●राजनीति विज्ञान विभाग में परा स्नातक छात्र-छात्राओं का हुआ अभिसंस्करण कार्यक्रम।
●शोध की विश्वसनीयता व शोध की महत्ता को सबसे पहले जाने छात्र-छात्रा:- विभागाध्यक्ष, प्रो. मुनेश्वर यादव।
●शोध की गहनता, सत्यनिष्ठता तथा यथार्थता को जानकर ही किया जा सकता है गुणवत्तापूर्ण शोध:- डॉ. मुकुल बिहारी वर्मा।
●नियमित अध्ययन, सतत प्रयास व लगन से मिलती है सफलता:- रघुवीर कुमार रंजन।
#MNN@24X7 लनामिवि दरभंगा, आज दिनांक 25 मार्च 2023 दिन गुरुवार को विश्वविद्यालय राजनीति विज्ञान विभाग में नवागंतुक शोध छात्र छात्राओं एवं राजनीति विज्ञान परास्नातक छात्र-छात्राओं के आगमन पर अभिसंस्करण कार्यक्रम का विभागाध्यक्ष प्रो. मुनेश्वर यादव की अध्यक्षता में आयोजन किया गया।
इस आयोजन का शुभारंभ विभागीय प्राध्यापक रघुवीर कुमार रंजन के द्वारा शोध छात्र छात्राओं का अभिनंदन करते हुए किया गया। उन्होंने कहा कि कोई भी सफलता नियमित अध्ययन, सतत प्रयास व लगन से मिलती है। इसीलिए आपलोग क्लास पूरी ईमानदारी से करें। इस अभिसंस्करण कार्यक्रम में विभाग के वरीय प्राध्यापक डॉ. मुकुल बिहारी वर्मा ने कहा कि शोध की गहनता, सत्यनिष्ठता तथा यथार्थता को जानकर ही किया जा सकता है गुणवत्तापूर्ण शोध। आगे उनके द्वारा शोध की गहनता, सत्यनिष्ठता तथा यथार्थता का मजबूती से पक्ष रखा गया।
विभागीय प्राध्यापक सह उप परीक्षा नियंत्रक द्वितीय डॉ. मनोज कुमार के द्वारा काशी हिंदू विश्वविद्यालय में अपने अध्ययन के दौरान अपने शोध अनुभवों को साझा किया गया। उनके द्वारा शोधार्थियों से ससमय पूर्ण करने के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिया गया। उन्होंने कहा कि शोध की कुंजी है कोर्सवर्क। कोर्सवर्क में शोध से संबंधित हर बारीकी से आप सभी छात्र-छात्राओं को अवगत कराया जायेगा। जो कोर्सवर्क को पूरी ईमानदारी से करेगा, मानो आधा शोध तो उसका उसी समय पूरा हो गया। शोध पूर्ण कर चुका शोधार्थी जीवन के सफर में कोई भी सर्वेक्षण वास्तविक तथ्यों के आधार पर करता है न कि काल्पनिक आधार पर जो उनके व्यक्तित्व में निखार लाता है।
मारवाड़ी महाविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभागाध्यक्ष गंगेश कुमार झा के द्वारा शोध पाठ्यक्रम का विस्तृत वाचन किया गया और उनके द्वारा हर पहलुओं से अवगत कराया गया। अभिसंस्करण कार्यक्रम के इस आयोजन में शोध छात्र-छात्राओं के द्वारा परिचय एवं अपने अनुभवों को साझा किया गया।*
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विभागाध्यक्ष प्रो. मुनेश्वर यादव ने अपने संबोधन में कहा कि शोध की विश्वसनीयता व शोध की महत्ता को सबसे पहले जाने शोधार्थी। आगे उन्होंने विस्तार से इस पर प्रकाश डाला।
अंत में इस कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन विभागीय प्राध्यापिका श्रीमती नीतू कुमारी के द्वारा किया गया। मंच संचालन शोध छात्रा अस्मि ने किया। इस अवसर पर शोधार्थी अनूप मिश्र, राम कृपाल एवं सिद्धार्थ राज समेत दर्जनों नवनामांकित छात्र-छात्रा उपस्थित रहे।