दरभंगा, 09 सितम्बर 2022 :- जिलाधिकारी के कार्यालय प्रकक्ष में जिलाधिकारी राजीव रौशन की अध्यक्षता में भूमि-विवाद की सुनवाई एवं निदान को लेकर बैठक की गयी।
  
बैठक में हाल ही में बनाए गए भू-समाधान पोर्टल पर भूमि विवाद से संबंधित सभी मामले को अपलोड करने हेतु सभी थानाध्यक्षों को आदेश दिया गया।
  
जिलाधिकारी ने कहा कि भूमि-विवाद की सुनवाई व निष्पादन के समय यह ध्यान रखने की जरूरत है कि न्याय किस पक्षकार के साथ है, कानून की दृष्टि में किस पर कार्य करने की जरूरत है।
  
उन्होंने कहा कि ऐसा देखने को मिलता है कि छोटे छोटे भूमि-विवाद के अधिकतर मामले, जिनमें भूमि की कीमत बहुत कम रहती है, में विवाद मारपीट तक पहुँच जाती है, जबकि बड़े मामले(बड़े प्लॉट के मामले) का निष्पादन वैधानिक प्रक्रिया के माध्यम से होती है।
  
उन्होंने कहा कि ऐसे छोटे मामलों में स्थल भ्रमण करने पर ही वास्तविक स्थिति की जानकारी मिलती है, इसलिए संबंधित अंचलाधिकरी एवं थाना प्रभारी स्थल भ्रमण करें।
  
उन्होंने कहा कि लोक भूमि अतिक्रमण के मामले में अतिक्रमण हटाना अनिवार्य है, साथ साथ वास वहीन परिवारों को भूमि भी उपलब्ध कराना है।
  
अतिक्रमण के मामले में संबंधित एसडीएम सीआरपीसी की धारा 144 के साथ आईपीसी की धारा 188 का प्रयोग करें, जिसमे 2 वर्ष की सजा निर्धारित है।
  
उन्होंने का कि प्रायः देखा जाता है कि दो पक्षकार जिस जमीन के लिए लड़ रहे हैं, मामले के तह में जाने पर पता चलता है कि जमीन सरकार की है। इसलिए भूमि विवाद के मामले में सबसे पहले भूमि अभिलेख देखने की जरूरत है ।
  
जिलाधिकारी ने कहा कि थाना स्तर पर भूमि विवाद के जितने भी मामले लंबित है, उन सबों को तुरंत भू-समाधान पोर्टल पर अपलोड करा दिया जाए। सरकार के निर्देश के अनुसार भूमि विवाद से संबंधित सभी मामले की प्रवृष्टि भू-समाधान पोर्टल पर किया जाना है।
  
उन्होंने कहा कि लोक भूमि से अतिक्रमण हटाने के उपरान्त वहाँ सघन वृक्षारोपण करा दी जाए या सरकारी भवन निर्माण का प्रस्ताव दिया जा सकता है। ताकि दुबारा अतिक्रमण न हो सके।
  
बैठक में सहायक समाहर्त्ता सूर्य प्रताप सिंह, अनुमण्डल पदाधिकारी सदर स्पर्श गुप्ता, उप निदेशक, जन सम्पर्क नागेन्द्र कुमार गुप्ता, अनुमण्डल पुलिस पदाधिकारी सदर कृष्ण नन्दन कुमार, जिला सूचना एवं विज्ञान पदाधिकारी राजीव कुमार झा एवं अन्य संबधित पदाधिकारी उपस्थित थे। वहीं वरीय पुलिस अधीक्षक अवकाश कुमार, अनुमण्डल पदाधिकारी, बेनीपुर/बिरौल, अंचलाधिकारी एवं थानाध्यक्ष ऑनलाईन जुड़े हुए थे।