-बास्केट ऑफ च्वाइस की मदद से नवदंपति अपना सकते हैं परिवार नियोजन के साधन
-परिवार नियोजन का प्रजनन स्वास्थ्य पर पड़ता है सकारात्मक असर
-पंचायत स्तर पर परिवार नियोजन के महत्व पर की जा रही है चर्चा
#MNN@24X7 समस्तीपुर, 25 नवंबर । जनसंख्या स्थिरीकरण के उद्देश्य को पूरा करने हेतु महिलाओं और पुरुषों को कदम से कदम मिलाकर चलना होगा। इस क्रम में नियमित अंतराल में परिवार नियोजन पखवाड़ा का आयोजन किया जाता है। लेकिन, हमेशा यही आंकड़े सामने आते हैं कि नियोजन की दौड़ में महिलाएं पुरुषों से आगे रहती हैं। बात नियोजन के स्थाई और अस्थाई साधनों के इस्तेमाल की हो। महिलाएं, पुरुषों से अधिक साधनों का इस्तेमाल करती हैं। इस अभियान में पुरुषों को प्रेरित करने के लिए सरकार व स्वास्थ्य विभाग तत्पर है। इसी उद्देश्य से परिवार नियोजन में पुरुषों की भागीदारी बढ़ाने के लिए परिवार नियोजन पखवाड़ा का आयोजन किया गया है। इस क्रम में आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा नवदंपति के साथ साथ योग्य दंपतियों को परिवार नियोजन की जानकारी देने के साथ साथ बास्केट आफ च्वाइस के संबंध में भी बताया जा रहा है। इस कड़ी में सरायरंजन प्रखंड के नौआचक ग्राम में पुरुष नसबंदी पखवारा को लेकर एक सामूहिक चर्चा का आयोजन किया गया।
महिलाओं व पुरुषों के पास विभिन्न तरह के विकल्प मौजूद :
जिला सामुदायिक उत्प्रेरक अनिता कुमारी ने बताया, जनसंख्या स्थिरीकरण की दिशा में स्वास्थ्य विभाग दवारा परिवार नियोजन कार्यक्रमों का संचालन किया जा रहा है। परिवार नियोजन का सकारात्मक असर प्रजनन स्वास्थ्य पर पड़ता है। जो महिलाएं परिवार नियोजन को अपनाती,उनका प्रजनन स्वास्थ्य भी अन्य महिलाओं की तुलना में बेहतर रहता है। उन्होंने बताया कि परिवार नियोजन के लिए महिलाओं और पुरुषों दोनों के पास विभिन्न तरह के विकल्प मौजूद होते हैं।लेकिन,परिवार नियोजन में पुरुषों को भी आगे आने की जरूरत है। परिवार नियोजन का सीधा असर मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को रोकने पर भी पड़ता है। परिवार नियोजन,मातृ मृत्यु दर,नवजात मृत्यु दर और गर्भपात को अत्यधिक कम करता है।
परिवार नियोजन के लिए है बास्केट ऑफ च्वाइस :
परिवार नियोजन के लिए इच्छुक दंपतियों के पास बास्केट ऑफ च्वाइस जैसे विकल्प मौजूद हैं। इस बास्केट ऑफ च्वाइस में विभिन्न प्रकार के गर्भनिरोधक साधन होते हैं। इनमें स्थायी तथा अस्थायी साधन मौजूद होते हैं, जिसकी मदद से एक दंपति अपनी सुविधानुसार गर्भनिरोध के विकल्प का चयन कर सकता है। परिवार नियोजन के बास्केट ऑफ च्वाइस में माला एन दैनिक गर्भनिरोधक गोलियां, इमरजेंसी गर्भनिरोधक गोलियां, छाया सप्ताहिक गर्भनिरोधक गोलियां,अंतरा 3 महीने के लिए लगाई जाने वाली गर्भनिरोधक सुई, कंडोम, आईयूसीडी, पीपीआईयूसीडी इत्यादि अस्थाई साधन तथा महिला एवं पुरुष नसबंदी जैसे परिवार नियोजन की स्थाई विधियों की जानकारी शामिल हैं। दंपति आपसी सहमति से ऐसे विकल्पों का इस्तेमाल कर सकते हैं।
युवा दंपतियों में आयी है अधिक जागरूकता :
परिवार नियोजन के लिए दंपति को दो महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना है। शादी के बाद पहला बच्चा होने में कम से कम दो साल का अंतराल तथा दूसरी संतान पहले बच्चे के जन्म के तीन साल के अंतराल पर हो, तो यह मां और बच्चे के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है। परिवार नियोजन को लेकर युवा दंपतियों में अधिक जागरूकता आयी है। परिवार नियोजन के साधनों को लेकर अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में तैनात एएनएम या अपने क्षेत्र की आशा से संपर्क किया जा सकता है। साथ ही प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस पर इसे स्वास्थ्यकर्मियों से जानकारी लेकर ये साधन प्राप्त किये जा सकते हैं।