, भुवनेश्वर टुडू, आशा कुमारी, बुधन सोरेन, सुखराम बेसरा, कालिदास मरांडी, लालजी मरांडी, जोलोमुनि देवी, चांदमुनी देवी, अनिता देवी, सुरजी देवी, फूलो देवी, हीरा देवी, बेला, मंझली, सोनोति, सोहमुनि, रिंकी देवी, राजेश, हरिकाली मुंडा, शिबू, काले, बहाराम, गोविंद, सुगन सहित दर्जनों लोग मौजूद थे।