दरभंगा। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के स्नातकोत्तर संस्कृत विभाग में सितंबर 1979 से मई 1993 के बीच कार्यरत प्रो चन्डेश्वर झा का निधन उनके निवास स्थल प्रोफेसर कॉलोनी, दिग्घी पश्चिम, दरभंगा में कल दिनांक 9 सितंबर, 2022 को अपराह्न 4:00 बजे हो गया। इस आशय की जानकारी प्रो झा की छात्रा रही प्रो रेणुका सिंहा, उनके पड़ोसी प्रो बौआ नन्द झा तथा उनके दामाद उमाशंकर झा में विस्तार से दिया है।
ज्ञातव्य है कि प्रोफेसर झा काशी से परंपरागत संस्कृत- विद्या का अध्ययन करने के बाद साहित्याचार्य एवं संस्कृत सामान्य से एम ए भी किया था। वे विशेष रूप से व्याकरण एवं साहित्य के विशेषज्ञ थे। उन्होंने 1962 ईस्वी में मारवाड़ी कॉलेज, किशनगंज में व्याख्याता के रूप में योगदान किया था। बाद में वहां से सितंबर 1979 में मिथिला विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर संस्कृत विभाग में स्थान्तरित हुए, जहां से 31 मई, 1993 को सेवानिवृत्त हुए थे।
मधुबनी जिला के मढिया, बासोपट्टी के मूलनिवासी प्रो झा करीब 97 वर्ष की अवस्था में दिवंगत हुए हैं।
साधनातमक जीवन जीने वाले पंडित प्रो चण्डेश्वर झा के शिष्यों में प्रो रेणुका सिन्हा, प्रो जयप्रकाश नारायण, डा जयशंकर झा, डा सोमेश्वरनाथ झा ‘दधीचि’ सहित अनगिनत विद्वान प्राध्यापक, केन्द्रीय विद्यालयों के शिक्षक, अन्य शैक्षणिक संस्थानों व बैंकों आदि में कार्यरत कर्मी शामिल हैं।
प्रोफेसर झा के निधन की सूचना पाकर श्रद्धांजलि व्यक्त करने वालों में प्रो रेणुका सिन्हा, प्रो जीवानंद झा, डा आर एन चौरसिया, प्रो बौआ नन्द झा, डा घनश्याम महतो, प्रो जयप्रकाश नारायण, डा सोमेश्वर नाथ झा दधीचि, डा ममता पाण्डे, डा विकास सिंह, डा हरेराम झा, प्रो राजन कुमार, डा मीणा कुमारी ब्रह्माणी, प्रो प्रमोद साह, सुधीर चौधरी व उमाशंकर झा आदि के नाम शामिल हैं।