हवाई मार्ग से यात्रा करने वाले यात्रियों को होने वाली कठिनाई पर विस्तार से की गई चर्चा ।
#MNN@24X7 दरभंगा डिविजनल चेंबर ऑफ कॉमर्स के कोर ग्रुप की एक अति आवश्यक बैठक कल आयोजित की गई। बैठक में मुख्य रूप से हवाई मार्ग से यात्रा करने वाले यात्रियों को होने वाली कठिनाई पर विस्तार से चर्चा की गई।
उपस्थित सभी सदस्यों ने हवाई यात्रा के किराए में दिन प्रतिदिन मनमाने ढंग से हो रही वृद्धि पर अपना रोष प्रकट किया और इसे केंद्रीय सरकार की पूर्ण असफलता करार दिया। जहां सरकार ₹5 की एक पारले जी बिस्कुट के लिए भी एमआरपी तय करती है, ₹5 की एक बॉल पेन के लिए भी एमआरपी तय करती है और दुकानदार से यह उम्मीद की जाती है कि वह निर्धारित अधिकतम मूल्य से ज्यादा कीमत नहीं ले। न जाने क्यों और किन कारणों से हवाई सेवा देने वाली कंपनियों के लिए कोई अधिकतम दर निर्धारित नहीं हुई है। क्या इसके पीछे कोई साजिश है, यात्रियों को लूटने की कोई चाल है, इसमें गलत इरादे से किन्ही की मिलीभगत है।
उन्होंने कहा कि इसका खुलासा सरकार को करना चाहिए। जब तक इस पर कोई स्पष्ट नीति नहीं आती है आम जनता यही मानकर चलती है कि मंत्रालय की मिलीभगत से ये कंपनियां यात्रियों को लूट रही है और यात्री अपने सफर को पूरा करने के लिए इन्हें मनमाना किराया देने के लिए मजबूर हैं। हवाई चप्पल वालों के लिए हवाई यात्रा सुलभ करने का ढोल पीटने वाली केंद्र की सरकार ने आज अपनी गलत नीति से सूट बूट पहन कर यात्रा करने वाले संपन्न लोगों को भी यात्रा के लायक नहीं छोड़ा है। दरभंगा से कहीं भी हवाई यात्रा करने के लिए 15000-20000 टिकट का किराया होना एक आम बात हो गई है जो आज के सिर्फ 6 महीना पहले 4000 5000 रहा करता था। सरकार स्पष्ट करें कि बीते पांच छ महीनों में ऐसे कौन से कारण पैदा हो गए कि किरायों में 4 गुना तक की वृद्धि हो गई और केंद्रीय सरकार गहरी नींद सोई हुई है।
हम चेंबर ऑफ कॉमर्स की ओर से केंद्रीय सरकार से यह मांग करते हैं कि प्रत्येक हवाई यात्रा प्रदान करने वाली कंपनियों के लिए देश की एक-एक रूट के वास्ते अधिकतम किराए की राशि अविलंब निर्धारित कर उसे सार्वजनिक किया जाए ताकि यह लूट बंद हो सके।बैठक में चेंबर के अध्यक्ष अजय कुमार पोद्दार ,पूर्व अध्यक्ष पवन कुमार सुरेका, प्रधान सचिव सुशील कुमार जैन ,सचिव अभिषेक चौधरी, कोषाध्यक्ष मुकेश खेतान, उपाध्यक्ष कृष्णदेव शाह आदि उपस्थित थे।