स्वैच्छिक रक्तदान कर पीड़ित मानवता की रक्षा करना समाजसेवा का सर्वोत्तम माध्यम- डा चौरसिया।
संस्था के अध्यक्ष नजरुल होदा, सचिव दिनेश चौधरी एवं कार्यक्रम संयोजक सतीश मंडल सहित 11 लोगों ने किया रक्तदान।
18 से 65 वर्ष का कोई भी स्वस्थ व्यक्ति हर 3 से 4 माह पर रक्तदान कर जीवन रक्षा का परम सौभाग्य प्राप्त करें- प्रत्यक्ष।
#MNN@24X7 दरभंगा। क्षेत्रीय रक्त केन्द्र, डीएमसीएच, दरभंगा के रक्त संग्रह टीम के सहयोग से सोसाइटी फर्स्ट एजुकेशन एंड सोशल फाउंडेशन, दरभंगा तथा लेट्स इंस्पायर, बिहार के संयुक्त त़त्त्वावधान में अतिहर पंचायत, दरभंगा के डीह बेरई गांव में स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें संस्था के अध्यक्ष नजरुल होदा, सचिव दिनेश कुमार चौधरी तथा कार्यक्रम संयोजक सतीश कुमार मंडल सहित 11 व्यक्तियों ने स्वैच्छिक रक्तदान किया, जिन्हें संस्था की ओर से तथा डीएमसीएच की ओर से प्रमाण पत्र प्रदान किया गया।
स्वैच्छिक रक्तदान शिविर में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के स्नातकोत्तर संस्कृत- प्राध्यापक डा आर एन चौरसिया ने कहा कि मानव रक्त बहुमूल्य है, जिसका कोई विकल्प नहीं है। क्योंकि मानव रक्त को न तो प्रयोगशाला में बनाया जा सकता है, न ही पशु- पक्षियों के रक्त को जरुरतमंद मानव को दिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि स्वैच्छिक रक्तदान कर पीड़ित मानवता की रक्षा करना समाजसेवा का सर्वोत्तम माध्यम है। एक यूनिट रक्तदान से तीन से चार व्यक्तियों की जीवन रक्षा की जा सकती है। विशेष रूप से दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति, ऑपरेशन वाले व्यक्ति, रक्त कैंसर, कम हीमोग्लोबिन वाले, थैलेसीमिया या डेंगू रोगी तथा प्रसव के समय महिलाओं को विशेष रूप से रक्त चढ़ाने की जरूरत होती है।
मुख्य वक्ता के रूप में आईजीआईएमएस, पटना मेडिकल कॉलेज के तृतीय वर्ष के मेडिकल छात्र प्रत्यूष नारायण ने कहा कि कोई भी 18 से 65 वर्ष का स्वस्थ व्यक्ति प्रत्येक तीन से चार माह के अंतराल पर रक्तदान कर जीवन रक्षा का परम सौभाग्य प्राप्त कर सकता है। रक्तदान से किसी प्रकार की शारीरिक कमजोरी नहीं होती है, बल्कि शरीर में रक्त निर्माण की गति तीव्र हो जाती है। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में इस तरह के शिविर लगाने हेतु आयोजकों को बधाई एवं धन्यवाद देते हुए कहा कि इस तरह के आयोजनों से रक्तदान के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ेगी तथा जरूरतमंदों को भी रक्त की कमी नहीं होगी।
सोसाइटी फर्स्ट एजुकेशन एंड सोशल वेलफेयर, दरभंगा के अध्यक्ष नजीरुल होदा ने रक्तदान शिविर आए अतिथियों रक्त संग्रह टीम रक्त दाताओं तथा आयोजन को सफल बनाने में सहयोग करने वाले सभी व्यक्तियों के साथ ही ग्रामीणों के प्रति धन्यवाद व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि रक्तदान करने से परम आनंद का अनुभव होता है मैंने सातवीं बार रक्तदान किया है। वहीं संस्था के सचिव दिनेश कुमार चौधरी ने बताया कि रक्तदान शिविर में कार्यक्रम के संयोजक सतीश कुमार मंडल, अध्यक्ष नजीरुल होदा, सचिव दिनेश कुमार चौधरी, मोहम्मद गुलाब, रामसागर, विक्की जयसवाल, मोहम्मद अजीज, नीतीश कुमार झा, सोनू जयसवाल, मो नियाज आलम, तथा मोहम्मद नोमान सहित 11 व्यक्तियों ने स्वैच्छिक रक्तदान किया।
कार्यक्रम के संयोजक सतीश कुमार मंडल ने बताया कि सभी रक्त दाताओं को सोसायटी फर्स्ट संस्था तथा क्षेत्रीय रक्त केन्द्र, डीएमसीएच, दरभंगा के द्वारा अलग- अलग दो प्रमाण पत्र शिविर में ही दिया गया, जबकि क्षेत्रीय रक्त केन्द्र के द्वारा रक्त दाताओं के मेल पर डोनर कार्ड एक सप्ताह के अंदर भेज दिया जाएगा। जिस कार्ड से रक्तदाता अथवा उनके परिचित कोई भी व्यक्ति बिहार में कहीं से भी 1 वर्ष के भीतर निःशुल्क ब्लड प्राप्त कर सकते हैं।
स्वैच्छिक रक्तदान शिविर में मिथिला इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मेडिकल साइंस, दरभंगा के निदेशक शाहिद अतहर, एल आई वी, दरभंगा के कैंपस समन्वयक अमन राज, अब्दुल मालिक, मो गुफरान, नाजिया हसन, रमण जी यादव, प्रभात कुमार झा तथा मोहम्मद जावेद सहित सैकड़ों ग्रामीण उपस्थित हुए।