स्नातकोत्तर (द्वितीय एवं चतुर्थ सेमेस्टर ) के छात्र-छात्राओं की आंतरिक मूल्यांकन परीक्षा की तिथि निर्धारित हुई —- डॉक्टर अनिल कुमार मंडल जी ,प्रधानाचार्य ,सी एम कॉलेज, दरभंगा।
परीक्षा में सभी छात्र-छात्राऍं अनिवार्य रूप से उपस्थित हों -डॉ अनुपम कुमार सिंह, विभागाध्यक्ष, गणित विभाग।
परीक्षा में अनुपस्थित रहने की स्थिति में दूसरा कोई विकल्प नहीं -अखिलेश कुमार राठौर, विभागाध्यक्ष हिंदी
#MNN@24X7 दरभंगा, आज दिनांक – 18 मार्च, को सीएम कॉलेज दरभंगा में प्रधानाचार्य की अध्यक्षता में सभी विभागाध्यक्ष की बैठक आहूत की गई, जिसमें सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि स्नातकोत्तर द्वितीय एवं चतुर्थ सेमेस्टर के छात्र- छात्राओं की आंतरिक मूल्यांकन परीक्षा , माह- अप्रैल – 2023 में संपन्न होगा, इसके लिए वर्तमान शैक्षणिक सत्र में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं (जोकि स्नातकोत्तर द्वितीय एवं चतुर्थ सेमेस्टर में अध्ययनरत हैं) की परीक्षा की निर्धारित तिथि एवं समय सारिणी को बहुत जल्द महाविद्यालय की सूचना पटल पर प्रकाशित की जाएगी, साथ ही साथ इसकी सूचना विभिन्न समाचार पत्रों, सोशल मीडिया, फेसबुक, व्हाट्सएप इत्यादि के माध्यम से प्रसारित किया जाएगा।
उक्त दोनों सेमेस्टर के छात्रों के लिए प्रथम आंतरिक मूल्यांकन परीक्षा की तिथि 13 अप्रैल से प्रारंभ होकर 20 अप्रैल 2023 तक संपन्न होगा जबकि द्वितीय आंतरिक मूल्यांकन परीक्षा 24 अप्रैल 2023 से 28 अप्रैल 2023 तक संपन्न होगा। प्रधानाचार्य जी ने विचार विमर्श करते हुए निर्देशित किया कि कॉमर्स एवं इतिहास विभाग के द्वितीय सेमेस्टर के छात्रों की परीक्षा प्रातः 9:15 से प्रारंभ होगा जबकि चतुर्थ सेमेस्टर के छात्रों की परीक्षा पूर्वाहन 10:45 से 11:45 तक संपन्न होगा।
इसी प्रकार वाणिज्य एवं इतिहास के अलावा बाकी सभी विभागों के छात्रों की परीक्षा का समय अपराह्न में संपन्न होगा। छात्र-छात्राओं को उन्होंने निर्देशित किया कि निरंतर महाविद्यालय में अध्ययन-अध्यापन करते हुए सूचना पटल पर चस्पा किए गए सभी सूचनाओं को ध्यान से पढ़ें और महाविद्यालय के नियमानुसार निर्धारित तिथि पर परीक्षा में उपस्थिति सुनिश्चित करें, परीक्षा में अनुपस्थित रहने वाले छात्रों के लिए कोई दूसरा विकल्प नहीं होगा। विश्वविद्यालय से इस संबंध में एक चिट्ठी भी प्राप्त हुई है कि प्रथम एवं द्वितीय आंतरिक मूल्यांकन परीक्षा संपन्न होने के उपरांत परीक्षा में अनुपस्थित रहने वाले छात्रों के लिए फिर से प्रथम या द्वितीय आंतरिक मूल्यांकन परीक्षा नहीं ली जाएगी और इसकी संपूर्ण जवाबदेही संबंधित छात्र-छात्राओं की होगी।
गणित विभाग के अध्यक्ष डॉ अनुपम कुमार सिंह जी ने कहा कि प्रथम आंतरिक मूल्यांकन परीक्षा में छात्र-छात्राओं को पूर्ण किए गए पाठ्यक्रम में से इकाईवार प्रश्न पूछे जाते हैं और यह परीक्षा 7.5 अंकों की होती है ।
अर्थशास्त्र के विभागाध्यक्ष डॉक्टर अबसार आलम जी ने कहा कि परीक्षा के दौरान छात्र-छात्राएं परीक्षा के नियमों का पालन करेंगे और इसके लिए उन्हें निरंतर महाविद्यालय की गतिविधियों , कार्यक्रमों एवं परीक्षा से संबंधित सूचनाओं को जानने के लिए महाविद्यालय की सूचना पटल को पढ़ते रहना चाहिए।
हिंदी के विभागाध्यक्ष अखिलेश कुमार राठौर ने कहा कि महाविद्यालय में परीक्षा सर्वाधिक संवेदनशील मामला है , छात्र-छात्राओं का सर्वांगीण विकास की प्रक्रिया में शिक्षित होकर प्रतियोगी परीक्षाओं में वरीय क्रम हासिल करने से होता है परीक्षा व्यक्ति के ज्ञान, अभ्यास एवं कला-कुशलता का मूल्यांकन करता है, इसलिए परीक्षा में अनुपस्थित रहने वाले छात्रों के लिए कोई भी दूसरा विकल्प नहीं होता। आगे उन्होंने कहा कि इस प्रकार की समस्याएं पूर्व के परीक्षा में देखी गई कि संबंधित तिथि पर परीक्षार्थी अनुपस्थित होते हैं और बाद में महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों की चक्कर काटते रहते हैं, इससे छात्र भी परेशान होते हैं और महाविद्यालय अन्य गतिविधियां भी प्रभावित होती है।
इस बैठक में प्रधानाचार्य डॉ अनिल कुमार मंडल, मनोविज्ञान विभाग की सहायक प्राचार्य एकता श्रीवास्तव, गणित विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ अनुपम कुमार सिंह, उर्दू विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ उस्मानी हिंदी के विभागाध्यक्ष श अखिलेश कुमार राठौर, समाजशास्त्र के विभागाध्यक्ष डॉ प्रभात कुमार चौधरी, राजनीति विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉक्टर दिव्या झा, इतिहास विभागाध्यक्ष डॉ दिवाकर कुमार सिंह, अर्थशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ अबसार आलम, अंग्रेजी विभागाध्यक्ष डॉ सुब्रत कुमार दास वाणिज्य विभाग के सहायक प्राचार्य डॉक्टर रितिका मौर्या, परीक्षा नियंत्रक एवं समाजशास्त्र के सहायक प्राचार्य डॉ मयंक श्रीवास्तव सहित अन्य प्राध्यापकगण उपस्थित थे।