#MNN@24X7 दरभंगा, 12 नवम्बर 2022 :- दरभंगा, समाहरणालय अवस्थित बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेदकर सभागार में जिलाधिकारी राजीव रौशन की अध्यक्षता में जिले में सर्पदंश से हुई मौत के लिए मुआवजा प्राप्त करने हेतु प्रेषित मामलों के निष्पादन को लेकर संबंधित पदाधिकारियों, सिविल सर्जन, तकनीकी पदाधिकारी एवं संबंधित अंचलाधिकारियों एवं थानाध्यक्षों के साथ समीक्षा बैठक आयोजित की गयी।
  
बैठक में कुल 18 मामलों की समीक्षा की गयी। समीक्षा के दौरान 01-01 मामलें में शव परीक्षण प्रतिवेदन (पोस्टमार्टम रिपोर्ट) की समीक्षा की गयी एवं फॉरेंसिक साईंस लेबोरेटरी रिपोर्ट से भी उसका मिलान किया गया।
 
समीक्षा के दौरान कई मामले गलत पाये गये हैं। प्रथम दृष्टया पोस्टमार्टम करने वाले दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पातल के चिकित्सक द्वारा बताया गया कि कई शव परीक्षण में सर्पदंश के दो चिन्ह भी नहीं पाए गये हैं,जैसा वांछनीय है। किसी-किसी शव में ब्लेड मारकर चिन्ह बनाया गया है और उन शवों का एफ.एस.एल रिपोर्ट से मिलान करने पर भी तथ्य  सही नहीं पाया जा रहा है।
    
इस तरह के एक मामलें में, जो बिरौल थाना से संबंधित है और उस मामलें में मृत्यु जहर खाने से हुई है, प्रमाणित हो चुका है, लेकिन मुआवजा हेतु सर्पदंश का मामला बनाकर दावा किया गया है। इस मामलें में जिलाधिकारी द्वारा वरीय पुलिस अधीक्षक को संलिप्त व्यक्तियों के विरूद्ध फर्जीवाड़ा करने के लिए कानूनी कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया है।
 
उल्लेखनीय है कि *बिहार सरकार द्वारा सरकार के खजाना पर आपदा पीड़ितों का प्रथम अधिकार* मानते हुए सर्पदंश से मृत्यु के मामलें में पीड़ित व्यक्ति के आश्रित परिवार को 04 लाख रूपये का मुआवजा दिया जाता है।
    
मुआवज़ा के लिए दवा किये गए कई मामले में यह देखा जा रहा है कि सामान्य मृत्यु के मामले को भी सर्पदंश से मृत्यु का मामला बनाने का प्रयास किया गया है।
 
जिला प्रशासन द्वारा ऐसे लोगों के विरूद्ध कानूनी कार्रवाई करने जा रही है।
    
जिलाधिकारी ने बैठक में कहा कि यदि किसी की मृत्यु सर्पदंश से होती है, तो तुरंत उसका पोस्टमार्टम करवाया जाए। इसके लिए उन्होंने प्रत्येक थाना प्रभारी को अपनी ओर से अधिकृत किया है, कि शव परीक्षण के मामले में थाना प्रभारी के अनुरोध पत्र को डीएमसीएच द्वारा जिलाधिकारी का अनुरोध पत्र माना जाए और डी.एम.सी.एच. देर रात्रि में भी शव परीक्षण कर लें। बिसरा रिपोर्ट के लिए बिसरा पटना एफ.एस.एल. में जाँच हेतु भेजा जाए, ताकि शीघ्र प्रतिवेदन प्राप्त हो सके एवं पीड़ित परिवार को त्वरित मुआवजा का भुगतान किया जा सके।
 
बैठक में सिविल सर्जन डॉ. अनिल कुमार, उप निदेशक, जन सम्पर्क नागेन्द्र कुमार गुप्ता, प्रभारी पदाधिकारी आपदा सत्यम सहाय, भूमि सुधार उप समाहर्त्ता, सदर राकेश कुमार रंजन, भूमि सुधार उप समाहर्त्ता, बिरौल/बेनीपुर मो. यूनुस अंसारी, एफ.एस.एल., मुजफ्फरपुर के पदाधिकारीगण, शव परीक्षण करने वाले डी.एम.सी.एच. के संबंधित चिकित्सक, सभी अंचलाधिकारी, सभी संबंधित थानाध्यक्ष उपस्थित थे।