सी एम कॉलेज, दरभंगा में संचालित 6 सर्टिफिकेट कोर्सों में नामांकित छात्रों का दीक्षारंभ कार्यक्रम सम्पन्न।

डॉ फूलो, प्रो विश्वनाथ, विशाल गौरव, डा चौरसिया, प्रो रितिका,डा मशरूर, डा ललित व डा मनोज आदि ने रखे महत्वपूर्ण विचार।

कैरियर ओरिएंटेड कोर्स कर छात्र हों समाजोपयोगी एवं राष्ट्रनिर्माण में बने सहयोगी- डा फूलो।

टैलेंट जन्मजात नहीं, बल्कि कठिन मेहनत एवं निरंतर अभ्यास से प्राप्त करना संभव- विशाल गौरव।

छात्र समय की मांग को देखते हुए रोजगार परक सर्टिफिकेट कोर्स कर रोजगार दाता बनें- प्रो विश्वनाथ।

फॉरेन ट्रेड एवं क्रिएटिव राइटिंग एंड ट्रांसलेशन में नौकरी एवं रोजी- रोजगार की अपार संभावना।

सी एम कॉलेज, दरभंगा में कैरियर ओरिएंटेड प्रोग्राम के तहत संचालित एक वर्षीय 6 सर्टिफिकेट कोर्सों में नामांकित छात्र- छात्राओं का दीक्षारंभ कार्यक्रम ऑनलाइन आयोजित किया गया। कार्यक्रम में प्रधानाचार्य डा फूलो पासवान, पूर्व प्रधानाचार्य प्रो विश्वनाथ झा, दरभंगा पब्लिक स्कूल के निदेशक विशाल गौरव, पत्रकारिता के कोऑर्डिनेटर डा आर एन चौरसिया, फॉरेन ट्रेड के कोऑर्डिनेटर प्रो रितिका मौर्या, पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान के कोऑर्डिनेटर डा मसरूर सोगरा, ई-कॉमर्स के कोऑर्डिनेटर डा ललित शर्मा तथा क्रिएटिव राइटिंग एंड ट्रांसलेशन के कोऑर्डिनेटर डा मनोज कुमार सिंह आदि ने महत्वपूर्ण विचार रखे।

कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए प्रधानाचार्य डा फूलो पासवान ने सर्टिफिकेट कोर्सों में नामांकित छात्र- छात्राओं को बधाई एवं शुभकामना देते हुए कहा कि कैरियर ओरिएंटेड कोर्स कर छात्र समाजोपयोगी बने तथा राष्ट्र- निर्माण के सहभागी भी हों। उन्होंने कहा कि इन कोर्सों को कर छात्र विभिन्न क्षेत्रों के लिए कुशल एवं योग्य बनते हैं जो खुद भी नौकरी एवं रोजगार प्राप्त कर सकेंगे तथा दूसरों को भी रोजगार प्रदान करेंगे।

मुख्य वक्ता के रूप में विशाल गौरव ने कहा कि टैलेंट जन्मजात नहीं होता, बल्कि इसे प्राप्त करने के लिए कठिन मेहनत एवं निरंतर अभ्यास की जरूरत होती है। उन्होंने छात्रों को कम्युनिकेशन स्किल, क्रिएटिविटी, क्रिटिकल थिंकिंग, कोलैबोरेशन भाव तथा कंप्यूटर ज्ञान में निरंतर वृद्धि करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि छात्र इन सर्टिफिकेट कोर्सों को करें, क्योंकि इनकी मार्केट में काफी मांग है। वर्तमान समय में टीमवर्क का भी काफी महत्व बढ गया है। इसलिए उन्होंने कुछ प्रोजेक्टों को छात्रों द्वारा सामूहिक रूप से करवाने के महत्व पर बल दिया।

अध्यक्षीय संबोधन में प्रो विश्वनाथ झा ने कहा कि छात्र समय की मांग को देखते हुए रोजगारपरक सर्टिफिकेट कोर्स कर रोजगारदाता बनें। उन्होंने कहा कि सी एम कॉलेज ज्ञान की पवित्र भूमि है, जहां मनोयोग से पढ़ने वाले छात्र निश्चय ही सफल होते हैं। वर्तमान युग ज्ञान का युग है। छात्र अपनी सामान्य पढ़ाई करते हुए इन रोजगारपरक कोर्सों को उचित रूप से करते हुए कुशल एवं योग्य बनें।

विषय प्रवेश कराते हुए कोर्सों के चीफ कोऑर्डिनेटर डा आर एन चौरसिया ने कहा कि यूजीसी के निर्देशानुसार आयोजित इंडक्शन प्रोग्राम छात्रों के लिए काफी उपयोगी है। इसके माध्यम से छात्रों में उत्तरदायित्व का बोध, आंतरिक क्षमता का विकास, शिक्षकों व साथी छात्रों से परिचय तथा अपने महाविद्यालय में उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी प्राप्त होती है। दीक्षारंभ से छात्र सहजता का अनुभव करते हैं, उनकी शैक्षणिक रुचि बढ़ती है तथा गुरु- शिष्य संबंध भी मजबूत होता है।

फॉरेन ट्रेड की कोऑर्डिनेटर प्रो रितिका मौर्या ने बताया कि दो देशों के मध्य उपलब्ध संसाधनों का आदान-प्रदान ही विदेशी व्यापार है। मार्च 2020 के डाटा के अनुसार भारत के कुल जीडीपी का 48% भाग विदेशी व्यापार से प्राप्त हुआ। विश्व के 190 देशों को भारत अपना सामान बेचता है, जबकि 140 देशों से विदेशी व्यापार द्वारा सामान खरीदता है। आज अंतरराष्ट्रीय व्यापार के बिना कोई भी देश अधिक विकास नहीं कर सकता है। फॉरेन ट्रेड में सरकारी व प्राइवेट नौकरियों एवं रोजी- रोजगार की व्यापक संभावनाएं हैं। इस क्षेत्र में कम से कम दो से तीन लाख प्रतिवर्ष की सैलरी प्रदान की जाती है।
क्रिएटिव राइटिंग एंड ट्रांसलेशन के कोऑर्डिनेटर डा मनोज कुमार सिंह ने कहा कि इस कोर्स को करने से छात्रों में सृजनशीलता की कुशलता आती है।वे बेझिझक अंग्रेजी बोलना एवं लिखना, ड्राफ्टिंग करना सीखने के साथ ही अच्छे अनुवादक भी बनते हैं, जिनका सरकारी एवं गैर सरकारी कार्यालयों में काफी मांग बढ़ी है।


डा मसरूर सोगरा ने पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान की विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि पुस्तकें व्यक्ति को हुनरमंद एवं अच्छा व उपयोगी इंसान बनाते हैं। विद्यालयों, महाविद्यालयों एवं पब्लिक पुस्तकालयों में इन कोर्सों को करने वाले छात्रों को नौकरी प्राप्त होती है। वहीं डा ललित शर्मा ने ई-कॉमर्स के स्वरूप एवं उसके महत्व को बताते हुए कहा कि इस क्षेत्र में नौकरी एवं रोजगार की काफी संभावनाएं हैं।
ऑनलाइन माध्यम से आयोजित इस छात्र- प्रेरण कार्यक्रम में एक सौ छात्र-छात्राओं ने भाग लिया, जिनमें अमरजीत कुमार आदि ने काफी सहयोग किया, जबकि काजल कुमारी एवं छोटी कुमारी ने मंगलमय दिन आजु हे पाहुन छत आयल… स्वागत गान प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का अंत राष्ट्रगान के सामूहिक गायन से हुआ।
डा ललित शर्मा के सफल संचालन में आयोजित कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत प्रो रितिका मौर्या ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन डा मनोज कुमार सिंह ने किया।