#MNN@24X7 दरभंगा, 17 नवम्बर 2022 :- दरभंगा, समाहरणालय अवस्थित बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेदकर सभागार में उप विकास आयुक्त अमृषा बैंस की अध्यक्षता में जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक आयोजित की गयी।
 
बैठक में आयुष्मान कार्ड के लाभार्थियों की संख्या बढ़ाने को लेकर समीक्षा की गयी। जिला समन्वयक डॉ. वीरेन्द्र कुमार ने बताया कि जिले के 05 लाख 99 हजार 387 परिवारों के 27 लाख 89 हजार 706 लोगों का आयुष्मान कार्ड बनवाने का लक्ष्य निर्धारित है। अभी तक 01 लाख 55 हजार 897 परिवारों के 03 लाख 15 हजार आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं।
 
उप विकास आयुक्त द्वारा पंचायत स्तर पर आँगनवाड़ी सेविका एवं आशा के सहयोग से कैम्प लगाकर आयुष्मान कार्ड बनवाने की योजना बनाने का निर्देश दिया गया। साथ ही श्रम संसाधन कार्यालय, दरभंगा में निबंधित 54 हजार श्रमिकों का गोल्डन कार्ड तुरन्त बनवाने का निर्देश दिया गया।
 
उन्होंने कहा कि इसके लिए जन प्रतिनिधियों को एवं स्थानीय डीलर का सहयोग प्राप्त किया जाए। गौरतलब है कि आयुष्मान कार्ड प्रत्येक व्यक्ति का अलग बनता और इससे वह व्यक्ति प्रत्येक वर्ष 05 लाख रूपये तक का निःशुल्क ईलाज सूचीबद्ध बड़े बड़े हॉस्पिटल में कराने की सुविधा प्रदान की जाती है।
 
बैठक में बताया गया कि आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए आधार कार्ड एवं राशन कार्ड लेकर ग्राहक सेवा केन्द्र पर जाने से भी निःशुल्क गोल्डेन कार्ड बन जाता है।
   
स्वास्थ्य विभाग के कार्यों की समीक्षा के दौरान डी.पी.एम. विशाल कुमार ने बताया कि दरभंगा जिला को (एस्पिरिसनल) अंकाक्षी जिला में शामिल कर लिया गया है और इससे बाहर निकलने के लिए वर्तमान वर्ष में निर्धारित सभी 09 इंडीकेटर(सूचक) में उपलब्धि राज्य औसत से ऊपर एवं अगले वर्ष राष्ट्रीय औसत से ऊपर उपलब्धि प्राप्त करनी होगी।
 
उन्होंने बताया कि प्रथम सूचक प्रसव पूर्व गर्भवती महिलाओं के यहाँ स्वास्थ्य कर्मियों का भ्रमण व जाँच की उपलब्धि राज्य औसत से अधिक 93 प्रतिशत् प्राप्त हो चुकी है।
 
180 आई.एफ.ए टेबलेट के वितरण में 98 प्रतिशत, संस्थागत प्रसव में 87 प्रतिशत्, कुशल जन्म परिचारक की देखभाल में प्रसव की उपलब्धि 95 प्रतिशत, घर पर शिशु के जन्म के उपरान्त देखभाल (एच.बी.एन.सी.) में भी उपलब्धि राज्य औसत से अधिक है।
 
पूर्ण टीकाकरण, टी.वी., हेल्थ एण्ड वेलनेश सेन्टर तथा राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम में भी उपलब्धि राज्य औसत से अधिक प्राप्त हो चुकी है।
 
समीक्षा के दौरान इन सभी सूचकों में नीचे रहने वाले  प्रखण्डों को सख्त हिदायत दी गयी कि वे अपनी-अपनी उपलब्धि का प्रतिशत बढ़ावें।
      
परिवार नियोजन कार्यक्रम की उपलब्धि 42 प्रतिशत, अंतरा इंजेक्शन में 75 प्रतिशत, आई.यू.सी.डी. में 38 प्रतिशत उपलब्धि रही।
 
बैठक में बताया गया कि जिले के ओ.पी.डी. में 03 लाख 13 हजार 748 तथा आई.पी.डी. में 75 हजार 927 मरीजों का ईलाज किया गया है। इनमें क्रमशः 71 प्रतिशत एवं 54 प्रतिशत उपलब्धि रही है।
 
बैठक में बताया गया कि प्रत्येक प्रखण्ड में आशा के स्थान रिक्त हैं। पंचायत स्तर पर मुखिया जी द्वारा आम सभा के माध्यम से आशा का चयन किया जाता है, इसके लिए आवश्यक है कि वह गाँव की बहु हो एवं कम से कम मैट्रिक पास हो। बताया गया कि जिले में लगभग 543 आशा के स्थान रिक्त हैं।
 
उप विकास आयुक्त ने कहा कि जिला पंचायती राज पदाधिकरी से समन्वय स्थापित कर आशा के रिक्त स्थान को भरा जाए।
 
बैठक में एन.सी.डी.सी.एच.सी. क्लिनिक में की जा रही प्रारम्भिक जाँच की भी समीक्षा की गयी। बैठक में बताया गया कि दरभंगा सदर पीएचसी की ए.एन.एम
श्रीमती शबरूण खातुन को कोविड-19 एवं पूर्ण टीकाकरण कार्य में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए राष्ट्रीय स्तर पर नेशनल फ्लोरेंस नाइटेंगल पुरस्कार से नवाजा गया है।
    
उप विकास आयुक्त द्वारा जिला स्तर पर भी उन्हें जिला स्थापना दिवस के अवसर पर सम्मानित करने तथा उनके साथ अन्य उत्कृष्ट कर्मियों को भी सम्मानित करने का निर्देश दिया गया।
    
बैठक में अति कुपोषित बच्चों (एस.ए.एम.,सैम) को कुपोषण के दायरे से बाहर निकालने हेतु चलाए जाने वाले पूर्णियाँ मॉडल कार्यक्रम के लिए एक कार्य योजना केयर की डॉ. श्रद्धा झा द्वारा पावर प्वाईट प्रस्तुतीकरण के माध्यम से प्रस्तुत किया गया।
 
उप विकास आयुक्त ने कहा कि सबसे पहले सभी बच्चों का सर्वें करा लिया जाए और उसके उपरान्त उन्हें पोषक आहार एवं दवा उपलब्ध कराने की कार्रवाई की जाए। बताया गया कि इसके लिए पहले से भी कार्यक्रम चल रहे हैं। जरूरत है उन्हें शत-प्रतिशत सरजमीं पर उतारने की ।
 
बैठक में सिविल सर्जन डॉ. अनिल कुमार, उप निदेशक, जन सम्पर्क नागेन्द्र कुमार गुप्ता, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. अमरेन्द्र कुमार मिश्रा, डी.पी.ओ. (आई.सी.डी.एस.) डॉ. रश्मि वर्मा, यूनिसेफ के शशिकान्त सिंह एवं अन्य संबंधित पदाधिकरीगण उपस्थित थे।