जनता अब अपना विकल्प खुद बनाएगी।
बेतिया में होगा जन सुराज अभियान का पहला जिला अधिवेशन।
#MNN@24X7 लौरिया, पश्चिम चंपारण। जन सुराज पदयात्रा के 31वें दिन आज प्रशांत किशोर ने लौरिया प्रखंड के साहू जैन हाई स्कूल स्थित पदयात्रा शिविर में मीडिया से बात की। उन्होंने बताया कि 11 या 12 नवंबर को जन सुराज अभियान के पश्चिम चंपारण जिले का अधिवेशन बेतिया में होगा। वहां जिले के सभी लोग जन सुराज अभियान से जुड़े हैं, उपस्थित रहेंगे और लोकतांत्रिक तरीके से वोटिंग के माध्यम से तय करेंगे की दल बनना चाहिए अथवा नहीं। साथ ही पश्चिम चंपारण जिले के सभी बड़ी समस्यायों पर भी मंथन कर उसकी प्राथमिकताएं और समाधान पर निर्णय होगा।
प्रशांत किशोर ने मीडिया को बताया कि अबतक वो लगभग 300 किमी का सफर पदयात्रा के माध्यम से तय कर चुके हैं और प्रतिदिन लगभग 20 से 25 किमी की दूरी तय कर रहे हैं। पदयात्रा के दौरान जिन गांवों और पंचायतों से वो गुजर रहे हैं, वहां की समस्यायों का संकलन भी करते जा रहे हैं।
बिहार में राजनीति के दो धुर भाजपा और राजद हैं, जिसके बीच में नीतीश कुमार पेंडुलम की तरह लटके हुए हैं: प्रशांत किशोर।
प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि नीतीश कुमार पेंडुलम की तरह भाजपा और राजद के बीच लटके हुए रहते हैं। कभी इसके साथ तो कभी उसके साथ। उनके लिए कुर्सी सबसे महत्वपूर्ण है। महागठबंधन को जो लोग भाजपा के खिलाफ मजबूत विकल्प समझ रहे हैं वो भ्रम में हैं। उपचुनाव ख़त्म होते ही दोनों पार्टियों में सर फुटौवल चालू हो जाएगा। उन्होंने कहा था कि मिट्टी में मिल जाऊंगा लेकिन भाजपा के साथ नहीं जाऊंगा और कितनी आसानी से वो भाजपा के साथ चले गए। लोगों का नीतीश कुमार से विश्वास ख़त्म हो गया है। उन्हें डर है कि नीतीश फिर से पलटी ना मार दें। जदयू का राजनीतिक भविष्य ख़त्म हो चूका है।
बिहार सरकार के कामकाज पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, “सरकार से लोगों की उम्मीद ख़त्म हो गई है। लोगों के भीतर बहुत गुस्सा है। लालू-नीतीश के काम को अगर काम मान भी लें तब भी बिहार अभी बहुत पिछड़ा है। ग्रामीण सड़कों की स्थिति बहुत ख़राब है। लोग भारी बिजली के बिलों से परेशान हैं। नल-जल योजना का भी हाल बेहाल है। सरकारी दबाव में आकर अधिकारीयों ने गांवों को गलत ODF घोषित कर दिया है। कृषि की लागत बढ़ी है और कमाई घट गई है। पश्चिम चंपारण के लोग फ़्लैश फ्लड से परेशान हैं और विधायक, सांसद नदारद हैं। अधिकारियों को भी क्षेत्र का दौरा करने के लिए फुर्सत नहीं है। विधायक बिना कागज़ देखे अपने क्षेत्र के 35-36 पंचायतों के नाम तक नहीं बता सकते।”
संजय जायसवाल के आरोप पर प्रशांत किशोर का पलटवार।
प्रशांत किशोर ने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल के आरोप पर भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि संजय जायसवाल को पता है कि मैं नीतीश कुमार से रोज बात करता हूं, उनकी सरकार है, मेरा नंबर पहले से पेगासस की लिस्ट में है, जांच करवा लें। संजय जायसवाल की घबराहट ये है की बैठे-बैठे उनको और उनके दल को जो फ्री का वोट मिलता रहा है, वो इस नाम पर मिलता रहा है की जो लोग लालू को वोट नहीं देना चाहते, वो भाजपा से नाराज होकर भी भाजपा को वोट दे देते हैं। लालू लोगों भाजपा का डर दिखाकर वोट मांगते हैं। अब इन लोगों की छटपटाहट ये है कि अगर जनता ने मिलकर अपना विकल्प बना लिया तो फिर उनको कौन वोट देगा, इसी बौखलाहट में बेचारे अनाप-शनाप बक रहे हैं।