•लक्ष्य के मानक के अनुरूप प्रमाणित हुआ अस्पताल।
•राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक एवं अपर कार्यपालक निदेशक ने डीपीएम व डीपीसी को लक्ष्य प्रमाणीकरण का दिया प्रमाणपत्र।
•सभी मापदंडों पर खरा उतरा अस्पताल का लेबर रूम।
समस्तीपुर, 29 अगस्त। समस्तीपुर के सदर अस्पताल का प्रसव कक्ष एवं ऑपरेशन थिएटर लक्ष्य सर्टिफाइड है। इस सम्बंध में भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने पत्र जारी कर दिया है।पत्र के माध्यम से बताया गया है कि नवंबर माह मे लक्ष्य प्रमाणीकरण को लेकर केंद्रीय टीम ने अस्पताल का अवलोकन किया था।
इस दौरान वहां व्याप्त सुविधा लक्ष्य के मानक के अनुरुप पाई गई। इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ एसके चौधरी ने बताया है कि अस्पताल ने लक्ष्य असेसमेंट के सभी मापदंडों को पूरा कर लिया है। इसको लेकर तीन स्तरों पर रैंकिंग की गई थी। दिसंबर माह में प्रसव कक्ष को 90% तथा मैटरनल ऑपरेशन थिएटर को 89% अंक हासिल हुआ था।
27 अगस्त 2022 को राज्य स्वास्थ्य समिति की बैठक में स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार के द्वारा लक्ष्य प्रमाणीकरण का प्रमाण पत्र राज्य को उपलब्ध करवाया गया था। जिसे राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक एवं अपर कार्यपालक निदेशक के द्वारा समस्तीपुर जिले के डीपीएम एवं डीपीसी को प्रमाण पत्र प्रदान किया गया।
तीन स्तर पर की गई थी रैंकिंग:
डीपीसी डॉ आदित्य नाथ झा ने बताया लक्ष्य कार्यक्रम के तहत तीन स्तर पर रैंकिंग की गई थी। जिसमें पहले स्तर पर जिला, दूसरे स्तर पर रीजनल एवं तीसरे स्तर पर राष्ट्रीय रैंकिंग की गई थी। प्रोत्साहन राशि प्राप्त करने के लिए अस्पताल को 75 अंक प्राप्त करना था, जबकि अस्पताल ने कही अधिक प्रसव कक्ष में व्याप्त सुविधा के मद्देनजर 90 % अंक तथा ऑपरेशन थिएटर के लिए 89% प्राप्त किया। लक्ष्य असेसमेंट के तहत सदर अस्पताल के लेबर रूम एवं ऑपरेशन थिएटर का लक्ष्य सर्टिफिकेशन हो गया है।
डीपीसी ने बताया लक्ष्य मानकों के अनुरूप जिला अस्पताल में सुविधाएं मिलने के कारण ही सदर अस्पताल को लक्ष्य के लिए प्रमाणित किया गया है। इसे लेकर सिविल सर्जन ने अस्पताल के सभी स्वास्थ्यकर्मियों को बधाई भी दी है।उन्होंने कहा है इस अस्पताल में सभी मूलभूत सुविधाओं का लाभ आमजनों तक पहुंचेगा।
भौतिक निरीक्षण कर 8 इंडीकेटरों की होती है जांच:
डीपीएम सोरेंद्र दास ने कहा कि लक्ष्य प्रमाणीकरण के 8 मानकों जिसमें मुख्य रूप से सेवा प्रावधान, रोगी का अधिकार, इनयूट्रस, सपोर्ट सर्विसेज, क्लिनिकल सर्विसेज, इंफेक्शन कंट्रोल, क्वालिटी मैनेजमेंट, आउटकम शामिल हैं । इन सभी आठों इंडिकेटरों के कुल 362 उपमानकों पर अस्पताल के प्रसव कक्ष एवं शल्य कक्ष का लगभग 6 से 9 महीनों तक लगातार क्वालिटी सर्किल (संस्थान स्तर पर), ज़िला कोचिंग दल (ज़िला स्तर पर) इसके अलावा क्षेत्रीय कोचिंग दल द्वारा लगातार पर्यवेक्षण एवं निरीक्षण कर आवश्यकता अनुसार सभी स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित किया जाता है। प्रशिक्षण के बाद अस्पताल का भौतिक निरीक्षण किया जाता और यह देखा जाता कि प्रशिक्षण लेने के बाद स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा कार्य किया जा रहा है या नहीं। . इसके साथ ही आठों इंडिकेटरों के अनुरूप नियमानुसार समुचित ढंग से रखा जाता है या नहीं, इससे संबंधित निरीक्षण किया जाता है।
सुविधाओं की ब्रांडिंग के लिए किया जाता है मूल्यांकन:
प्रसव कक्ष में देखभाल सुविधाओं के मूल्यांकन के बाद प्रसूति कक्ष और मैटरनिटी ऑपरेशन थियेटर में गुणवत्ता सुधार का मूल्यांकन राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्यूएएस) के माध्यम से किया जाता है। उसके बाद ही एनक्यूएएस पर 70% अंक प्राप्त करने वाली प्रत्येक सुविधाओं को लक्ष्य प्रमाणित सुविधा के रूप में प्रमाणित किया जाता है। इसके अलावा एनक्यूएएस स्कोर के अनुसार लक्ष्य प्रमाणित सुविधाओं की ब्रांडिंग की जाती है। 70 से 80 तक स्कोर पाने वाले अस्पताल को सिल्वर की श्रेणी में रखा जाता है। जबकि 81 से 90 तक स्कोर पाने वाले अस्पताल को गोल्ड की श्रेणी में रखा जाता है। वहीं 91 से 100 तक स्कोर पाने वाले अस्पताल को प्लेटिनम की श्रेणी में रखा जाता है। इन सभी को श्रेणियों में को प्रशस्ति पत्र व प्रोत्साहन के रूप में नकद राशि प्रदान की जाती है।
नवंबर माह में केंद्रीय टीम ने किया था निरीक्षण व मूल्यांकन कार्य:
लक्ष्य प्रमाणीकरण के लिए नवंबर माह में दिल्ली से आयी केंद्रीय टीम ने निरीक्षण व मूल्यांकन का कार्य किया था। लेबर रूम, सहित नवजात शिशु देखभाल कक्ष आदि में मौजूद स्वास्थ्य सुविधाओं व उपलब्ध संसाधनों पर अपनी संतुष्टि भी जतायी थी। इसके साथ ही मौजूद नर्सों व डॉक्टरों से दी जा रही सेवाओं व वयावहारिक रूप से दी जा रही सुविधाओं, चिकित्सीय उपकरणों के रखरखाव,इस्तेमाल के तरीके व मरीजों से संबंधित जानकारियों की रजिस्टर में इंट्री आदि तमाम बिंदुओं पर सकारात्मक नजरिया देखने को मिला था।
इन मानकों पर तय होते हैं पुरस्कार:
• अस्पताल की आधारभूत संरचना
• साफ-सफाई एवं स्वच्छता
• जैविक कचरा निस्तारण
• संक्रमण रोकथाम
• अस्पताल की अन्य सहायक प्रणाली
• स्वच्छता एवं साफ सफाई की स्थिति ।