राजकीय महारानी रमेश्वरी भारतीय चिकित्सा विज्ञान संस्थान, मोहनपुर दरभंगा के राजकीय कामेश्वर सिंह आयुर्वेदिक चिकित्सालय में कार्यरत डॉ भारतेंदु झा की सेवानिवृत्ति के अवसर पर भव्य विदाई समारोह का आयोजन किया गया । डॉ भारतेंदु झा ने इस कॉलेज में आयुर्वेदिक चिकित्सा पदाधिकारी के रूप में अपनी सेवाएं 1 अगस्त 1982 से देना प्रारंभ किया था। डॉ झा इस संस्था में 40 वर्षों तक अनवरत सेवाएं देते रहे।
प्राचार्य प्रो. दिनेश्वर प्रसाद ने विदाई समारोह के अवसर पर बोलते हुए कहा की मानव जीवन की सार्थकता उसके द्वारा किए गए इमानदारी पूर्वक कर्मों में है। वैदिक काल से मानव जीवन चार आश्रमों में बांटा गया है। ब्रह्मचर्य आश्रम, गृहस्थ आश्रम, वानप्रस्थ आश्रम और सन्यास आश्रम से होता हुआ मानव जीवन गुजरता है। हर आश्रम की अपनी- अपनी महत्ता है और मानव जीवन की सार्थकता इन आश्रमों से जुड़ी हुई है। मानवीय जीवन के सभी पहलुओं को सफलतापूर्वक पूरा करने के उपरांत जब हम सारी जिम्मेदारियों से निवृत हो जाते हैं, तब हमें वानप्रस्थ आश्रम का सहारा लेना चाहिए। वानप्रस्थ आश्रम में हम अपने बारे में सोचते हैं और जीवन के वास्तविकता से परिचित होते हैं। जीवन के अनुभव से गुजरते हुए हम जब सन्यास आश्रम में प्रवेश करते हैं तो हम अपने जीवन का अनुभव को समाज को बताते हैं। जिससे उत्कृष्ट समाज का निर्माण होता है। यही भारतीय संस्कृति की पहचान है।
डॉ भारतेंदु झा के विषय में के बारे में प्रो. प्रसाद ने बताया कि आयुर्वेद के प्रति इनकी सच्ची निष्ठा रही है और रोगी के प्रति इनका करुणा की भावना देखने को मिली है। संस्था के विकास के लिए इन्होंने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है।इनके पास आने वाले रोगी इनके सरल व्यक्तित्व एवं चिकित्सा करने के आध्यात्मिक अंदाज से लाभान्वित होते आए हैं। डॉ राजेश्वर दुबे ने विदाई समारोह के अवसर पर बोलते हुए यह कहा कि लंबे समय तक हमने इस संस्था में इनके साथ कार्य किया है और मैं इनकी कार्यशैली से काफी प्रभावित हू।
डॉ भानु प्रताप सिंह ने विदाई समारोह के अवसर पर बोलते हुए कहा कि भारतेन्दु झा का सरल व्यक्तित्व एवं आयुर्वेद के प्रति सच्ची श्रद्धा रही है। इनकी योगदान को यह संस्था नहीं भुला सकती। नियमित रूप से संस्था में आना और रोगी को देखना यह इनकी विशेषता रही है। डॉ मुकेश कुमार, डॉ विजेंद्र कुमार, डॉ आनंद मिश्रा ने अपने हृदय के उदगार को व्यक्त करते हुए कहा कि सर की छत्रछाया में हम लोग आगे इस संस्था के लिए उत्कृष्ट कार्य करते रहेंगे। डॉ झा की प्रेरणा हमें प्रेरित करती रहेगी।
कार्यक्रम के आयोजक डॉ दिनेश कुमार ने विदाई समारोह की सार्थकता को बताते हुए यह कहा कि जिसकी विदाई जितनी ही उत्कृष्ट होती है, उसके जीवन का अगला पड़ाव उतना ही बहुमूल्य,सार्थक और सहज हो जाता है। हमारी विदाई हमारे द्वारा किए गए कर्मों की कुशलता का ही परिणाम होता है। इसलिए हमें अपने कर्मों को ईमानदारी पूर्वक करना चाहिए जैसा कि डॉ भारतेंदु झा ने समर्पण भाव से इस संस्था के लिए कार्य को किया है।
अभी अलविदा ना कहो दोस्तों न जाने कहां फिर मुलाकात हो संगीत के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ और सभी की आंखें विरह वेदना में नम हो गई। इस अवसर पर ललित कुमार, अजीत कुमार, बिरजू , अर्चना कुमारी, रूपम कुमारी, कमलेश कुमार आदि कर्मचारी उपस्थित थे। प्राचार्य सहित सभी कर्मचारियों ने डॉ भारतेंदु झा की लंबी आयु की कामना की।