दरभंगा। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के पीजी अंग्रेजी विभाग की ओर से रिसर्च राइटिंग विषय पर संचालित कार्यशाला के तीसरे दिन शनिवार को दो तकनीकी सत्र हुआ। सुबह 11:00 बजे से संचालित प्रथम तकनीकी सत्र में विभागाध्यक्ष प्रोफेसर ए.के. बच्चन ने सत्र के रिसोर्स पर्सन, लखनऊ यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट ऑफ इंग्लिश एंड मॉडर्न यूरोपीयन लैंग्वेजेज के प्रोफेसर आर.पी. सिंह का स्वागत किया। प्रोफेसर आर.पी सिंह ने ” हाउ टू प्लान ए रिसर्च” विषय पर अपना व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा की रिसर्च राइटिंग के पांच मूल चरण हैं -प्लानिंग, इंटीग्रेशन, ऑर्गेनाइजेशन, यूनीकनेस और स्ट्रक्चरिंग जिसे शोधार्थी “PIOUS” फार्मूला के नाम से याद रख सकते हैं। प्रोफेसर सिंह ने शोधार्थियों को अनेक संस्थानों जैसे आईसीसीआर, स्ट्राइड, आईसीएसआर तथा अन्य संस्थाओं द्वारा रिसर्च फंडिंग की प्रक्रिया से अवगत कराया। उन्होंने अनेक उदाहरणों द्वारा छात्रों को बताया कि किस प्रकार अंग्रेजी साहित्य के छात्र शोध के माध्यम से अपने सभ्यता संस्कृति, सामाजिक सरोकार तथा क्षेत्रिय विशेषता से जुड़े मुद्दों में अपनी सहभागिता दे सकते हैं। तकनीकी सत्र की समाप्ति पर विभाग की शोधार्थी सुश्री गुड़िया ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
पुनः 1:00 बजे से संचालित द्वितीय तकनीकी सत्र में, अंग्रेजी विभाग के पूर्ववर्ती छात्र, तथा वर्तमान में आईआईटी रुड़की में पदस्थापित प्रोफ़ेसर विनोद मिश्रा ने “मैकेनिक्स ऑफ राइटिंग इफेक्टिव रिसर्च पेपर” पर व्याख्यान दिया। प्रोफ़ेसर मिश्रा ने रिसर्च राइटिंग की बारीकियां जैसे लिटरेचर रिव्यू, भाषा की अनुरूपता तथा उसे प्रभावशाली बनाने के उपाय, रेफरेंसिंग समेत अनेक पहलुओं को रेखांकित किया। अनेक उदाहरणों के द्वारा प्रोफेसर मिश्रा ने एक उत्कृष्ट रिसर्च पेपर के गुणों को शोधार्थियों से साझा किया। तकनीकी सत्र के अंत में धन्यवाद ज्ञापन विभाग की शोधार्थी सुश्री अंजलि झा द्वारा किया गया।
दोनों तकनीकी सत्रों के पश्चात प्रतिभागियों के जिज्ञासाओं का समाधान रिसोर्स पर्सन ने किया।
कार्यशाला में अनेक विश्वविद्यालयों के शिक्षकों तथा रिसर्च स्कॉलर्स के साथ-साथ अंग्रेजी विभाग के प्रो पुनीता झा, प्रो कुलानंद यादव, डॉक्टर ए के सिंह सम्मिलित थे। सत्रों का संचालन डॉ संकेत कुमार झा द्वारा किया गया।