दरभंगा, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो सुरेंद्र प्रताप सिंह बुधदिन हुनकर आवास पर मिथिला रत्न सम्मानोपाधि सं अलंकृत कैल गेलाह. मैथिली के संवैधानिक अधिकार दिवस’क उपलक्ष्य मे 22-23 दिसम्बर कें उत्तर प्रदेश’क श्रीअयोध्याधाम मे आयोजित 19वें(उन्नीस’म) अंतरराष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन मे स्वास्थ्य कारण सबसँ हुनका ओतय नहि पहुंचबाक कारणे सम्मेलन दिस सं हुनका ई सम्मान सम्मेलन के महासचिव डॉ बैद्यनाथ चौधरी बैजू प्रदान कएलन्हि. हुनका ई सम्मान हुनकर कार्यकाल मे मैथिली भाषा के उन्नयन सहित हुनकर नेतृत्व में मिथिला के विभूति सब केँ सम्मान भाव मे भ रहल उत्तरोत्तर वृद्धि क’ लेल प्रदान कएल गेल . एहि अवसर पर डा बैजू के संग मैथिली के वरिष्ठ साहित्यकार सह दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के निदेशक डॉ अशोक कुमार मेहता, अंतरराष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन के मीडिया संयोजक प्रवीण कुमार झा, शोभा यात्रा प्रभारी विनोद कुमार झा, डॉ गणेश कांत झा, दुर्गानंद झा, आशीष चौधरी, पुरुषोत्तम वत्स, नवल किशोर झा, गिरधारी झा, मनोज कुमार झा, चंद्र मोहन झा आदि सेहो उपस्थित छलाह .

एहि अवसर पर डा बैजू कहलन्हि जे समस्त मिथिला वासी क’ लेल ई हर्ष केर विषय अछि जे ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय केर कुलपति के रूप में प्रो सुरेंद्र प्रताप सिंह क कार्यकाल नहि केवल विश्वविद्यालय केर सर्वांगीण विकास’क एकटा नव कीर्तिमान गढ़ि रहल अछि, बल्कि मिथिला आ मैथिली के उन्नयन मे सेहो स्वर्णिम काल साबित भ रहल अछि. हुनकर कुशल नेतृत्व मे एक दिस जतए पठन-पाठन में मैथिली के नवयुग केर संचार भ’ रहल अछि ओतहि , दोसर दिस हुनकर कृत्य सं मिथिला के महान विभूति सबकें सम्मान भाव में उत्तरोत्तर वृद्धि के संग पारंपरिक मैथिली आ एकर संरक्षण आ संवर्धन क’ लेल कृतसंकल्प विभिन्न सेवा संस्थान नित्य नव ऊर्जा प्राप्त करबा मे सक्षम साबित भ’ रहल अछि .
ओ कहलनि जे ई कुलपति प्रो सिंह’क सदाशयताये क’ परिणाम अछि जे हुनके मुख्य संरक्षण में विद्यापति सेवा संस्थान केर तत्वावधान में आयोजित 49 वां (उनचासम) मिथिला विभूति पर्व समारोह नहि केवल ऐतिहासिक रूप सं संपन्न भेल , बल्कि हालहि मे उत्तर प्रदेश’क श्रीअयोध्याधाम मे आयोजित कैल गेल 19 वां(उन्नीस’म) अंतरराष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन बहुतो साहित्यिक आ सांस्कृतिक उपलब्धि सब सं परिपूर्ण भ’के मिथिला आ अवध केर पुरातन संबंध के और बेसी मधुरतम बनएबामे सफल रहलाह.
मिथिला रत्न सम्मानोपाधि ग्रहण करबाक बाद अपन प्रतिक्रिया व्यक्त करैत कुलपति प्रो सुरेंद्र प्रताप सिंह कहलन्हि जे ओ एहि सम्मान के प्राप्त क बहुत बेसी प्रसन्नता के अनुभव क’ रहल छथि . वर्तमान समय में मिथिला’क नाम के आगू ल’ जेबा मे डा बैजू के नाम सबसं आगू अछि. यैह हिनकर जीवन अछि आ यैह हिनकर प्रयास सेहो छन्हि . ओ डा बैजू केर एहि जिजीविषा के नहि केवल कायल छथि, बल्कि एहि कारणेँ हुनकर अंतर्मन सं सम्मान सेहो करैत छथि. हिनकर प्रतिष्ठा अहिना आगू सेहो बनल रहन्हि ऐहन हमर शुभकामना अछि. ओ कहलन्हि जे मिथिला केर नाम प्राचीन कालहिसँ सबसं आगू रहैत आयल अछि, यैह आगू अहिना बनले रहै, ई हुनकर कामना अछि. ओ एहि सम्मान’क पूरा श्रेय डा बैजू क’ दैत कहलन्हि जे हम मिथिला वासी सबहक भरोस आ विश्वास पर स्पष्ट उतरबाक सतत प्रयास करब. मिथिला, मैथिली आ मैथिल’के सम्मान’क रक्षा के लेल सदैव प्रयास करब.
एहि अवसर पर ओ विद्यापति सेवा संस्थान केर तत्वावधान में मिथिला विभूति पर्व के स्वर्ण जयंती वर्ष समारोह’क मुख्य संरक्षक बनैल जेबाक प्रस्ताव के सहर्ष स्वीकार करैत कहलनि जे ई अत्यंत हर्ष केर विषय अछि जे विश्वविद्यालय केर स्थापना आ मिथिला विभूति पर्व एकहि संग साल 2022 में स्वर्ण जयंती वर्ष में प्रवेश क’ रहल अछि. ओ घोषणा कएलन्हि जे अगिला साल मिथिला के विभूति सब कें प्रतिमा स्थल के सौंदर्यीकरण के संगहि विश्वविद्यालय में स्थापित विद्यापति चेयर को क्रियान्वित कैल जाएत.