एक पाक्सो एक्ट के दोषी सांसद को बचाने के लिए आंदोलनरत महिला पहलवानों पर ऐसा दमन अंग्रेजी राज का याद ताजा- धीरेंद्र झा
संविधान का अपमान बर्दाश्त नहीं- धीरेंद्र झा
#MNN24X7 समस्तीपुर, 1 जून, भाकपा माले जिला स्थाई समिति की बैठक जिला सचिव उमेश कुमार की अध्यक्षता एवं पोलिट ब्यूरो सदस्य का० धीरेंद्र झा के पर्यवेक्षण में बृहस्पतिवार को शहर के मालगोदाम चौक स्थित का० रामदेव वर्मा स्मृति भवन में सम्पन्न हुई।
बैठक को संबोधित करते हुए धीरेंद्र झा ने कहा कि महिला पहलवान द्वारा न्याय मांगने पर लाठीचार्य करने वाले मोदी सरकार को 2024 में जनता सत्ता से उखाड़ फेकेंगी। एक पोक्सो एक्ट के दोषी सांसद को बचाने के लिए महिला पहलवानों के आंदोलन पर क्रूर दमन अंग्रेजी राज की याद ताजा कर दी।
उन्होंने आगे कहा कि संविधान की शपथ लेकर सत्ता में आई मोदी सरकार द्वारा संसद भवन के उदघाटन समारोह में महामहिम राष्ट्रपति को नहीं बुलाना और अशोक चक्र को हटाकर सिंगोल लगाना संविधान का अपमान है, ब्रहामणवादी व्यवस्था लाकर संवैधानिक मूल्यों एवं लोकतांत्रिक परम्परा को तहसनहस करने की कोशिश है। इसे देश की जनता बर्दाश्त नहीं करेगी।
धीरेंद्र झा ने कहा कि मोदी सरकार जनता की जिंदगी को बेहाल कर दिया है। महंगाई बेलगाम हो गई है और रोजगार देने के वायदे पूरा तो नहीं ही हुआ बल्कि रोजगार के अवसर को भी खत्म कर दिया गया है। डॉ भीमराव अंबेडकर के मूर्ति के साथ-साथ विचारों पर खुलेआम हमला बोल दिया गया है। इसके खिलाफ हक-इंसाफ की लड़ाई में एकजुट होने के लिए व्यापक पैमाने पर लोगों को गोलबंद करना होगा और जनता को मोदी सरकार का पोल खोलना होगा। कर्नाटक की जनता ने फैसला सुनाया है जो स्वागत योग्य है। बजरंग बली के नाम पर नफरत फैलाने की छूट नहीं मिलेगी।
उन्होंने महंगाई, बेरोजगारी के खिलाफ आंदोलन तेज करने का भी आह्वान किया है। अपने अध्यक्षीय संबोधन में जिला सचिव उमेश कुमार ने कहा कि समाजवादी, मार्क्सवादी मिलकर फ़ासीवादी विरोधी संघर्ष को आगे बढाएंगे और भाजपा को हटाएंगे। बैठक में माले के केंद्रीय कमिटी सदस्य मंजू प्रकाश, राज्य कमिटी सदस्य बंदना सिंह, जिला स्थाई समिति सदस्य सुरेंद्र प्रसाद सिंह, ललन कुमार, दिनेश कुमार, फूल बाबू सिंह, महावीर पोद्दार, शामिल थे।
बैठक से पार्टी शाखा को मजबूत करने, पंचायत एवं लोकल सम्मेलन करने, पार्टी एवं लोकयुद्ध सदस्यता बढ़ाने, 1-10 जून तक महिला पार्टी सदस्यों की बैठक करने, 12 जून को इंसाफ मंच एवं आइसा का जिला स्तरीय बैठक करने, 25 जून को इंसाफ मंच का पटना राज्य सम्मेलन को सफल बनाने, 30 सितंबर को ऐपवा का दिल्ली राष्ट्रीय सम्मेलन को सफल बनाने, 9-10 अगस्त को आइसा का कोलकाता राष्ट्रीय सम्मेलन को सफल बनाने समेत अन्य राजनीतिक एवं सांगठनिक निर्णय लिया गया।