#MNN@24X7 दरभंगा, समाहरणालय परिसर अवस्थित बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर सभागार के पास से जिलाधिकारी दरभंगा श्री राजीव रौशन द्वारा बाल श्रम के विरुद्ध जन जागरूकता हेतु तीन प्रचार वाहनों एवं बेनीपुर क्षेत्र अंतर्गत बाल श्रमिकों की विमुक्ति हेतु धावा दल टीम को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया।
    
इस मौके पर श्रम अधीक्षक राकेश रंजन,उप निदेशक जन संपर्क नागेंद्र कुमार गुप्ता, वरीय विशेष कार्य पदाधिकारी सह जिला आपदा प्रभारी सत्यम सहाय, सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा नेहा कुमारी उपस्थित थे।
      
श्रम अधीक्षक के द्वारा जिला पदाधिकारी एवं अन्य उपस्थित सभी पदाधिकारियों को बाल श्रम के विरुद्ध संदेश से संबंधित स्टीकर लगाया गया।
  
जिलाधिकारी द्वारा बताया गया कि बच्चों से काम कराना गैरकानूनी के साथ अमानवीय कृत्य भी है ।
     
उन्होंने कहा कि बच्चों का स्थान विद्यालय एवं खेलकूद के मैदान में है, न कि होटल, ढाबा, मोटर गैराज, फैक्ट्री आदि में है।
        
जिलाधिकारी द्वारा बताया गया कि दरभंगा जिले में बाल श्रमिकों की विमुक्ति हेतु धावा दल गठित है तथा श्रम अधीक्षक के पर्यवेक्षण में श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, जिला बाल संरक्षण इकाई, चाइल्डलाइन, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट तथा विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं की समेकित टीम के द्वारा सप्ताह में 2 दिन धावा दल के द्वारा अलग-अलग प्रखंडों में निरीक्षण की कार्रवाई की जाती है तथा बाल श्रमिक के नियोजित पाए जाने पर उन्हें नियमानुसार विमुक्त कराकर बाल कल्याण समिति दरभंगा के समक्ष उपस्थापित कर उनके पुनर्वास की अग्रेतर कार्रवाई की जाती है।
       
साथ ही दोषी नियोजकों  के विरुद्ध संबंधित थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई जाती है एवं माननीय सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा एम सी मेहता बनाम तमिलनाडु सरकार में दिए गए आदेश के आलोक में ऐसी दोषी नियोजकों  से 20 हजार रुपये प्रति बाल श्रमिक वसूली की जाती है, जिसे जिला बाल श्रमिक पुनर्वास सह कल्याण कोष में जमा कराया जाता है तथा यह राशि जमा नहीं कराने वाले नियोजकों के विरुद्ध नीलाम पत्र वाद अलग से दायर कर राशि की वसूली की कार्रवाई की जाती है।
    
श्रम अधीक्षक द्वारा बताया गया कि बाल श्रम उन्मूलन दिवस 30 अप्रैल से बाल श्रमिक निषेध दिवस 12 जून तक बाल श्रम के विरुद्ध विशेष जन जागरूकता अभियान तथा बाल श्रमिकों की विमुक्ति हेतु लगातार धावा दल चलाया जा रहा है तथा इस अभियान के तहत 04 मई को सिंहवाड़ा प्रखंड से एक बाल श्रमिक, 05 मई को बहादुरपुर प्रखंड से एक बाल श्रमिक तथा 11 मई को बिरौल प्रखंड से एक बाल श्रमिक को बिमुक्त कराया गया।
       
इसके अतिरिक्त अप्रैल 2023 में दरभंगा सदर प्रखंड से दो बाल श्रमिक तथा वित्तीय वर्ष 2022-23 में विभिन्न प्रखंडों के अलग-अलग प्रतिष्ठानों से कुल 10 बाल श्रमिकों को  विमुक्त कराया गया है।
      
उन्होंने कहा कि विमुक्त बाल श्रमिकों को श्रम संसाधन विभाग की तरफ से 3000 हजार रुपये की तत्काल आर्थिक सहायता राशि दी जाती है तथा इसके अतिरिक्त माननीय मुख्यमंत्री राहत कोष से 25000 रुपये की राशि श्रमायुक्त बिहार के माध्यम से प्राप्त होती है।  जिसे उक्त बाल श्रमिक के खाते में अंतरित कराकर उसका एफडी की राशि सावधि जमा कराया जाता है तथा जिसकी सूद की राशि प्रतिमाह संबंधित बाल श्रमिक के खाते में जाती है तथा एफडी की राशि उन्हें 18 वर्ष की आयु पूरी करने पर प्राप्त होता है ।
        
उन्होंने कहा कि अगस्त 2022 के बाद ऐसे 12 बाल श्रमिकों को 25000 रुपये की राशि दी गई है, जबकि सात बाल श्रमिकों को 3000 रुपये तत्काल आर्थिक सहायता राशि दी गई है तथा कतिपय बाल श्रमिकों हेतु आवंटन की मांग की गई है तथा आवंटन प्राप्त होते ही सभी को यथाशीघ्र अनुदान राशि का भुगतान करा दिया जाएगा।
         
इसके अतिरिक्त विमुक्त बाल श्रमिकों के माता-पिता एवं उनके परिवार को सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं से प्राथमिकता के आधार पर अच्छादित किया जाता है ताकि वह बच्चों और उनका परिवार समाज की मुख्यधारा से जुड़ सकें तथा उनके बच्चे पुनः बाल श्रम की ओर नहीं जाए।
     
जिलाधिकारी ने कहा कि बच्चों से काम कराने वाले व्यक्ति किसी भी स्थिति में बख्शे नहीं जाएंगे तथा ऐसे व्यक्तियों के विरुद्ध कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
    
उन्होंने कहा कि बाल श्रमिकों की विमुक्ति हेतु श्रम अधीक्षक के नेतृत्व में धावा दल की टीम अच्छा कार्य कर रही है, कल मंगलवार को धावा दल की टीम के द्वारा हायाघाट प्रखंड के ईट भट्टों की सघन जाँच की गई थी, जबकि आज बेनीपुर प्रखंड के ईट भट्ठा मे धावा दल की टीम के द्वारा सघन जाँच की जा रही है।
        
जिलाधिकारी ने कहा कि बाल श्रम से संबंधित जिला स्तर पर जिला टास्क फोर्स गठित है जिसके माध्यम से बाल श्रमिकों की विमुक्ति एवं पुनर्वास पर सतत निगरानी रखी जाती है। इसके अतिरिक्त दरभंगा जिले के सभी 18 प्रखंडों में प्रखंड स्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया जा चुका है, जबकि जिले के आधे से अधिक पंचायतों में पंचायत स्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया जा चुका है तथा शेष पंचायतों में टास्क फोर्स का गठन प्रक्रियाधीन है।
         
12 जून के पूर्व सभी पंचायतों में टास्क फोर्स का गठन शत-प्रतिशत कराने हेतु श्रम अधीक्षक के द्वारा सभी संबंधित श्रम प्रवर्तन पदाधिकारीयों को निर्देशित किया गया है।
     
इस अवसर पर श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी दरभंगा सदर मोहन कुमार, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी घनश्यामपुर बमबम कुमार, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी कुशेश्वरस्थान शुभम, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी सिंहवाडा लक्ष्मण कुमार झा, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी हायाघाट दिलीप कुमार, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी बेनीपुर किशोर कुमार झा,  श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी केवटी विष्णुधर शर्मा, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी बहादुरपुर अमित कुमार कश्यप, बाल संरक्षण पदाधिकारी गोविंद राम, चाइल्डलाइन की आराधना कुमारी,  महिला हेल्पलाइन की अजमतून निशा, प्रथम संस्था से सुधीर कुमार, समग्र शिक्षण एवं विकास संस्थान की समन्वयक श्रेया कुमारी, आश्रय ट्रस्ट संस्था के समन्वयक समीर पॉल, उप श्रम आयुक्त कार्यालय दरभंगा के कई कार्यालय कर्मी आदि उपस्थित थे।