मॉक टीम ने सभी विभागाध्यक्षों को सप्ताह भर के भीतर विभागों की कमियों को दूर करने का दिया निर्देश।

एक सप्ताह के बाद दोबारा स्नातकोत्तर विभागों की तैयारियों का निरीक्षण करेंगी मॉक टीम।

#MNN@24X7 दरभंगा, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के प्रस्तावित नेशनल असेसमेंट एंड एक्रिडिटेशन काउंसिल (नैक) निरीक्षण की तैयारियां जोर-शोर से चल रही है। नैक निरीक्षण को लेकर विश्वविद्यालय की मॉक टीम के सदस्यों ने प्रति-कुलपति प्रो. डॉली सिन्हा की अध्यक्षता में बुधवार को विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर विभाग वनस्पति विज्ञान का जायजा लिया। इसके साथ ही मॉक टीम के सदस्यों की ओर से विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर विभागों में पहले चरण के तहत चल रहे निरीक्षण का दौर पूरा हो गया। मॉक टीम ने सभी विभागाध्यक्षों को सप्ताह भर के भीतर विभागों की कमियों को दूर करने का निर्देश दिया। मॉक टीम की ओर से दिए गए निर्देश पर अमल होने के बाद मॉक टीम दूसरे चरण के तहत विभागों का निरीक्षण अगले सप्ताह करेंगी।

मॉक टीम की अध्यक्षा प्रति-कुलपति प्रो. डॉली सिन्हा ने बताया कि पहले चरण के तहत अब तक विभागों की ओर से की गई तैयारियों का लेखा-जोखा निर्धारित प्रारूप में जांच की गई। मॉक निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य नैक की पीयर टीम के आगमन से पूर्व विश्वविद्यालय के सभी विभाग अपनी तमाम कमियों को दूर करने के साथ ही इसको और बेहतर कर सकें। नैक द्वारा जो सूचनाएं मांगी गई हैं, वे प्रमाणिकता के साथ प्रस्तुत कर सके, जिससे ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय को बेहतर नैक ग्रेड इस बार मिल सके।

उन्होंने कहा कि विभागों का दौरा कर गहन अवलोकन करने के बाद विभागीय प्रोफाइल में जो कमियां थीं, उन्हें दूर करने की सलाह दी गयी। कमियों को दूर कर एक सप्ताह के बाद दोबारा प्रस्तुतीकरण देने का निर्देश दिया है, ताकि पीयर टीम के समक्ष विश्वविद्यालय की छवि बेहतर रूप से प्रस्तुत की जा सके। इसके लिए सभी विभागाध्यक्षों को निर्देश दिया कि प्रोफाइल में दर्शाए गए सभी अंशों के अलग-अलग फाइल बनाकर सारी सूचनाएं प्रमाणिक रूप में रखें। इससे यह होगा कि पीयर टीम के सदस्यों की ओर से पूछताछ करने पर उसे प्रमाणित किया जा सके।

इस अवसर पर मॉक टीम के सदस्य प्रो. बीबीएल दास ने बताया कि प्रस्तुतीकरण का अवलोकन करने के बाद एक्सटेंशन एक्टिविटी के तहत विश्वविद्यालय परिसर से बाहर समाज में किये गए कार्यों का डेटा शामिल करने का सुझाव दिया गया। शिक्षकों से अपने विभाग के उन्नयन हेतु शॉर्ट टर्म, मिडिल टर्म एवं लॉंग टर्म योजनाएं बनाई गई है, उनकी विस्तृत जानकारी पीपीटी में प्रस्तुत करने को कहा गया है।

मॉक टीम के सदस्य डॉ. दिवाकर झा ने बताया कि सभी विभागाध्यक्षों को निर्देश दिया गया कि पीयर टीम विश्वविद्यालय के ढांचागत विकास से लेकर विश्वविद्यालय में उपलब्ध मानव संसाधनों का भी ऑडिट करेगी। इसके लिए अपने-अपने विभाग का लेखा-जोखा जरूर पीपीटी में तैयार कर लें। विश्वविद्यालय की कोशिश इस बार बेहतर ग्रेड लाने की है। उम्मीद भी है कि विश्वविद्यालय को बेहतर ग्रेड प्राप्त होगा। पिछली बार विश्वविद्यालय को बी ग्रेड प्राप्त हुआ था। इस बार विश्वविद्यालय को ए ग्रेड मिले, जिसके लिए हर स्तर पर तैयारियां की जा रही है।

आईक्यूएसी निदेशक डॉ. मो. ज्या हैदर ने बताया कि पहले चरण के तहत सभी विभागों की तैयारियों का भी अवलोकन किया गया है। अवलोकन के बाद डेटा में कैसे बेहतरी हो इसके लिए उपया बताए गए हैं। उन्होंने कहा कि मॉक टीम विवि मुख्यालय सहित पीजी के 21 विभागों, पुस्तकालयों, बहुद्देशीय भवन, परीक्षा भवन आदि का निरीक्षण किया। विभाग में कितने फैकल्टी हैं, कोर सब्जेक्ट के अलावा किस वोकेशनल कोर्स की पढ़ाई होती है, विभाग के शिक्षकों के कितने मेजर और माइनर प्रोजेक्ट हैं, लैब और लाइब्रेरी की अद्यतन स्थिति के अलावा विभाग से जुड़ी उपलब्धियां की जानकारी ली गई। इस अवसर पर मॉक टीम के सदस्य सहित वनस्पति विभाग के विभागाध्यक्ष, शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मी शामिल थे।