-सरकार की पहल पर कोरोना प्रबंधन की तैयारियों का जायजा लेने के लिए हुआ आयोजन
-आठ प्रकार की तैयारियों को परखा गया ।
MNN24X7मधुबनी/27 दिसंबर कोविड संक्रमण की संभावित खतरों से निपटने को लेकर जिला प्रशासन ने कमर कस ली है। प्रभारी जिला पदाधिकारी सह उप विकास आयुक्त, विशाल राज द्वारा आज कोविड संक्रमण के विरुद्ध जिले में स्वास्थ्य विभाग की तैयारियों का जायजा लेने के क्रम में सदर अस्पताल, मधुबनी का निरीक्षण किया गया। उन्होंने उपस्थित अधिकारियों से कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों से कोरोना संक्रमण के एक बार पुनः पांव पसारने की खबरें आ रही हैं। ऐसे में स्वास्थ्य महकमे को एक बार फिर से अलर्ट मोड में कार्य आरंभ करने की जरूरत है। इस कड़ी में आज सदर अस्पताल के अंतर्गत कोरोना के मामले आने पर मरीजों को मुहैया कराई जाने वाली सुविधाओं का जायजा लिया गया है। स्वास्थ्य विभाग भी कोरोनो के खतरे को कम नहीं लेना चाहता। इसीलिए सरकार की पहल पर कोरोना प्रबंधन की तैयारियों का जायजा लेने के लिए सदर अस्पताल में मॉक ड्रिल आयोजित की गई। जिसमें एक कोरोना के डम्मी मरीज का स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा उपचार किया गया. मॉक ड्रिल का आयोजन प्रभारी जिलाधिकारी विशाल राज की अध्यक्षता में स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा यह ड्रिल की गई । इसमें कोरोना प्रबंधन से जुड़ी आठ प्रकार की तैयारियों को परखा गया ।
आठ प्रकार की तैयारियां परखी गई :
मॉक ड्रिल के दौरान आठ प्रकार की तैयारियों को परखा गया । इनमें प्रत्येक जिले में क्षेत्रवार स्वास्थ्य केंद्रों की उपलब्धता तथा कोविड मरीजों के लिए बिस्तरों की उपलब्धता देखी गई , जिसमें स्वास्थ्य विभाग द्वारा जानकारी दी गई कि सदर अस्पताल परिसर के बाहर 50 बेड का फैब्रिकेटेड अस्पताल बनाया जा रहा है. जिसमें प्रत्येक बेड पर ऑक्सीजन सप्लाई की जाएगी तीसरे, मानव संसाधनों की उपलब्धता और प्रशिक्षण सुनिश्चित किया जाएगा । इनमें स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को कोविड प्रबंधन से जुड़ा प्रशिक्षण दिया जाएगा । खासकर इसमें वेंटीलेटर, पीएसए संयंत्रों का संचालन शामिल है। चौथे, प्रत्येक जिले में रेफरल सेवाओं को भी परखा गया ।
आरटीपीसीआर लैब की उपलब्धता:
मॉक ड्रिल के दौरान टेस्टिंग सुविधा एवं उसकी क्षमता को भी परखा गया। इसमें कोविड जांच के लिए आरटीपीसीआर लैब की उपलब्धता के बारे में जानकारी दी गई कि जिले के रामपट्टी स्थित कोविड केयर सेंटर में 1000 लोगों की प्रतिदिन जांच करने की क्षमता वाली लैब स्थापित की गई है वहीं मधुबनी मेडिकल कॉलेज में भी 1000 लोगों को प्रतिदिन जांच सुनिश्चित वाली लैब स्थापित है।
टेलीमेडिसिन सेवाओं भी चुस्त-दुरुस्त:
सातवें प्रकार की तैयारी मेडिकल ऑक्सीजन की थी । इसके तहत पीएसए संयंत्रों की सक्रियता, ऑक्सीजन सिलेंडर, ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर आदि की उपलब्धता सुनिश्चित की गई। पीएसए प्लांट के निरीक्षण के दौरान जानकारी दी गई कि सदर अस्पताल में एक हजार एलपीएम छमता का मशीन लगाया गया है वर्तमान में कंसंट्रेशन की क्षमता 94.6% थी.आठवीं तैयारी में टेलीमेडिसिन सेवाओं को चुस्त-दुरुस्त करने को कहा गया है।
टेस्टिंग सुविधा को भी परखा गया :
मॉक ड्रिल के दौरान टेस्टिंग सुविधा एवं उसकी क्षमता को भी परखा गया । इसमें कोविड जांच के लिए आरटीपीसीआर लैब की उपलब्धता के बारे में जानकारी दी गई कि जिले में प्रतिदिन 1000 से 1200 लोगों की कोविड की जाँच की जा रही है जिसमें 600 से 800 लोगों की जांच आरटीपीसी आर से की जा रही है। लॉजिस्टक से जुड़ी सुविधाओं की जांच की गई , जिसमें दवा, आइसोलेशन कीट एन-95 मास्क, पीपीई किट आदि की उपलब्धता सुनिश्चित की गई ।
उक्त अवसर पर सिविल सर्जन, ऋषिकांत पांडेय, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, आर के सिंह, अस्पताल अधीक्षक, राजीव रंजन, एनसीडीओ, एस पी सिंह, चिकित्सक, संजीव कुमार झा, हेल्थ मैनेजर, अब्दुल मजीद, आईडीएसपी अपिडजीयोलॉजीस्ट, अनिल कुमार चक्रवर्ती, सहित अन्य अधिकारी व कर्मी उपस्थित थे।