अभिषेक कुमार जिलाध्यक्ष, धर्मेश यादव जिला सचिव सहित 21 सदस्यीय जिला परिषद का हुआ चुनाव।
बंद पड़े मिलों को चालू करने व बाढ़ सुखाड़ के निदान के सवाल तेज होगा आन्दोलन।
23-24 सितंबर को राष्ट्रीय सम्मेलन के मौके पर आयोजित किसान महापंचायत में सैकड़ों किसान भी दरभंगा से करेंगे शिरकत।
किसानों के साथ हुए समझौता को लागू करने से भाग रही हैं मोदी सरकार – विशेश्वर यादव
लहेरियासराय, 9 सितंबर, अखिल भारतीय किसान महासभा का दरभंगा जिला का तीसरा सम्मेलन लहेरियासराय पोलो मैदान के इंडोर स्टेडियम के बरामदे पर , कॉमरेड रामचंद्र यादव नगर में आयोजित हुआ। सम्मेलन की अध्यक्षता केशरी कुमार यादव, प्रवीण यादव, सुरेंद्र यादव, दामोदर पासवान और मो0 शोएब की 5 सदस्यीय अध्यक्ष मंडल ने किया।
सम्मेलन का उदघाटन करते हुए अखिल भारतीय किसान महासभा के राज्य अध्यक्ष विशेश्वर यादव ने कहा कि आज मोदी सरकार किसान आंदोलन में हुए समझौता को लागू करने से भाग रही हैं। किसान विरोधी तीनों कृषि कानून को वापस लेने के साथ ही एम एस पी की गारंटी को लेकर आयोग गठित करना था जिसमें किसान आंदोलन से साथियों की अहम भूमिका रहना था। लेकिन सरकार अपने मन माफिक लोगों को रहकर किसानों को ठग रही हैं। आंदोलनकारियों पर से मुकदमे लेने, लखीमपुर के किसानों पर गाड़ी चलाकर जनसंहार करने वाले केंद्रीय गृह मंत्री को हटाने के मामले में भी सरकार चुप हैं। बिहार के विक्रमगंज में 23-24 को किसान महासभा हो रहे राष्ट्रीय सम्मेलन में 25 राज्यों से शामिल हो रहे किसान नेताओं व दिल्ली बॉर्डर पर चले आंदोलन के नेता शिरकत करेंगे जो किसान आंदोलन को आगे बढ़ाने को लेकर रूपरेखा तैयार करेंगे।
उन्होंने मिथिलांचल के किसानों की बड़ी भागीदारी का आह्वान किया। सम्मेलन को संबोधित करते हुए अभिषेक कुमार ने कहा कि मिथिलांचल के बंद पड़े मिल, बाढ़ -सुखाड़ – जल जमाव के निदान को लेकर किसान आंदोलन खड़ा करना वक्त की मांग हैं। किसान महासभा इसको लेकर जल्द ही अभियान तेज करेगा। सम्मेलन के सांगठनिक सत्र में राज्य अध्यक्ष के पर्यवेक्षण में 21 सदस्यीय जिला परिषद का चुनाव हुआ।
जिसमें अभिषेक कुमार जिला अध्यक्ष, केशरी कुमार यादव, रामविनोद यादव, प्रवीण यादव, मो लालू को जिला उपाध्यक्ष, धर्मेश यादव जिला सचिव और सुरेंद्र यादव, दामोदर पासवान, नागेंद्र यादव, कोमलकांत यादव सह सचिव चुने गए। सम्मेलन से राजवाड़ा में गरीबों पर चलाए गए बुल्डोजर और इसमें भाकपा(माले) नेता पप्पू खां की गिरफ्तारी व माले कार्यालय पर हमला के खिलाफ कड़े शब्दों में निंदा करते हुए पूरे मामले का जांच कराते हुए निर्दोष पप्पू खां सहित सभी को रिहा करने का प्रस्ताव पारित किया गया।