-मैथिली भाषा में प्रकाशित विज्ञान पत्रिका ‘विज्ञान रत्नाकर’ साइलेंट सेल्समैन की निभायेगी भूमिका

-सीएम साइंस कॉलेज में विज्ञान पत्रकारिता पाठ्यक्रम शुरू करने पर हुआ गंभीर विचार

प्रेसवार्ता को संबोधति करते विज्ञान प्रसार विभाग के निदेशक नकुल पराशर, डीवाआई पाटील विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. प्रभात रंजन, प्रधानाचार्य प्रो. दिलीप कुमार चौधरी व अन्य।

#MNN@24X7 दरभंगा। आम जनमानस में वैज्ञानिक चेतना जगाना विज्ञान प्रसार विभाग का मुख्य मकसद है। इसमें मैथिली भाषा में प्रकाशित विज्ञान पत्रिका ‘विज्ञान रत्नाकर’ साइलेंट सेल्समैन की भूमिका निभा सकता है। मैथिली भाषा में विज्ञान के प्रसार-प्रचार को लेकर सीएम साइंस कॉलेज के साथ हुए करार के तहत महाविद्यालय में दो दिवसीय वर्कशॉप का आयोजन किया गया है। आगे और भी अनेक कार्यक्रम होने हैं। उक्त बातें सोमवार को सीएम साइंस कॉलेज में प्रेसवार्ता को संबोधित करते भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय की स्वायत्त संस्था ‘विज्ञान प्रसार’ के निदेशक डॉ. नकुल पराशर ने कही।

उन्होंने कहा कि विज्ञान प्रसार विभाग विगत 33 वर्षों से विज्ञान के प्रसार-प्रचार के लिए कार्य कर रहा है। इसके साथ ही लगातार चार वर्षों से क्षेत्रीय भाषाओं में विज्ञान के विकास को लेकर कार्य कर रहा है। यह सफर विभाग के लिए मील का पत्थर साबित हुआ है। मैं मैथिली भाषी विज्ञान विषय के विशेषज्ञों से आग्रह करना चाहता हूं कि वे अपना आलेख मैथिली भाषा में प्रकाशित होने वाली विज्ञान पत्रिका विज्ञान रत्नाकर में अनिवार्य रूप से देकर सहयोग करें। निदेशक ने कहा कि विज्ञान प्रसार विभाग सीएम साइंस कॉलेज में विज्ञान पत्रकारिता पाठ्यक्रम शुरू करने को लेकर भी प्रधानाचार्य से विचार-विमर्श किया है।

वरिष्ठ वैज्ञानिक कपिल त्रिपाठी ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि विज्ञान प्रसार विभाग मैथिलीवासियों को अपनी मातृभाषा की सेवा करने का अवसर प्रदान कर रहा है। अब विषय विशेषज्ञों की जिम्मेदारी है कि वे मैथिली भाषी बच्चों में विज्ञान के प्रति रुचि जाने का कार्य करें। साथ ही कई माध्यमों का प्रयोग करके मैथिली में विज्ञान की साम्रगियों को विकसीत करें और बच्चों में वैज्ञानिक रुचि और जागरूकता पैदा करें।

वरिष्ठ पत्रकार और मीडिया गुरु मानवर्धन कंठ ने कहा कि विज्ञान प्रसार विभाग की मदद से जल्द ही मैथिली भाषा में विज्ञान वेब सीरीज का निर्माण शुरू किया जाएगा। इसमें मैथिली भाषी अगर कोई भी व्यक्ति वेब सीरीज में अपनी भूमिका निभाना चाहते हैं तो उन सभी व्यक्तियों का स्वागत है। प्रेसवार्ता में डीवाआई पाटील विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. प्रभात रंजन और सीएम साइंस कॉलेज के प्रधानाचार्य प्रो. दिलीप कुमार चौधरी भी मौजूद थे।