● महारानी कल्याणी महाविद्यालय में 76वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर शान से लहराया तिरंगा।*

● “हिंदुस्तान को समझना है तो पहले गांधी को समझना होगा।”*

● गाँधीजी द्वारा लिखित किताब:- “माय एक्सपेरिमेंट विद ट्रुथ व हिंद स्वराज” को हर हिंदुस्तानी को खासकर जरूर पढ़ना चाहिये।*

लनामिवि दरभंगा -आज दिनांक 15 अगस्त 2022 को 76वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर स्थानीय महारानी कल्याणी महाविद्यालय, लहेरियासराय, दरभंगा में प्रधानाचार्य प्रो० परवेज अख्तर की अध्यक्षता में झंडोत्तोलन कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस अवसर पर प्रधानाचार्य प्रो० परवेज अख्तर ने झंडोत्तोलन किया। जिसके बाद राष्ट्रगान आयोजित हुआ। उसके उपरांत उपस्थित छात्र-छात्राओं, शिक्षकों व कर्मियों के तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा महाविद्यालय परिसर भारत माता की जयकारों से गूंज उठा। वीर शहीदों के नाम से अमर रहे के नारे लगे।

इसके उपरांत अपने संबोधन में प्रधानाचार्य प्रो० परवेज अख्तर ने कहा कि राष्ट्र आज आजादी के 76वें स्वतंत्रता दिवस को पूरे हर्षोल्लास के साथ मना रहा है। लाखों जान न्योछावर करने के बाद देश को आजादी मिली। इस आजादी के मूल्य के अहमियत को देश के हर नागरिकों को समझना होगा। हिंदुस्तान की संस्कृति को इसकी विविधता ही निखारती है। इसी विविधता के वजह से हिंदुस्तान के सामने पूरा विश्व नतमस्तक है क्योंकि विविधता में एकता का ही दूसरा नाम है हिंदुस्तान।

गाँधीजी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए आगे अपने संबोधन में उन्होंने छात्र-छात्राओं को गाँधीजी के जीवन से प्रेरणा लेने के लिये कहा और बताया कि “हिंदुस्तान को समझना है तो पहले गांधी को समझना” होगा। गांधी जी मात्र एक राष्ट्रपिता ही नहीं थे बल्कि अगर कहा जाय तो 19-20 वीं सदी के वो विश्व के एक अवतार थे। आजादी के इस 76वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर गाँधीजी द्वारा लिखित किताब:- “माय एक्सपेरिमेंट विद ट्रुथ व हिंद स्वराज” को सभी छात्रों के साथ-साथ हर एक हिंदुस्तानी को खासकर जरूर पढ़ना चाहिये। तब पता चलेगा कि क्यों गांधी इतिहासकारों के लिये इतिहास, समाजशास्त्रियों के लिये समाजशास्त्र, अर्थशास्त्रियों के लिये अर्थशास्त्र, नेताओं के लिये राजनीतिशास्त्र, मीडिया के छात्रों के लिये पत्रकार, नीतिशास्त्रियों के लिये नीतिकार व दर्शनशास्त्रियों के लिये दर्शनशास्त्र थे।

अंत में 76 वें स्वतंत्रता दिवस व “आजादी के अमृत महोत्सव के समापन” के अवसर पर प्रधानाचार्य प्रो० परवेज अख्तर ने सभी शिक्षकों के साथ महाविद्यालय कैंपस में हरित पर्यावरण का संदेश देते हुए पांच नीम व आम का पेड़ लगाया और सभी से पेड़ लगाने का आह्वान करते हुए कहा कि “वृक्षारोपण धर्म महान, एक वृक्ष कई संतान समान।” पेड़ है तो जीवन है, इसीलिए ज्यादा से ज्यादा पेड़ों को लगाएं।

इस अवसर पर स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम प्रभारी शिक्षक डॉ० चंदन ठाकुर समेत सभी वरिष्ठ व कनिष्ठ शिक्षक व शिक्षिकाएं डॉ० शम्से आलम, डॉ० सरोज चौधरी, डॉ० ओम प्रकाश झा, डॉ० सच्चिदानंद मिश्रा, डॉ० आलोक प्रभात, डॉ० सुनीता कुमारी, डॉ० दिवाकर नाथ झा, डॉ० गीतांजलि चौधरी, डॉ० रश्मि प्रिया, डॉ० श्वेता शशि, डॉ० अंजनी चौधरी, डॉ० रंजीत कुमार, डॉ० कमलेश यादव, डॉ० शंभु राम, डॉ० रश्मि प्रिया, डॉ० रीना कुमारी, डॉ० डॉली कुमारी, डॉ० संजय कुमार महतो, डॉ० अभय कुमार, डॉ० संजय कुमार पदनामित प्रयोगप्रदर्शक रतन चौधरी, प्रधान सहायक कन्हाई चौधरी, अकाउंटेंट शेखर चौधरी समेत सभी शिक्षकेत्तर कर्मी व सैकड़ों छात्र-छात्रा उपस्थित थे।