– विटामिन, कैल्सियम और आयरनयुक्त आहार का सेवन जरूरी
– समय पर खाएं खाना और देर तक नहीं रहें भूखा, बीमारियों के दायरे से रहेंगे दूर

समस्तीपुर, 28 नवंबर। अगर किसी भी व्यक्ति की रोग-प्रतिरोधक क्षमता में कमी आने लगती तो वह तरह-तरह की बीमारियों से पीड़ित होने लगता है । खासकर इस बदलते मौसम में ऐसे लोगों की परेशानी और बढ़ गई है। इसलिए, हर व्यक्ति को अपनी रोग-प्रतिरोधक क्षमता को लेकर सजग रहने की जरूरत है। ताकि अनावश्यक परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े। ऐसे में हमें रोग-प्रतिरोधक क्षमता मजबूत रखने एवं बढ़ाने के लिए पौष्टिक और प्रोटीन युक्त आहार का सेवन जरूरी है। जो रोग-प्रतिरोधक क्षमता में तेजी से वृद्धि करता और कई बीमारियों से दूर रखता है। साथ ही अस्पताल का भी चक्कर लगाने से मुक्त रहते हैं।

– विटामिन, कैल्सियम और आयरनयुक्त आहार का सेवन जरूरी :
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ विशाल कुमार ने बताया, बीमारी से बचने के लिए सबसे बड़ी दवा साफ-सफाई है। प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए विटामिन व मिनरल से भरपूर तथा पौष्टिक आहार से भरपूर भोजन की आवश्यकता है। इसलिए, मजबूत रोग-प्रतिरोधक क्षमता के लिए विटामिन, कैल्सियम और आयरनयुक्त आहार का सेवन जरूरी है। साथ ही समय पर खाना खाना चाहिए और खाना खाने के करीब 30 मिनट बाद भरपूर मात्रा में पानी पीनी चाहिए। इससे हमारी रोग-प्रतिरोधक क्षमता काफी मजबूत होती है।

– अधिक देर तक नहीं रहें भूखा, समय पर खाएं खाना :
लोगों को अधिक देर भूखा नहीं रहना चाहिए और समय पर खाना खाना चाहिए। समय पर भोजन-नाश्ता करने से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। नींद पूरी लेना, शारीरिक रूप से सक्रिय रहना, तनाव से दूर रहना, नियमित रूप से 10 से 20 मिनट ध्यान करने समेत अन्य बातों का ख्याल करना भी सुरक्षात्मक है।

– मजबूत रोग-प्रतिरोधक क्षमता के लिए इन सब्जियां का करें सेवन :
मजबूत रोग-प्रतिरोधक क्षमता के लिए पालक, पनीर, सोयाबीन, कद्दू, गाजर, समेत अन्य हरी सब्जी व साग का भरपूर मात्रा में सेवन करें।

– इन फलों का करें सेवन :
रोग-प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने के लिए केला, पपीता, संतरा, अनार, अनानास, मौसमी, आंवला आदि मौसमी फलों का सेवन करना चाहिए।

– नियमित रूप से करें व्यायाम :
रोग-प्रतिरोधक क्षमता मजबूत रखने एवं बढ़ाने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करें और साथ ही भरपूर नींद लें। इससी हमारी रोग-प्रतिरोधक क्षमता काफी मजबूत होती है। इसके अलावा साफ-सफाई समेत अन्य रहन-सहन में सकारात्मक बदलाव का ख्याल रखें।

– क्या है रोग-प्रतिरोधक क्षमता :
प्रतिरक्षा प्रणाली में अंग, कोशिकाएं, टिशू और प्रोटीन आदि शामिल होते हैं। ये सभी तत्व मिलकर मानव-शरीर को सही तरीके से काम करने में सहायता करते हैं। इसके साथ में प्रतिरक्षा प्रणाली मानव शरीर को बीमारियों, संक्रमण, वायरस इत्यादि से लड़ने में सहायता करते और रोग-प्रतिरोधक क्षमता बीमारियों से लड़ने की शक्ति है। जो व्यक्ति को सेहतमंद रहने में सहायता करती है।

– प्रतिरोधक क्षमता मजबूत रहने से होने वाले फायदे :
रोग-प्रतिरोधक क्षमता मजबूत रहने से लोग शारीरिक एवं मानसिक रूप से भी मजबूत रहते और संक्रामक बीमारियों से दूर रहते हैं। साथ ही स्वस्थ और मजबूत शरीर का निर्माण होता है।

– रोग-प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने के लक्षण :
– तनाव महसूस होना।
– अधिक सर्दी लगना।
– पेट संबंधी परेशानियाँ होना।
– चोट को ठीक होने में समय लगना।
– संक्रमण होना।
– कमजोरी महसूस होना।

– रोग-प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने का कारण :
– नशीले पदार्थों का सेवन करना।
– पर्याप्त नींद नहीं लेना।
– वजन का अधिक होना।
– व्यायाम नहीं करना।