दरभंगा। यदि 6 करोड़ की जनसंख्या वाले गुजरात में IIT, NIT, IIM, IIIT, NIFT, सेंट्रल यूनिवर्सिटी आदि हो सकता है तो 6 करोड़ जनसंख्या वाले मिथिला में इनमें से एक भी क्यों नहीं है ? उनको क्यों बुलेट ट्रेन, हमको क्यों जनसाधारण ट्रेन ?
जब भी बजट आता है तो मेरे अंतर्मन के किसी कोने में एक झूठा उम्मीद धीरे से आकार लेता है की इस बार शायद केंद्र सरकार मिथिला के तरफ देखेगी। हर बार बजट के बाद ये उम्मीद औंधे मुंह गिरता आया है लेकिन फिर भी न जाने क्यों अगले बजट के समय अपने आप जज्बाती हो जाता है।
नीति आयोग के रिपोर्ट में अभी हाल में जारी हुआ था की बिहार के 17 सबसे गरीब और पिछड़े जिले मिथिला क्षेत्र में है। GDP ग्रोथ के हिसाब से हो अथवा प्रति व्यक्ति आय, औद्योगिक उत्पादन की बात हो अथवा कृषि उत्पादन, शिक्षा दर हो अथवा ह्यूमन डेवलपमेंट इंडेक्स, शहरीकरण की बात हो या पलायन अथवा अन्य कोई भी वैकाशिक मापदंड…मिथिला क्षेत्र पूरे देश में सबसे पीछे है। बाढ़ जैसी आपदा झेलने वाला 6 करोड़ से अधिक जनसंख्या का यह क्षेत्र सिर्फ सस्ता मजदूर सप्लाई करने वाला लेबर जोन है देश के लिए। तो क्या देश की सरकार को इस क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए कोई विशेष प्रयास नहीं करना चहिए ?