दरभंगा. 2 फरवरी. कोरोना के संक्रमण में कमी के मद्देनजर मेडिकल कॉलेज पटना अस्पताल के बाद अब दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भी ऑब्जर्वरशिप ट्रेनिंग शुरू हो गई. यूनिसेफ के चाइल्ड हेल्थ कंसलटेंट डॉ अनुपमा झा, प्राचार्य डॉ के एन मिश्रा और अधीक्षक डॉ हरिशंकर मिश्रा ने संयुक्त रूप से 14 दिवसीय ऑब्जर्वरशिप के आवासीय प्रशिक्षण का डीएमसीएच के शिशु विभाग के सेमिनार रूम में विधिवत उद्घाटन किया. इस प्रशिक्षण में भागलपुर की डॉ दिव्यांजलि सिंह के साथ भागलपुर, बांका और अररिया की पांच नर्सेज भाग ले रही हैं. डॉ अनुपमा झा ने अपने उद्बोधन में बताया कि एस एन सी यू के कारण ही बिहार में नवजात शिशुओं की मृत्यु दर में उल्लेखनीय कमी आई है. अभी बिहार की नवजात मृत्यु दर 25 है जो राष्ट्र के 23 प्रति हजार जीवित जन्म से पीछे है. कहा कि हमारा लक्ष्य 2030 तक इसे 12 से नीचे ले जाने का है.
नवजात शिशुओं के देखभाल को ले दी जानकारी
प्रशिक्षकों ने नवजात शिशु की पुनर्जीवन प्रक्रिया के संबंध में विस्तार से जानकारी दी. प्रशिक्षक डॉ केएन मिश्रा ने नवजात शिशु के देखभाल से जुड़े कुशल प्रसव सहायकों के कार्य के दौरान ज्ञान में वृद्धि को लेकर जानकारी दी. प्रशिक्षणार्थियों को जन्म होने पर नवजात शिशुओं का आकलन करना, आवश्यकता पड़ने पर मानक उपकरणों का इस्तेमाल करते हुए नवजात शिशु को जन्म के समय सांस लेने में मदद की आवश्यकता होती है तो उसके बाद की जाने वाली देखभाल के बारे में प्रशिक्षक द्वारा बताया गया. साथ ही प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर अवस्थित नवजात गहन शिशु सुरक्षा संयंत्र के संचालन की भी जानकारी दी गयी. प्रशिक्षकों ने कहा कि अस्पताल में आने वाले मरीज व उनके परिजनों को नि:शुल्क शारीरिक जांच व चिकित्सा के बारें में बताया जाय. वहीं लोगों मे विभिन्न कल्याणकारी कार्यक्रमों की जानकारी के लिये जागरूकता पर भी ध्यान देने की सलाह दी.
इससे अन्य जिला के स्वास्थ्य कर्मियों को मिलेगा लाभ
अधीक्षक डॉ हरिशंकर मिश्रा ने कहा कि इस तरह की ट्रेनिंग के बाद जिलों के एस एन सी यू में क्या गुणात्मक सुधार आयेगा. इस को आगे बढ़ाने की आवश्यकता है. साथ ही यहां से प्रशिक्षित प्रतिभागियों में यह कंपटीशन की भावना भी लाना जरूरी है, जिससे वह अपने एस एन सी यू को दूसरों की तुलना में ज्यादा अच्छा बनाने की प्रतियोगिता में शामिल हो. डॉ मिश्रा ने कहा कि यह ऑब्जर्वरशिप ट्रेनिंग 14 दिनों की है. बताया कि एफबीएनसी ट्रेनिंग के बाद सीख कर जिलों के एस एन सी यू में लागू करना है. कार्यक्रम में डॉ अशोक कुमार, डॉ मोहन केजरीवाल एवं डॉ रिजवान हैदर ने भी अपने विचार रखे. इस बैच के प्रशिक्षक डॉ कृपा नाथ मिश्रा एवं डॉ ओम प्रकाश हैं. प्रतिभागियों ने आज नवजात शिशु के पुनर्जीवन का प्रशिक्षण लिया.