मिथिला विवि के कुलपति और कुलसचिव ने शिक्षा जगत को लूट जगत बना दिया – छात्र संगठन।
हिंदी विभाग के सहायक प्राध्यापक अखिलेश की हो बर्खास्तगी -आइसा-छात्र राजद।
नालंदा के तर्ज पर उत्तर बिहार में एक खुला विवि का निर्माण कराए सरकार -आइसा- आइसा-छात्र राजद
दरभंगा 5 अगस्त,
नई शिक्षा नीति 2020 के खिलाफ विधान सभा से प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेजा जाय तथा बिहार में समान स्कूल शिक्षा प्रणाली को लागू किया जाए,
बिहार में दूरस्थ शिक्षा निदेशालय बन्द है। उतर बिहार में नालन्दा ओपन विवि के तर्ज पर एक खुला विवि का निर्माण कराने,
ललित नारायण मिथिला विवि के कुलपति-कुलसचिव सहित अन्य पदाधिकारियों की कार्यकाल की जांच करवाई करने,
छात्र-छात्रा से छेड़-छाड़ के आरोपी विवि हिंदी विभाग के सहायक प्राध्यापक को बर्खास्त करवाने,
सीएम लॉ कॉलेज में नामांकन कई साल से बन्द है। सीएम लॉ कॉलेज में नामाकन अभिलम्ब चालू करवाने,
ललित नारायण मिथिला विवि रिजल्ट में हेरा-फेरी व शेषण के मामले में पूरे देश मे प्रचलित है। समय पर परीक्षा और समय पर परिणाम की गारंटी करवाने,
तथा ललित नारायण मिथिला विवि के जमीन को कई दबंगो द्वारा कब्जा किया जा रहा है। लेकिन विवि प्रशासन की नजर उस पर नही है।इसकी अभिलम्ब जांच कमिटी बनाकर विवि के जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने सहित अन्य मांगों को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया गया।
प्रदर्शन जुलूस विवि कैंटिंन से निकल कर नरगौना गेट पर पहुंचा जहां जोरदार प्रदर्शन किया गया।
इस जुलूस का नेतृत्व आइसा विवि संयोजक सुनील कुमार, राजद विवि प्रभारी कृष्णा यादव, आइसा जिला अध्यक्ष प्रिंस राज, राजद विवि अध्यक्ष रजनीश कुमार यादव, आइसा जिला सचिव मयंक कुमार यादव कर रहे थे।
वहीं नारगौना गेट पर आइसा जिला सह सचिव राजू कर्ण, नागमणि कुमार छात्र राजद उपाध्यक्ष अभिषेक कुमार, धीरज प्रकाश ने संयुक्त रूप से प्रदर्शन किया।
इस अवसर पर आइसा विवि संयोजक सुनील कुमार, जिला अध्यक्ष प्रिंस राज, जिला सचिव मयंक कुमार यादव ने संयुक्त रूप से सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आज बिहार का शिक्षा जगत लूट के हवाले है। आज नई शिक्षा नीति लाकर पूरे देश मे शिक्षा जगत को निजीकरण में ढकेल दिया गया है। आज बिहार जैसे राज्य में नई शिक्षा नीति को लाकर पुनः दलित-गरीबो के बच्चों को शिक्षा से वंचित करने की साजिश रची जा रही है। उन्होंने कहा कि आज जरूरत है की बिहार के अंदर नई शिक्षा नीति के खिलाफ विधान सभा से प्रस्ताव पारित कर लागू करने की जरूरत है।
आगे आइसा नेताओ ने कहा कि आज विवि हिंदी विभाग के सहायक प्राध्यापक अखिलेश ने पूरे देश मे मिथिला विवि को बदनाम करने का काम किया है। लेकिन आज विवि प्रशासन उन पर कार्रवाई करने के बदले ट्रांसफर कर देती है। और मामले को दबाने में लगी हुई है। अगर विवि प्रशासन इस मामले में ठोस करवाई नही करती है तो आन्दोलन को और तेज किया जाएगा।
वही राजद के विवि प्रभारी कृष्णा यादव, विवि अध्यक्ष रजनीश कुमार यादव ने कहा कि आज मिथिला विवि शिक्षा जगत के बदले लूट जगत में तब्दील हो गया है। विवि में अधिकारीयों की मनमानी पूरे चरम पर है। रिजल्ट के मसले पर आज पूरे देश मे मिथिला विवि नाम रौशन कर रहा है। लेकिन आज तक कोई करवाई नही हुई। इतना बदनामी होने के बाद भी निजी डेटा सेंटर को लाकर रख दिया गया है। उन्होंने शिक्षा मंत्री से मांग किया कि विवि के कुलपति और कुलसचिव के पूरे कार्यकाल की जांच करवाई जाए तथा विवि में सरकारी डेटा सेंटर की स्थापना हो।
वक्ताओं ने मंत्री जी से उत्तर बिहार के लिए एक खुला विवि के निर्माण की मांग की है।
अंत मे शिक्षा मंत्री के नाम एक ज्ञापन शिक्षा मंत्री के सहायक को सौंपा गया। उन्होंने करवाई का आश्वासन भी दिया। उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री भी इसी विश्वविद्यालय के प्रोडक्ट है।
प्रदर्शन में आइसा से मोहम्मद हम्माद हाशमी, सुभाष कुमार, किसुन कुमार, नागमणि कुमार, निखिल कुमार, राहुल कुमार, जसम जिला सचिव समीर कुमार, जयदेव कुमार, बिसाल माझी, रिद्धि रानी, राजद से अभिषेक कुमार और धीरज प्रकाश , शिवम कुमार, रोहित कुमार, अंकित कुमार अंकुश कुमार समीर अल्फाज़ , सुभाष यादव,इमरान अल्फाज़ सहित कई लोग शामिल थे।