#MNN@24X7 गोरौल, वैशाली, 21 अप्रैल, जन सुराज पदयात्रा के 202वें दिन की शुरुआत गोरौल प्रखंड अंतर्गत पिरोई समसुद्दीन पंचायत स्थित पदयात्रा शिविर में सर्वधर्म प्रार्थना से हुई। इसके बाद प्रशांत किशोर सैकड़ों पदयात्रियों के साथ पिरोई समसुद्दीन पंचायत से पदयात्रा के लिए निकले। कल जन सुराज पदयात्रा बकसामा, इस्माइलपुर, चेहराकला, मंसूरपुर हेलैया, अबाबकरपुर, अख्तियारपुर सेहन होते हुए चेहराकला प्रखंड के खाजेचंद छपरा पंचायत स्थित आरएलएस कॉलेज ग्राउंड, प्रेमराज में रात्रि विश्राम के लिए पहुंची। आज प्रशांत किशोर वैशाली के अलग-अलग गांवों में पदयात्रा के माध्यम से जनता के बीच गए। उनकी स्थानीय समस्याओं को समझ कर उसका संकलन कर उसके समाधान के लिए ब्लू प्रिंट तैयार करने की बात कही। दिनभर की पदयात्रा के दौरान प्रशांत किशोर ने 5 आमसभाओं को संबोधित किया और 7 पंचायत के 11 गांवों से गुजरते हुए 13.8 किमी की पदयात्रा तय की।
कांग्रेस, लालू, नीतीश और मोदी ने बिहार के लिए कुछ नहीं किया, अब समय आ गया है कि बिहार की जनता अपना विकल्प खुद बनाए: प्रशांत किशोर।
जन सुराज पदयात्रा के दौरान वैशाली में एक आमसभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि आपकी वोट की कीमत नाली-गली, 5 किलो अनाज नहीं है। आपके वोट की कीमत है आपके बच्चों का भविष्य। अगर आप अपने बच्चों के भविष्य को देखकर वोट नहीं करेंगे तो इसको कोई नहीं सुधार पाएगा। लोग कहते हैं कि किस नेता किस दल को वोट दें, बिहार में तो कोई विकल्प ही नही हैं बिहार में आज केवल दो ही विकल्प है एक लालू जी का लालटेन दूसरा मोदी जी की भाजपा, नीतीश कुमार का तो कोई दल ही नहीं है कभी लालटेन पकड़कर लटक जाते हैं तो कभी कमल के फूल पर बैठ जाते हैं। अब आप अपनी सरकार बनाइये, यानि जनता की सरकार बनाइए। इस अभियान का नाम है जन सुराज यानि जनता का सुंदर राज। आपने कांग्रेस, लालू, नीतीश और मोदी का राज देखा, लेकिन इससे आपका कोई भला नहीं हुआ। अगर आप प्रशांत किशोर का राज बनायेंगे तो भी आपका भला नहीं होगा। इसलिए आप जनता का राज बनाइए।
वोट देने के समय अपने बच्चों के भविष्य के बारे सोच कर वोट नहीं देते, इसलिए आज बिहार की ये दुर्दशा है: प्रशांत किशोर।
जन सुराज पदयात्रा के दौरान वैशाली में एक आमसभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि जब आप अपने बच्चों के भविष्य को देखकर वोट देंगे तभी बिहार की और आपकी दुर्दशा सुधरेगी। यही समझाने के लिए पदयात्रा कर रहे हैं और गांव-गांव जाकर सबको हाथ जोड़कर यही समझा रहे हैं कि नेता का चेहरा देखकर नहीं अपने बच्चों का चेहरा देखकर वोट कीजिए। आपको लगता है कि नेता जाति की राजनीति करता है मगर सच है कि नेता अपने बच्चे की और परिवार की राजनीति करता है। धर्म और जाति में आपने आप को मत उलझने दीजिए। जाति और धर्म की चिंता छोड़कर अपने बच्चे के लिए वोट दीजिए। ये बात समझ आए तो ठीक है और नहीं समझ आए तो जिसका झंडा लेकर आप चल रहे हैं चलते रहिए। लेकिन लिखकर रखिएगा, आने वाले समय में अपने बच्चों के भविष्य के लिए आप ही जिम्मेदार होंगे कोई दूसरा इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा।