-होमी भाभा के चिकित्सकों ने कराया इलाज
-कैंसर की शीघ्र पहचान कैंसर मुक्त होना आसान

समस्तीपुर ,13 नवंबर। अगर जीने का जज्बा हो तो उसे मौत भी मात नहीं दे सकती है। यह बात चरितार्थ होती है, गिट्टी देवी पर, जो मूल रूप से कल्याणपुर प्रखंड के जय नारायण बल्हा गांव की रहने वाली हैं। गिट्टी देवी 2021 में अपने परिवार के साथ दिल्ली में रहती थी। वह सुख पूर्वक जीवन जी रही थी, परंतु शायद उनकी खुशी को किसी की नजर लग गई। मार्च 2021 में गिट्टी देवी के दाहिने सीने में एक छोटा सा दाना निकला और वह कुछ ही दिनों में एक बड़ा सा घाव का रूप ले लिया। उसमें बहुत ज्यादा दर्द होने लगा, जिससे पीड़ित होकर उनके परिजन ने उन्हें दिल्ली में सुरभि अस्पताल में भर्ती करवाया। कुछ उपचार होने के बाद उनकी स्थिति में कुछ सुधार हुआ। इसके बाद वे लोग दिल्ली से वापस अपने गांव आ गए। गांव आने के बाद उन्हें दोबारा सीने में दर्द, बेचैनी आदि होने लगी। वे लोग सदर अस्पताल पहुंचे, जहां के डॉक्टरों ने उन्हें होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र की एक इकाई जो समस्तीपुर सदर अस्पताल में अवस्थित है, उसमें जाने को कहा । यहां पहुंचने के बाद उनका एक्स-रे, यूएसजी टेस्ट आदि करवाया गया। कैंसर संभावित मरीज होने की स्थिति को देखते हुए उन्हें होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र मुजफ्फरपुर भेजा गया। जहां डॉ शांतनु के नेतृत्व में मैमोग्राफी टेस्ट करवायी गयी। जिसमें गिट्टी देवी कैंसर पॉजिटिव पायी गई। अप्रैल 2022 को उनकी सर्जरी हुई। ऑपरेशन सफल रहा और अभी वह स्वस्थ जीवन जी रही हैं।

परिवार के लिए आर्थिक संकट का दौर:

इलाज के दौरान उनकी आर्थिक स्थिति बहुत ही दयनीय हो गई थी। इलाज में अत्यधिक पैसा खर्चा होता जा रहा था, जिसके कारण जमीन गिरवी रखनी पड़ी। परंतु सरकार के द्वारा उन्हें अनुदान की राशि भी प्राप्त हुई है जिसके कारण वे कुछ राहत महसूस कर रही हैं।

एक डर जो हमेशा मन में समाए था:

गिट्टी बताती हैं कि बीमार होने के दौरान उन्हें दर्द से ज्यादा तकलीफ उन्हें सामाजिक ताना के रूप में मिलता था। हर कोई यही बताता था कि अब वह जीवित नहीं रह पाएगी। जिससे उन्होंने डटकर सामना किया। वे बताती हैं कि अक्सर ऐसी अवस्था में लोग जीने की आस छोड़ देते हैं ,परंतु हमें हौसला रख कर बीमारी से लड़ना चाहिए क्योंकि उसी में जीत है।

कैंसर की शीघ्र पहचान कैंसर मुक्त होना आसान:

होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र की डॉ खुशबू बताती हैं कि महिलाओं में स्तन कैंसर की अधिक संभावना होती है। हम स्तन कैंसर को पूरी तरह तो रोक नहीं सकते पर हम एक काम कर सकते हैं कि इसकी जल्द से जल्द पहचान कर सकते हैं । जल्द पहचान से जीवन बचता और इलाज का खर्च भी कम होता है।

इसके निम्नांकित लक्षण होते हैं;

-स्तन के अंदर या कांख में गांठ या घाव.
-निप्पल में से स्राव आना.
-स्तन की बाहरी त्वचा का रंग या पोत में बदलाव
-स्तनाग्र की दिशा में बदलाव अंदर की ओर खींचना।