#MNN@24X7 पटना/दरभंगा, 12 जनवरी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज समाधान यात्रा के क्रम में दरभंगा जिले की जीविका दीदियों के साथ आयोजित संवाद कार्यक्रम में शामिल हुए।

लहेरियासराय के प्रेक्षागृह में आयोजित संवाद कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में जीविका दीदियों ने हिस्सा लिया। संवाद कार्यक्रम में विभिन्न जीविका समूह के माध्यम से कार्य करनेवाली 7 जीविका दीदियों ने अपने-अपने अनुभव मुख्यमंत्री के समक्ष साझा किये। जीविका दीदियों ने जीविका समूह से जुड़ने के बाद अपने जीवन स्तर में हुए बदलाव की चर्चा की।
     
जीविका दीदी श्रीमती रेणु देवी ने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि हमारे गांव में जीविका समूह का गठन होने से पूरे गांव की महिलाओं के जीवन में काफी बदलाव आया है। जीविका समूह हमारे परिवार के लिये वरदान साबित हुआ है। जीविका के माध्यम से हम सभी महिलाओं की पहुंच पंचायत से लेकर जिलाधिकारी और मुख्यमंत्री तक हुई है, यह काफी गौरव की बात है। जीविका समूह से जुड़ने के पहले मैं ट्यूशन पढ़ाकर अपने बच्चों का किसी तरह भरण पोषण करती थी। वर्ष 2014 में जब जीविका समूह से जुड़ी, तो समूह से आर्थिक मदद लेकर धनकुटी मशीन और आटा पीसने की मशीन लगाई, जिससे हमारी आमदनी होने लगी। उसके बाद मसाला और तेल निकालने की मशीन भी लगाई। श्रृंगार की दुकान भी खोली। शराबबंदी से पहले मेरे पति दिन रात शराब के नशे में रहते थे। शराबबंदी के बाद उन्हें काफी समझाया, जब वह नहीं माने तब मैंने स्थानीय पुलिस का सहारा लिया और वे चार दिनों तक जेल में रहे। उन्होंने शराब न पीने की कसम खाई तब मैंने उन्हें जेल से छुड़ाया, उसके बाद वे सुधर गये। ।   
      
जीविका समूह के गठन से जाति-पाति का भेदभाव भी खत्म हो गया। हम सभी जीविका दीदियां एक साथ मीटिंग करते हैं और साथ में बैठकर भोजन भी करते हैं। मेरे बच्चों को साइकिल योजना, पोशाक योजना, छात्रवृति योजना का लाभ मिला। अब मेरा परिवार काफी खुशहाल है। मैं मुख्यमंत्री के प्रति अपना आभार प्रकट करती हूं। 
    
जीविका दीदी श्रीमती रूपा देवी ने बताया कि मेरे पति शराब बनाकर बेचते थे और उसका सेवन भी करते थे। परिवार की आर्थिक स्थिति काफी दयनीय थी। प्रतिदिन घरेलू झगड़ा होता था। जीविका समूह से जुड़ने के बाद मुझे दीदियों ने सतत् जीविकोपार्जन योजना से जोड़ा। आर्थिक मदद मिलने पर मैने सिलाई मशीन खरीदी और कपड़े का सिलाई कर घर का खर्च चलाने लगी। उसके बाद पैसों की बचत कर श्रृंगार की दुकान खोली, गाय और बकरी भी खरीदी। अब मुझे प्रतिमाह 8-9 हजार रुपये की आमदनी हो रही है।  । 
         
जीविका दीदी श्रीमती बबीता कुमारी ने बताया कि जीविका समूह से जुड़कर सिलाई मशीन खरीदी। कपड़े की सिलाई के साथ-साथ वह बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने का काम भी करती थी। वर्ष 2017 में मेरे पति का और वर्ष 2018 में मेरे पिता का देहांत हो गया, जिसके बाद बच्चों के साथ-साथ मां और छोटे भाई-बहनों के खर्च की जिम्मेवारी मेरे कंधे पर आ गई थी। मैं काफी परेशान थीं, लेकिन जीविका समूह से जुड़कर मुझे जीने की राह मिली। अब मेरा बैग कलस्टर है, जिसमें 24 वर्कर काम कर रहे हैं। मैं मुख्यमंत्री को धन्यवाद देती हूं कि उनके आशीर्वाद से मैं अपने बच्चों को पढ़ा रही हूं और मेरा घर भी ठीक ढंग से चल रहा है। 
     
जीविका दीदी श्रीमती मंजू कुमारी ने बताया कि मेरे पास एक बीघा कृषि के लिये खेती थी, लेकिन पैसे के अभाव में मेरा परिवार ठीक ढंग से खेती नहीं कर पाता था। जीविका समूह से जुड़कर मुझे आर्थिक मदद मिली और हमलोग बेहतर तरीके से खेती करने लगे। इससे अच्छा उत्पादन हुआ, अनाज बेचकर मैंने कर्ज चुका दिया। उसके बाद श्रीविधि तकनीक से खेती करने लगी। अब 20 किलोग्राम की जगह 80 किलोग्राम अनाज का उत्पादन होने लगा। उसके बाद 2 बीघा जमीन बटाई पर लिया, 5 मवेशी भी रखी हूॅ, सब्जी की खेती भी कर रही हूॅ। जीविका से जुड़ने के बाद जीवन में काफी बदलाव आया है। पहले गरीब परिवार की महिलाओं को 2-4 सौ रुपये के लिये पति के सामने गिड़गिड़ाना पड़ता था, लेकिन जीविका समूह से जुड़कर अब महिलायें आत्म निर्भर हो रही हैं।  जीविका दीदी श्रीमती संजू देवी ने बताया कि मेरे पति पेड़ से ताड़ी उतारने का काम करते थे, जिससे परिवार का खर्च चलता था। एक दिन वे पेड़ से गिर गये और उनकी कमर टूट गई। बच्चों के सामने भूखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई। ग्राम संगठन की दीदियों ने मेरी यह हालत देखकर मुझे सतत् जीविकोपार्जन योजना से जोड़ा। 37 हजार रुपये की आर्थिक मदद लेकर किराना दूकान खोली और उससे पैसे की बचत कर श्रृंगार की भी दूकान खोली। मेरे पति जब स्वस्थ हुए तो, उन्होंने अंडा दूकान खोला। अब हर महीने 10-12 हजार रुपये की अमादनी हो रही है। बच्चों के भोजन, पढ़ाई का इंतजाम बेहतर तरीके से हो रहा है। मुझे स्वास्थ्य कार्ड, शौचालय योजना का भी लाभ मिला है। 
     
जीविका दीदी श्रीमती त्रिवेणी देवी ने बताया कि वे जीविका दीदियों के साथ मिलकर मखाना का पैकिंग कर उसे बचने का काम करती है। गोदाम में कुक्कुन बैग लगाकर 10 क्विंटल मखाना स्टोर कर रखती है। उसने कहा कि मैं सीधे किसानों से मखाना खरीदती हूॅ, ताकि बिचौलियों को दूर रखा जा सके। मेरा उद्देश्य है कि परिवार की आमदनी बढ़े। साथ ही अन्य महिलाओं का भी विकास हो। 
    
जीविका दीदी श्रीमती लक्ष्मी देवी ने बताया कि उनके पति बेरोजगार थे। वर्ष 2020 में जीविका समूह से जुड़कर 30 हजार रुपये का कर्ज लिया और गाय खरीदी। गाय का दूध बेचकर परिवार का भरण-पोषण होने लगा। स्वास्थ्य पोषण के प्रति लोगों को जागरूक करने का काम भी करती हूॅ। प्रसूता महिलाओं को बच्चे को स्तनपान कराने की सलाह देती हूॅ, ताकि बच्चा तंदरूस्त और स्वस्थ रहे। जीविका समूह से गरीब परिवारों को सहारा मिला है। मुख्यमंत्री के प्रति मैं आभार प्रकट करती हूं। 
     
मुख्यमंत्री ने 3144 जीविका स्वयं सहायता समूहों को वित्तपोषित अंतर्गत 72 करोड़ रुपये का चेक जीविका दीदियों को प्रदान किया।
    
जीविका दीदी श्रीमती रीना देवी ने मुख्यमंत्री को पाग और प्रतीक चिंह भेंटकर उनका अभिनंदन किया।  जीविका संवाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हम समाधान यात्रा के क्रम में यहां आये हैं, इसमें जीविका दीदियों के साथ संवाद करते हैं। गांव में जो विकास हुआ है, उसे देखते हैं और लोगों की बात भी सुनते हैं। आपकी बात सुनकर हमें काफी अच्छा लगा। 7 जीविका दीदियों ने यहां अपनी बातें रखी हैं। सबसे पहले मैं आप सभी को बधाई देता हूं। 24 नवंबर 2005 से जब हमें बिहार के लोगों ने काम करने का मौका दिया उसके बाद हमने जगह-जगह जाकर स्वयं सहायता समूहों के कामों को देखा था। उस समय स्वयं सहायता समूह की संख्या काफी कम थी। तब हमने 10 लाख स्वयं सहायता समूह का गठन करने का निर्णय लिया। आज जीविका दीदियों के रूप में आप सबको लोग जानते हैं। हमने ही इसका नामकरण जीविका किया। काफी बेहतर काम हुआ है। वर्ष 2007 में केंद्र से आकर लोग जीविका समूह के काम को देखे और काफी प्रसन्न हुए, जिसके बाद देशभर में इसका नामकरण आजीविका कर दिया। मतलब देशभर में बिहार की जीविका आ जाये। अब बिहार में 10 लाख से भी ज्यादा जीविका समूहों का गठन हो गया है, जिनसे एक करोड़ 30 लाख से अधिक महिलायें जुड़ी हैं। हमारा मकसद है कि आपलोगों की बात सुनकर जीविका समूह के कामों को और विस्तार दें और जीविका समूहों की संख्या बढ़ायें। जीविका समूह से जुड़कर महिलायें काफी काम कर रही हैं। इससे परिवार की स्थिति बेहतर हो रही है। 
     
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2006 में पंचायती राज चुनाव और वर्ष 2007 में नगर निकाय के चुनाव में महिलाओं को 50 प्रतिशत का आरक्षण दिया गया। अब महिलायें सभी पदों पर जाने लगी हैं। बालिकाओं के उत्थान के लिये साइकिल योजना, पोशाक योजना चलाई जा रही है, जिससे बच्चियां पढ़ने लगीं और आगे बढ़ने लगीं। हर क्षेत्र में विकास का काम हो रहा है। विश्व बैंक से कर्ज लेकर जीविका समूहों का विस्तार कराया गया। अब सरकारी अस्पतालों में दीदी की रसोई खुलवाया जा रहा है। पिछले वर्ष ही हमने कह दिया था कि इस काम में जीविका दीदियों का लगायें। आपलोगों का काम और बढ़ता रहेगा। सभी लोग अपने बच्चे-बच्चियों को जरूर पढ़ायें। समाज में सद्भाव कायम रखने के लिये प्रयत्नशील रहें। नफरत फैलानेवालों को समझायें।
     
उन्होंने कहा कि वर्ष 2015 में पटना में मीटिंग के दौरान जीविका दीदियों ने ही शराबबंदी लागू करने की मांग की, जिसके बाद शराबबंदी लागू किया गया, इसके लिये सभी पार्टियों ने भी अपना समर्थन दिया। पहले चरण में देहाती इलाकों में शराब बंद करने का निर्णय लिया गया, लेकिन शहरी इलाकों से भी युवा, महिलायें और पुरुषों ने शराबबंदी लागू करने की मांग जोर षोर से शुरू कर दी। देहाती क्षेत्र में लागू करने के 4 दिन बाद ही संपूर्ण बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू कर दी गई। जगह-जगह कार्यक्रम में महिलाओं ने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि शराबबंदी के बाद परिवार और समाज में काफी शांति आई है और तरक्की भी हो रही है। पहले उनके पति शराब पीकर झगड़ा किया करते थे लेकिन शराबबंदी के बाद वे जब घर आते हैं तो मुस्कुराते हैं और बाजार से सब्जी भी लाते हैं। 
      
मुख्यमंत्री ने कहा कि 27 दिसंबर 2021 से 15 जनवरी 2022 तक समाज सुधार अभियान के दौरान मुझे 12 जगहों पर जाने का मौका मिला। शराब से हो रहे नुकसान के संबंध में बुकलेट प्रकाषित करवाकर लोगों के बीच वितरित करवाया गया, ताकि वे सचेत हो सकें। देश को आजादी दिलवाने में बापू का महत्वपूर्ण योगदान है। आजादी के आंदोलन के दौरान बापू निरंतर कहा करते थे कि शराब इंसान से न सिर्फ उसका पैसा छीन लेती है, बल्कि उसकी बुद्धि हर लेती है। शराब पीनेवाला इंसान हैवान हो जाता है। बापू की बात भी अगर लोग नहीं मानेंगे तो ऐसे लोगों को देश की क्या चिंता रहेगी। कुछ लोगों अपने को काबिल समझते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वर्ष 2016 में दुनियाभर में शराब से होनेवाले नुकसान का सर्वेक्षण कराकर 2018 में रिपोर्ट प्रकाशित किया। उसके मुताबिक एक साल में दुनियाभर में जितनी मौतें होती हैं उसका 5.3 प्रतिशत मौत शराब पीने के कारण होती है। 20 से 39 आयु वर्ग के साढ़े 13 प्रतिशत नौजवानों की मौत शराब पीने के कारण हो जाती है। शराब के सेवन से 200 प्रकार की बीमारियां होती हैं। शराब पीकर गाड़ी चलाने वाले 27 प्रतिशत लोगों की मौत सड़क दुर्घटना में हो जाती है इसलिये काबिल बननेवाले लोगों को विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट को पढ़ना चाहिये। 
       
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाल विवाह और दहेज प्रथा गैरकानूनी है। 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की और 21 वर्ष से कम उम्र के लड़के की शादी नहीं होनी चाहिये, यह गलत है। इसको लेकर निरंतर अभियान चलाते रहना चाहिये। लड़की के माता-पिता से लड़के वाले को दहेज लेने का कोई मतलब नहीं है। दहेज की लेन-देन करने वालों की शादी में आप शामिल न हों। ऐसा करने वाले लोगों को समझायें। शराबबंदी के प्रति भी निरंतर अभियान चलाते रहें। जीविका दीदियों की आमदनी बढ़े, उनकी तरक्की हो, जीविका समूहों की संख्या बढ़े और उन्हें अधिक काम मिले, यही हमारी चाहत है इसलिये हम घूम रहे हैं और आप सब से बात भी कर रहे हैं। बिहार सरकार की तरफ से आप सबको हरसंभव मदद दी जायेगी। आपस में प्रेम और भाईचारा बना रहे इसके लिये काम करते रहें। पहले हिंदू, मुस्लिम के बीच नफरत फैलाने का काम होता था, अब इसमें काफी कमी आई है। बुलंदी के साथ आपलोग काम करते रहिये, आपके हित में जो भी होगा किया जायेगा।
     
इस दौरान वित्त, वाणिज्य कर एवं संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा, भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी, कला संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री सह दरभंगा जिले के प्रभारी मंत्री जितेंद्र कुमार राय, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री ललित कुमार यादव, समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी, विधायक विनय कुमार चौधरी, मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, ग्रामीण विकास विभाग के सचिव बालामुरुगन डी, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी जीविका सह मिशन निदेशक जल-जीवन-हरियाली अभियान राहुल कुमार, आयुक्त, दरभंगा प्रमंडल डॉ मनीष कुमार, जिलाधिकारी दरभंगा राजीव रौशन, वरीय पुलिस अधीक्षक दरभंगा अवकाश कुमार सहित जीविका दीदियां उपस्थित थी।