शोकसभा में 2 मिनट का मौन रखकर पदाधिकारियों, शिक्षकों एवं शिक्षकेतर कर्मियों ने प्रो झा को दी श्रद्धांजलि।
दरभंगा। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के स्नातकोत्तर अर्थशास्त्र विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो राजकिशोर झा के 4 सितंबर, 2022 को आकस्मिक निधन के फलस्वरूप आज विश्वविद्यालय के सभागार में कुलपति प्रोफ़ेसर सुरेन्द्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में एक शोकसभा का आयोजन किया गया, जिसमें विश्वविद्यालय के पदाधिकारी, स्नातकोत्तर विभागों के प्राध्यापक एवं शिक्षकेतर कर्मियों ने भाग लिया।
ज्ञातव्य है कि प्रो झा ने अपना अध्यापन कार्य बिहार विश्वविद्यालय के आरडीएस कॉलेज, मुजफ्फरपुर से आरंभ कर स्थानीय सी एम कॉलेज, दरभंगा में 24 मार्च, 1973 को व्याख्याता के रूप में योगदान किया था। 01 फरबरी,1985 से उनकी प्रोन्नति उपाचार पद पर हुई, जबकि 19 जनवरी, 1989 को वे प्राचार्य के पद पर प्रोन्नत हुए। उनका स्थानांतरण विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग में 28 मार्च, 2003 को हुआ और वे 31 मार्च, 2003 को स्नातकोत्तर अर्थशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष बनाए गए।
इसके अतिरिक्त उन्होंने सामाजिक विज्ञान के संकायाध्यक्ष पद को भी सुशोभित किया। प्रो राजकिशोर झा 5 फरबरी, 2017 से 22 मार्च, 2017 तक विश्वविद्यालय के कार्यकारी कुलपति का भी दायित्व निर्वहन किया। वे 31 अगस्त, 2017 को स्नातकोत्तर अर्थशास्त्र विभाग से प्रचार्य के पद से सेवानिवृत्त हुए।
प्रो झा शालीन, सौम्य एवं प्रभावी व्यक्तित्व के धनी थे। अपने मृदुभाषी स्वभाव के कारण छात्र- छात्राओं एवं शिक्षक- शिक्षकेतर कर्मियों में वे काफी लोकप्रिय थे। वे कर्तव्यनिष्ठ, अनुशासन प्रिय तथा पठन- पाठन में रुचि रखने वाले प्रेरक शिक्षक थे। विश्वविद्यालय परिवार की ओर से शोकसभा में उनके निधन पर गहरी संवेदना प्रकट की गई तथा ईश्वर से प्रार्थना की गई कि उनकी दिवंगत आत्मा को परम शांति प्रदान करें तथा उनके शोक संतप्त परिवार को इस असहनीय वेदना को सहन करने की शक्ति प्रदान करें। शोकसभा में 2 मिनट का मौन धारण कर सदस्यों ने उनके प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की।
शोक प्रस्ताव पढ़ते हुए कुलसचिव प्रो मुश्ताक अहमद ने बताया कि प्रो झा अपने विषय के विद्वान शिक्षक एवं धार्मिक प्रवृत्ति के व्यक्ति थे, जिन्होंने हमेशा महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय को पूरा सहयोग किया।
प्रो राजकिशोर झा के छात्र रहे सी एम कॉलेज के अर्थशास्त्र के पूर्व विभागाध्यक्ष डा अवनि रंजन सिंह ने कहा कि प्रो झा अच्छे शिक्षक एवं स्वभाव से बेहतर व्यक्ति थे। वे कॉलेज के सभी कार्यों को करने में पूरा सहयोग करते थे। उनका करीब डेढ़ माह का अल्पकालीक कुलपति का कार्यकाल काफी अच्छा रहा था। स्नातकोत्तर हिन्दी विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो चन्द्रभानु प्रताप सिंह ने कहा कि उनका कार्यकाल स्मरणीय रहा है। वे कुशल प्रशासक, योग्य शिक्षक एवं सहृदय व्यक्ति थे। उनका असामयिक निधन शिक्षा जगत की अपूरणीय क्षति है।