शोध-कार्य को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से केन्द्रीय पुस्तकालय को आधुनिक स्वरूप देने का कार्य प्रगति पर- कुलपति।
#MNN@24X7 ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के कुलपति प्रोफेसर सुरेन्द्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में शिक्षा संकाय के पीजीआरसी की बैठक विश्वविद्यालय सभागार में संपन्न हुई, जिसमें कुल 88 शोध प्रारूपों की स्वीकृति प्रदान की गई।
अध्यक्षीय संबोधन में कुलपति प्रोफेसर एस पी सिंह ने कहा कि विभाग शोध- कार्य में किसी भी प्रकार की पुनरावृत्ति न किया जाय। विश्वविद्यालय की मूल ताकत शोध ही है।
विभागाध्यक्ष नैक मूल्यांकन को ध्यान में रखते हुए अब तक हुए सभी शोध- शीर्षकों की तिथिवार सूची तैयार करें। कुलपति ने बताया कि अच्छे शोध कार्यों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से केन्द्रीय पुस्तकालय को आधुनिक स्वरूप प्रदान करने का कार्य प्रगति पर है जो अगले माह में पूरा हो जायेगा। इसका लाभ शोधार्थी के द्वारा प्रदत अपने आईडी पासवर्ड से लिया जा सकेगा।
उन्होंने यह भी कहा कि विभागीय हर कार्य का डॉक्यूमेंटेशन संबंधित अध्यक्षों द्वारा अवश्य सुरक्षित रखा जाय। साथ ही पर्यवेक्षकों की अर्हता को सुनिश्चित करने के पश्चात् ही उनके द्वारा अग्रसारित शोध- प्रारूप को विभागीय परिषद् में विचारार्थ रखा जाय।
अपने संबोधन में प्रति कुलपति प्रो डॉली सिन्हा ने कहा कि वर्तमान समय नई तकनीक तथा नई शिक्षा नीति का है। अत: शोध का विषय आज के संदर्भ में उपयोगी होना चाहिए। समाज में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है तथा शिक्षा संकाय शिक्षकों को तैयार करने का काम करता है। इस दृष्टिकोण से विभाग की भूमिका अति महत्वपूर्ण है।
विश्वविद्यालय के शिक्षाशास्त्र विभागाध्यक्ष डा एम ए खान ने बताया कि कुल स्वीकृत 88 शोध प्रारूपों में विभिन्न पेडागोजी से 19, एनवायरमेंटल एजुकेशन से 4, कंप्यूटर एंड टेक्नोलॉजी इन एजुकेशन से 6, योग शिक्षा से 2, राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 से 2, अप्लाइड रिसर्च से 36, एजुकेशनल साइकोलॉजी से 18 तथा एजुकेशनल फिलासफी से 01 शोध प्रारूप शामिल हैं।
बैठक में शिक्षा संकायाध्यक्ष डा डी एन सिंह, प्रो विमलेन्दु शेखर झा, डा अवनि रंजन सिंह, प्रो अशोक कुमार मेहता, प्रो अरुण कुमार सिंह, उप परीक्षा नियंत्रक प्रथम डा नवीन कुमार सिंह, डा आर एन चौरसिया, जाकिर हुसैन टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज, दरभंगा के प्रधानाचार्य डा एम हसन, डा ए हक, शिक्षा विभागाध्यक्ष डा एम ए खान, डा रेणू कुमारी, डा एम ए हाशमी सहित परीक्षा विभाग के कर्मी उपस्थित थे।
स्वागत एवं संचालन दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के निदेशक प्रो अशोक कुमार मेहता ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन उप परीक्षा नियंत्रक डा नवीन कुमार सिंह ने किया।