-प्रत्येक माह की 21 तारीख को आयोजित होगा परिवार नियोजन दिवस कार्यक्रम।
-परिवार नियोजन के अस्थाई व अस्थाई साधनों पर हुई चर्चा।
-परिवार नियोजन अपनाये और जीवन खुशाल बनाएंगे।
#MNN@24X7 मधुबनी/21 दिसंबर। अब जिले के प्रत्येक हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर पर प्रत्येक माह के 21 तारीख को मिशन परिवार विकास अभियान के तहत परिवार नियोजन दिवस का आयोजन किया जाएगा. इसी आलोक में हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर अरेर में परिवार नियोजन दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया.कार्यक्रम को लेकर स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा पहले क्षेत्र में मोबिलाइजेशन किया गया.
इस दौरान महिलाओ एवं गर्भवती ने कार्यक्रम में बढ़ चढ़ के हिस्सा लिया सभी को सीएचओ दयानंद प्रसाद के द्वारा परिवार नियोजन के स्थायी एवं अस्थाई तरीके के बारे में जानकारी दी गई । जिसमें अंतरा छाया, कॉपर टी एवं कंडोम सहित कई अन्य प्रकार का उपयोग से बच्चों के बीच उम्र का अंतर रख सकते हैं। कई महिलाओं एवं पुरुषों ने परिवार नियोजन तकनीक अपनाने के लिए दिलचस्पी दिखाई.
उपस्थित योग्य दंपत्ति महिलाओ से परिवार नियोजन से सम्बंधित सवाल भी पूछे गए जिन्होंने उचित सवाल के जवाब दिए सभी को चॉकलेट देकर परुष्कृत किया गया. केंद्र पर उपस्थित महिलाओं तथा योग्य दंपत्ति को परिवार नियोजन के अस्थाई साधनों का मुफ्त वितरण भी किया गया.
छोटा और खुशहाल परिवार के लिए परिवार नियोजन जरूरी:
डीपीसी पंकज कुमार ने बताया इस दौरान योग्य दंम्पत्तियों एवं उनके परिवार वालों को परिवार नियोजन की सुविधा अपनाने के लिए जागरूक किया गया। साथ ही इस साधन को अपनाने से होने वाले फायदे, सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई तमाम सुविधाओं की भी जानकारी दी गई। ताकि योग्य महिलाएं इस साधन को अपनाने के लिए बेहिचक आगे आ सकें । वहीं, उन्होंने कहा, छोटा और खुशहाल परिवार के लिए परिवार नियोजन को अपनाने की बेहद जरूरत है। क्योंकि, जब आपका परिवार छोटा होगा तभी आपके पूरे परिवार को उचित परवरिश मिलेगी और आप अपने बच्चे को उचित शिक्षा देने में सक्षम रहेंगे। इसलिए, शादी के साथ ही परिवार की संख्या की योजना तैयार करें।
स्वस्थ माँ और मजबूत बच्चे के लिए तीन साल का अंतर जरूरी :
जिला सामुदायिक उत्प्रेरक नवीन दास ने कहा, स्वस्थ माँ और मजबूत बच्चे के लिए बच्चे के जन्म में तीन साल का अंतर रखना जरूरी है। इसलिए, अगर आप खुशहाल परिवार की जिंदगी जीना चाहते हैं तो पहला बच्चा 20 के बाद और दूसरे बच्चे में कम से कम तीन साल अंतराल जरूर रखें। इससे ना सिर्फ स्वस्थ माँ और मजबूत बच्चे होंगे , बल्कि, जच्चा-बच्चा दोनों भविष्य में भी अनावश्यक शारीरिक परेशानी से दूर रहेंगे। दरअसल, तीन साल का अंतर रखने से माँ तो स्वस्थ रहती ही है। साथ ही बच्चे की भी रोग-प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। जिससे दोनों संक्रामक समेत अन्य बीमारियों से भी दूर रहते हैं। वहीं, उन्होंने कहा इस साधन को अपनाने से ना सिर्फ छोटा और सीमित परिवार होगा, बल्कि, महिलाओं की शारीरिक विकास होगा व परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
नसबंदी कराने पर मिलती है प्रोत्साहन राशि:
नसबंदी कराने वाले लाभार्थी को सरकार द्वारा 3000 रुपये एवं उत्प्रेरक को 400 रुपये मिलते हैं। वहीं प्रसव के तुरंत बाद बंध्याकरण कराने पर लाभार्थी महिला को 3000 रुपये तथा उत्प्रेरक को 400 रुपये ,पीपीआईयूसीडी बंध्याकरण पर लाभार्थी को 2000 रुपये, एएनएम को 150 रुपये आशा को 150 रुपये,प्रसव पश्चात कॉपर टी लगवाने पर 300 रुपये, गर्भपात उपरांत कॉपर टी लगवाने पर लाभार्थी को 300 रुपये, एमपी अंतरा प्रति सुई लगाने पर प्रति लाभार्थी 100 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है।
आयोजन में एएनएम जयमाला,शोभा कुमारी तथा सभी आशाकर्मी मौजूद थी.