डीएमसीएच में इलाजरत मरीज़ के परिजनों को मिलेगा आश्रय

सुबे में पटना के बाद दरभंगा में बनाया गया यह पांच मंजिला भवन   

आधुनिक बाथरूम, 24 घंटे बिजली, कैटिन व लिफ्ट की सुविधा से लैस

इलाजरत मरीज व परिजनों के ठहरने का होगा पुख्ता इंतजाम

नामिनल प्राइस पर कमरा बुक करा सकेंगे परिजन

#MNN@24X7 दरभंगा. डीएमसीएच में इलाज कराने आये मरीज व परिजनों को अब अस्पताल परिसर में ही ठहरने व खाने की समुचित व्यवस्था करायी जायेगी. अस्पताल परिसर में बने पावर ग्रिड विश्राम सदन का गुरुवार को केन्द्रीय विद्युत, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने इसका उद्घाटन किया. उसके उपरांत संचालन के लिये इसे दरभंगा मेडिकल कॉलेज प्रशासन को सुर्पूद करा दिया जायेगा. उसके बाद नॉमिनल शुक्ल निर्धारण के बाद इसे मरीज व परिजनों के लिये सार्वजनिक कर दिया जायेगा.

विदित हो कि पूरे सुबे में केवल दो जगह विश्राम सदन का निर्माण कराया गया है. पहला विश्राम सदन पटना आईजीआईएमएस में है, दूसरा डीएमसीएच परिसर में है. विश्राम सदन के निर्माण में 12.5 करोड़ खर्च किये गये हैं. विदित हो कि चिकित्सा कराने आये मरीज को भर्ती कराने के बाद इसमें ठहरने की व्यवस्था होगी. इससे दूर- दराज से आये परिजनों को लाभ होगा. वर्तमान समय में अस्पताल प्रशासन की ओर से परिजनों के ठहरने के लिये कोई इंतजाम नहीं किया गया है. इससे परिजनों को काफी परेशानी होती है.

खुले आकाश के नीचे रहने वाले को मिलेगा आश्रय
डीएमसीएच में इलाज कराने के लिये जिला के अलावा निकटवर्ती क्षेत्र सहित नेपाले से भी लोग पहुंचते हैं. विभिन्न विभागों में भर्ती कराने के बाद परिजन खुले आकाश के नीचे रहने को मजबुर हैं. प्रतिकुल मौसम में अस्पताल परिसर में जैसे- तैसे वक्त बीताते हैं. वहीं दूसरी ओर कई परिजन मरीजों को भर्ती कराने के बाद परिजन रेस्ट हॉउस के तलाश में भटकते हैं. इसमें उन्हें भारी शुल्क देना पड़ता है, लेकिन अब यह परेशानी दूर होने वाली है. इसके लिये इंतजार करना होगा. विश्राम सदन को हैँड ऑवर की प्रक्रिया के बाद ही इसे चालू किया जा सकेगा.  

जी प्लस में होंगे 260 बेड

विदित हो कि पांच मंजिला भवन में कुल 32 कमरा है. इसमें 260 बेड लगाये गये हैं. इस प्रकार प्रत्येक फ्लोर पर 12 बेड हैं. प्रत्येक तल पर दो पुरुष, दो महिला व एक दिव्यांग के लिये बाथरूम बनाया गया है. इसके साथ ही प्रत्येक तल पर दो हॉल भी निर्मित है. विदित हो कि 24 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति की व्यवस्था के लिये 85.5 केवीए का जनरेटर स्थापित किया गया है. ऊपरी मंजिल पर पहुंचने के लिये लिफ्ट की सुविधा है. जल संचयन के लिये तीस हजार लीटर का टैंक बनाया जा रहा है. वहीं खाने- पीने के लिये कैंटीन भी बनाया गया है. इस प्रकार इलाजरत मरीज व परिजनों के ठहरने, खाने- पीने व अन्य बुनियादी सुविधा के मद्देनजर इसका निर्माण कराया गया है. खासकर लंबे उपचार के लिये मरीजों को भर्ती कराने के बाद परिजनों को काफी सहुलियत होगी.