#MNN@24X7 दरभंगा, 19 अक्टूबर। जिलाधिकारी, दरभंगा के कार्यालय प्रकक्ष में जिलाधिकारी राजीव रौशन की अध्यक्षता में जैव चिकित्सा अपशिष्ट नियमावली- 2016 के तहत जिला स्तरीय अनुश्रवण समिति की बैठक आयोजित की गयी।
     
बैठक में दरभंगा जिले के सरकारी एवं निजी अस्पताल/क्लिनिक द्वारा जैव चिकित्सा अपशिष्ट का निष्पादन शत-प्रतिशत करवाने को लेकर चर्चा की गयी।
 
बैठक में सिविल सर्जन डॉ. अनिल कुमार ने बताया कि दरभंगा में सरकारी व गैर सरकारी मिलाकर लगभग 403 क्लिनिक हैं, जिनमें से 151 ही सूचीबद्ध हैं। जिन्होंने क्लिनिकल स्टाबलिस्ट एक्ट  के तहत प्राधिकार प्राप्त हैं, लेकिन 263 क्लिनिक ने बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद से अनुज्ञप्ति प्राप्त किया है।
    
बैठक में बताया गया कि दरभंगा में जैव चिकित्सा अपशिष्ट संग्रहण हेतु मेडिकेयर को जिम्मेवारी दी गयी है, जो चार तरह के पोली बैग यथा – लाल, नीला, सफेद और पीला पोली, सेवा लेने वाले 263 क्लिनिक को उपलब्ध कराती है एवं उनमें अलग-अलग प्रकार के जैव चिकित्सा अपशिष्ट संग्रहण करती है।
 
मेडिकेयर के प्रतिनिधि ने बताया कि किसी भी क्लिनिक से सूचना प्राप्त होने पर 48 घंटे के अन्दर वे उनके अपशिष्ट (कचरा) का संग्रहण कर लेते हैं।
 
जिलाधिकारी ने बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के अधिकारी को आदेश दिया कि वैसे क्लिनिक जिन्होंने अब तक प्राधिकार नहीं लिया है, उन्हें नोटिस किया जाए।
     
जिलाधिकारी ने कहा कि प्राधिकार लेने के उपरान्त क्लिनिक को अपने रोगी के लिए कुछ निर्धारित बुनियादी सुविधाएँ प्रदान करनी होती है, शायद इसी वजह से वे प्राधिकार नही लेते है। लेकिन यह जनहित में नही है।
 
बैठक में आई.एम.ए. के सचिव अमोद कान्त झा ने बताया कि अनिबंधित क्लिनिक के द्वारा ही यत्र-तत्र जैव चिकित्सा अपशिष्ट फेंका जाता है।
 
जिलाधिकारी ने सिविल सर्जन को सभी सरकारी अस्पतालों के लिए भी प्राधिकार, सी.टी.ई. एवं सी.टी.ओ. लेना सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।ताकि बाकी क्लिनिक के लिए एक नजीर बन सके।
     
उन्होंने कहा कि जिन चिकित्सीय क्लिनिक/संस्थानों द्वारा बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद को वार्षिक प्रतिवेदन नहीं भेजा जाता है, उन्हें भी सूचना दी जाए।
   
बैठक में नगर आयुक्त कुमार गौरव, सिविल सर्जन डॉ. अनिल कुमार, उप निदेशक, जन सम्पर्क नागेन्द्र कुमार गुप्ता एवं संबंधित पदाधिकारीगण उपस्थित थे।