कुलपति प्रो एस पी सिंह के आदेश से केन्द्र द्वारा अनौपचारिक संस्कृत शिक्षण में छमाही सर्टिफिकेट कोर्स में ऑनलाइन नामांकन प्रारंभ।
संस्कृत के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ आर एन चौरसिया बनाए गए ‘अनौपचारिक संस्कृत शिक्षण केन्द्र’ के केन्द्राधिकारी।
छमाही सर्टिफिकेट कोर्स में 10वीं पास कोई भी व्यक्ति केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के साइट खोलकर 30 नवंबर ले सकेंगे ऑनलाइन नामांकन।
नामांकन हेतु इच्छुक व्यक्ति विश्वविद्यालय संस्कृत विभाग में आकर अथवा केन्द्राधीक्षक के मोबाइल 99054 37636 पर संपर्क कर सकेंगे।
#MNN@24X7 केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली द्वारा स्नातकोत्तर संस्कृत विभाग, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा में “अनौपचारिक संस्कृत शिक्षण केन्द्र” की इसी माह में स्थापना की गई है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एस पी सिंह के आदेश से केन्द्र द्वारा ‘अनौपचारिक संस्कृत शिक्षण में छमाही सर्टिफिकेट कोर्स’ में नामांकन प्रारंभ किया गया है। ऑनलाइन नामांकन की अंतिम तिथि 30 नवंबर तक निर्धारित है।
संस्कृत विभागाध्यक्ष डा घनश्याम महतो ने उक्त केन्द्र के समुचित संचालन हेतु विभागीय प्राध्यापक डा आर एन चौरसिया को केन्द्राधिकारी नियुक्त किया है। केन्द्र के उद्देश्यों, कार्य- पद्धतियों, नामांकन एवं परीक्षा विधियों आदि की जानकारी देने के उद्देश्य से विभागाध्यक्ष डा घनश्याम महतो की अध्यक्षता में विभागीय शिक्षकों, शिक्षकेतर कर्मियों, शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें केन्द्र संचालन का आदेश देने हेतु कुलपति प्रोफेसर सुरेन्द्र प्रताप सिंह तथा कुलसचिव प्रोफ़ेसर मुश्ताक अहमद के प्रति आभार व्यक्त किया गया।
सदस्यों द्वारा केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय द्वारा नियुक्त अनौपचारिक संस्कृत- शिक्षक अमित कुमार झा तथा विभागाध्यक्ष द्वारा नियुक्त केन्द्राधिकारी डा आर एन चौरसिया को बधाई एवं शुभकामनाएं दी गई। बैठक में विभागाध्यक्ष, पूर्व विभागाध्यक्ष, केन्द्राधिकारी तथा अनौपचारिक संस्कृत- शिक्षक द्वारा केन्द्र के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। वहीं छमाही सर्टिफिकेट कोर्स में आज से ही नामांकन लेने का भी निर्णय लिया गया।
संस्कृत विभागाध्यक्ष सह केन्द्राधीक्षक डा घनश्याम महतो ने सदस्यों का स्वागत करते हुए बताया कि केन्द्र छमाही सर्टिफिकेट कोर्स संचालन के साथ ही संस्कृत भाषा के प्रचार- प्रसार का भी कार्य करेगा, जिसमें किसी भी विषय के शिक्षक, शोधार्थी, विद्यार्थी अथवा कोई भी स्कूल में पढ़ने वाले छात्र, नौकरी करने वाले, घरेलू महिलाएं आदि नामांकन लेकर लाभ उठा सकते हैं।उन्होंने बताया कि यह केन्द्र केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय द्वारा प्रायोजित है, जबकि हमारे शिक्षक बिना किसी पारिश्रमिक के सेवाभाव से केन्द्र संचालन में सहयोग करेंगे।
पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो जीवानन्द झा ने विभाग में केन्द्र खोलने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि केन्द्र की स्थापना हमलोगों के लिए गर्व की बात है। इससे अनौपचारिक रूप से संस्कृत नहीं पढने वाले को भी काफी लाभ मिलेगा तथा संस्कृत का प्रचार- प्रसार तेजी से हो सकेगा। मैं भी अपनी ओर से केन्द्र के संचालन में पूरा सहयोग करूंगा।
केन्द्राधिकारी डा आर एन चौरसिया ने बताया कि अनौपचारिक संस्कृत शिक्षण में कम से कम दसवीं परीक्षा पास कोई भी व्यक्ति केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय का वेबसाइट खोल कर मात्र ₹500 में ऑनलाइन नामांकन ले सकते हैं। नामांकन सुनिश्चित होने के बाद उन्हें केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय द्वारा तैयार 2000 रुपए मूल्य की उच्च स्तरीय 5 पाठ्य पुस्तकें हमारे केन्द्र के माध्यम से उपलब्ध कराए जाएंगे। 6 माह तक नियमित ऑनलाइन तथा ऑफलाइन कोर्स की पढ़ाई के बाद आयोजित परीक्षा में उतीर्णोपरांत केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय द्वारा छमाही सर्टिफिकेट कोर्स का प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा।
विभागाध्यक्ष डा घनश्याम महतो की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो जीवानन्द, केन्द्राधिकारी डा आर एन चौरसिया, अनौपचारिक संस्कृत शिक्षक अमित कुमार झा, विभागीय शिक्षिका डा ममता स्नेही, कर्मचारी- विद्यासागर भारती, योगेन्द्र पासवान व उदय कुमार उदेश, शोधार्थी- सदानंद विश्वास, संदीप घोष, सोनाली मंडल, अनिमेश मंडल, छात्र- रजनीश कुमार, शिवानी कुमारी, अमित कुमार, श्वेता कुमारी, स्मिता कुमारी व सुमेधा कुमारी आदि उपस्थित थे।
अनौपचारिक संस्कृत शिक्षण केन्द्र के शिक्षक अमित कुमार झा ने बताया कि नामांकन के इच्छुक व्यक्ति 10:30 से 4:30 बजे के बीच विश्वविद्यालय संस्कृत विभाग आकर अथवा केन्द्राधीक्षक डा चौरसिया के मोबाइल 99054 37636 या प्रशिक्षक अमित झा से 60053 12770 पर संपर्क कर सहयोग ले सकते हैं अथवा संस्कृत विश्वविद्यालय के वेबसाइट www.sanskrit.nic.in को सर्च करते हुए निम्न लिंक ओपन कर ऑनलाइन नामांकन लेने के उपरांत केन्द्र को अवश्य सूचित करेंगे। https://sanskritadm.samarth.edu.in/
अंत में विभागीय शिक्षिका डा ममता स्नेही ने बैठक का सारांश प्रस्तुत करते हुए धन्यवाद ज्ञापन किया।