#MNN@24X7 मथुरा। भारत में बिना पासपोर्ट और वीजा के आने वाले बांग्लादेशी नागरिक पुलिस और खुफिया एजेंसियों के निशाने पर हैं।आगरा की आवास विकास कॉलोनी के सेक्टर-14 में 32 लोगों की गिरफ्तारी से एक दिन पहले मथुरा में पुलिस ने बांग्लादेशी कमरुल को गिरफ्तार किया था।कमरुल एजेंट के रूप में काम करता था।कमरुल की गिरफ्तारी की खबर से छह बांग्लादेशी गायब हो गए हैं।पुलिस इनकी तलाश में जुटी है। कहां पर छिपे हैं पुलिस पता कर रही है।गायब हुए छह बांग्लादेशियों का अभी कुछ पता नहीं चला है।
बता दें कि चार फरवरी की रात इंटेलिजेंस ब्यूरो(आईबी) की सूचना पर आगरा के थाना सिकंदरा पुलिस ने सेक्टर-14 में प्रधानजी की बगीची में छापा मारा था। छापेमारी में 15 पुरुष, 13 महिलाएं, 4 किशोर और 8 बच्चे मिले थे।ये सभी बांग्लादेश से आए थे और आगरा में अवैध तरीके से रहकर कबाड़ी का काम कर रहे थे। यहां अपनी अलग एक बस्ती भी बना रखी थी।पुलिस की छापेमारी से एक दिन पहले एलआईयू और आर्मी इंटेलीजेंस की सूचना पर मथुरा के कोतवाली थाना क्षेत्र से बांग्लादेशी कमरुल पकड़ा गया था।पुलिस ने कमरुल को जेल भेजा था।
पूछताछ में पता चला था कि कमरुल घुसपैठ में मदद करता है और हालिम और रहीमा के पास लोगों को लेकर आता है। हाल ही में भी कमरुल कुछ लोगों को लेकर आया था। कमरुल ने आगरा में बांग्लादेशियों को छोड़ा था। कमरुल के पास दो सिम भी मिले थे।जिसमें एक सिम बांग्लादेश की थी और उसके संपर्क में कई लोग थे।कमरुल की गिरफ्तारी की खबर मिलते ही आगरा आए लोग गायब हो गए।पुलिस अब उनकी तलाश में जुटी है।
मिली जानकारी के अनुसार पुलिस को पता चला है कि आगरा और मथुरा में पुलिस कार्रवाई से बचने के लिए बांग्लादेशी हरियाणा और दिल्ली की तरफ चले गए हैं।वो सड़क पर ही अपना ठिकाना बना रहे हैं।साथ में एजेंट भी छिपे हुए हैं।
बताते चलें कि बांग्लादेशी शहदुल गाजी मथुरा में रहता था।साल 2008 में शहदुल सिकंदरा के रुनकता में आ गया था। कबाड़ का काम कर रहा है।शहदुल ने साल 2013 में दो प्लॉट खरीदा।शहदुल के साथ 50-60 लोग और रहते थे। साल 2019 में जांच हुई तो शहदुल को जेल भेजा गया था।शहदुल अब जेल से बाहर आ गया है और रुनकता में ही रहता है।शहदुल कबाड़ का काम करता है।न्यायालय में शहदुल का मुकदमा विचाराधीन है।
(सौ स्वराज सवेरा)