ताज होटल (सुधा मिल्क कॉर्नर) से एक बाल श्रमिकों को कराया गया विमुक्त।
विमुक्त बाल श्रमिकों को बाल गृह में रखा जाएगा।
#MNN@24X7 दरभंगा, 09 नवम्बर- श्रम अधीक्षक राकेश रंजन के द्वारा बाल श्रमिकों की विमुक्ति हेतु बेनीपुर नगर परिषद क्षेत्र अंतर्गत विभिन्न दुकानों एवं प्रतिष्ठानों में धावा दल की टीम के द्वारा सघन जांच अभियान चलाया गया।
जाँच के क्रम में प्रतिष्ठान ताज होटल (सुधा मिल्क कॉर्नर), बेनीपुर ब्लॉक के सामने से एक बाल श्रमिक को विमुक्त कराया गया। उन्होंने कहा कि विमुक्त बाल श्रमिक को बाल कल्याण समिति, दरभंगा के समक्ष उपस्थापित कर निर्देशानुसार उन्हें बाल गृह में रखा गया है।
उन्होंने आगे कहा कि बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986 के तहत नियोजक के विरुद्ध संबंधित थाने में प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है ।
श्रम अधीक्षक ने इस संबंध में बताया कि बाल श्रमिकों से किसी भी दुकान या प्रतिष्ठान में कार्य कराना बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986 के अंतर्गत गैरकानूनी है तथा बाल श्रमिकों से कार्य कराने वाले व्यक्तियों को 20 हजार से 50 हजार रुपये तक का जुर्माना और 2 वर्षों तक के कारावास का प्रावधान है ।
इसके अतिरिक्त माननीय सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा एम सी मेहता बनाम तमिलनाडु सरकार 1996 मामले में दिए गए आदेश के आलोक में नियोजकों से 20 हजार रुपये प्रति बाल श्रमिक की दर से अलग से राशि की वसूली की जाएगी जो जिलाधिकारी के पदनाम से संधारित जिला बाल श्रमिक पुनर्वास सह कल्याण कोष में जमा किया जाएगा। इस राशि को जमा नहीं कराने वाले नियोजक के विरुद्ध एक सर्टिफिकेट केस या नीलाम पत्र वाद अलग से दायर किया जाएगा।
उक्त धावा दल टीम के सदस्य के रूप में किशोर कुमार झा, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, बेनीपुर, लक्ष्मण कुमार झा, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, सिंहवाड़ा, मनीष कुमार श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, जाले के साथ-साथ चाइल्डलाइन के सदस्य अमरेश कुमार झा, ईफिकोर संस्था के निवेश कुमार, सेव द चिल्ड्रन के जिला समन्वयक सहाब हसन खान, पुलिस केन्द्र, दरभंगा से एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट के पुलिसकर्मी शामिल थे।
उन्होंने कहा कि धावा दल टीम के द्वारा बेनीपुर नगर परिषद क्षेत्र एवं प्रखंड स्थित सभी दुकान एवं प्रतिष्ठानों में सघन जांच की गई तथा सभी नियोजको से किसी भी बाल श्रमिक को नियोजित नहीं करने हेतु एक शपथ पत्र भरवाया गया तथा सभी दुकानों एवं प्रतिष्ठानों में बाल श्रम मुक्त परिसर से संबंधित स्टीकर भी चिपका गया ।
श्रम अधीक्षक के द्वारा बताया गया कि धावा दल नियमित रूप से प्रत्येक सप्ताह संचालित होगा तथा दरभंगा शहर के साथ-साथ सभी अनुमंडल मुख्यालय एवं प्रखंड मुख्यालयों में भी संचालित की जाएगी तथा बाल श्रमिकों की विमुक्ति एवम बाल श्रमिकों को नियोजित करने वाले नियोजकों के विरुद्ध कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।