पेंटिंग प्रतियोगिता में सफीना महफूज, मेहंदी में गुड़िया, रंगोली में राहुल तथा वाद-विवाद में जया कुमारी ने पाया प्रथम स्थान।

सही समय- प्रबंधन, कठिन परिश्रम तथा उचित मार्गदर्शन से बड़ा से बड़ा लक्ष्य प्राप्ति संभव- प्रधानाचार्य।

प्रतियोगिताओं में सहभागिता से छात्रों का बढ़ता है आत्मविश्वास एवं होता है उनके व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास- डा चौरसिया।

ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय की स्थापना के स्वर्ण जयंती के सुअवसर पर सी एम कॉलेज, दरभंगा में पेंटिंग, मेहंदी, रंगोली तथा वाद- विवाद प्रतियोगिताओं का आयोजन सेमिनार हॉल में किया गया, जिसमें प्रधानाचार्य डा अनिल कुमार मंडल, संयोजक प्रो मंजू राय, बर्सर डा आर एन चौरसिया, परीक्षा नियंत्रक डा मयंक श्रीवास्तव, डा रीना कुमारी, डा सुरेन्द्र भारद्वाज, डा सऊद आलम, एमएसएस पदाधिकारी प्रो अखिलेश कुमार राठौर, प्रशांत कुमार झा, डा मनोज कुमार सिंह, डा रजनी सिंह, कौशल किशोर तथा अमरजीत कुमार सहित 80 से अधिक व्यक्तियों ने भाग लिया।

प्रतियोगिता का उद्घाटन करते हुए प्रधानाचार्य डा अनिल कुमार मंडल ने कहा कि आज का युग गलाकाट प्रतिस्पर्धा का है, परंतु सही समय प्रबंधन, कठिन परिश्रम तथा उचित मार्गदर्शन से लक्ष्य प्राप्ति संभव है। उन्होंने पक्ष एवं विपक्ष दोनों के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि इससे छात्रों के सोचने का दायरा बढ़ता है। उन्होंने कहा कि कोशिश करते रहने से ही सफलता मिलती है। छात्र वर्तमान समय का पूर्ण उपयोग कर अपने जीवन में आगे बढ़े।

महाविद्यालय के बर्सर डा आर एन चौरसिया ने कहा कि प्रतियोगिताओं में सहभागिता से छात्रों का आत्मविश्वास बढ़ता है तथा उनके व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास भी होता है। उन्होंने छोटे बच्चों के चलना सीखने का उदाहरण देते हुए बताया कि असफलता ही सफलता की जननी है। संकटकाल में ज्यादातर लोग टूट जाते हैं, परंतु कुछ विरले ऐसे भी होते हैं जो रिकॉर्ड तोड़ जाते हैं। प्रतियोगिता से छात्रों को घबराना नहीं चाहिए, क्योंकि इसमें कुछ लोग जीतते हैं तो अधिकांश लोग सीखते हैं।

परीक्षा नियंत्रक डा मयंक श्रीवास्तव ने प्रतिभागियों को बधाई एवं शुभकामना देते हुए कहा कि हमारा पूरा जीवन प्रतियोगिता युक्त है, जिसमें समय-समय पर हम सबको परीक्षा देना पड़ता है। छात्रों को बिना घबराए या डरे अपनी पूरी क्षमता से इनमें भाग लेना चाहिए।

डा रजनी सिंह ने कहा कि प्रतियोगिताओं से छात्र प्रेरित होते हैं तथा उनके नकारात्मक भाव दूर हो जाते हैं। हमारे जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं, परंतु हमें हमेशा सकारात्मक रहना चाहिए और अपनी गलतियों के लिए दूसरों को दोष न देते हुए अपनी कमी पर विचार करना चाहिए। डा रीना कुमारी ने कहा कि प्रतियोगिताएं स्वस्थ माहौल में होनी चाहिए, जिसके लिए प्रतिभागियों में समय प्रबंधन, तथ्यों की प्रस्तुतिकरण तथा बॉडी लैंग्वेज का काफी महत्व है।

आज आयोजित वाद-विवाद प्रतियोगिता में जया कुमारी- प्रथम, विष्णु मिश्रा एवं मो सरफराज- द्वितीय तथा सफीना महफूज ने तृतीय स्थान प्राप्त किया, जबकि मेहंदी प्रतियोगिता में गुड़िया कुमारी- प्रथम, संजना- द्वितीय तथा राजनंदनी एवं आतिफा रजा खान ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। वहीं रंगोली में राहुल कुमार- प्रथम, गुड़िया कुमारी- द्वितीय तथा कल्याणी कुमारी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया, जबकि पेंटिंग प्रतियोगिता में सफीना महफूज- प्रथम, काजल कुमारी- द्वितीय तथा साक्षी प्रिया एवं शांभवी मिश्रा ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।

अतिथियों का स्वागत करते हुए डा सुरेंद्र भारद्वाज ने प्रतियोगिताओं के नियमों से प्रतिभागियों को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि छात्र जीवन सीखने का सुनहरा अवसर है। छात्र अपने विचारों को गागर में सागर की तरह प्रस्तुत करने की कला विकसित करें। वहीं पूरे कार्यक्रम का सार संक्षेप एवं धन्यवाद प्रस्तुत करते हुए डा सऊद आलम ने कहा कि प्रतियोगिता में छात्रों ने अपनी सृजनात्मक एवं कलात्मक भाव को अलग- अलग अंदाज में व्यक्त किया है, जिससे दूसरों को भी काफी लाभ हुआ है।