एडवांस्ड रिसर्च सेन्टर के सभी समन्वयक तथा कर्मी कुशल एवं अनुभवी जो उचित तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान करने में सक्षम- प्रो सुरेन्द्र कुमार।
ऑडियो- वीडियो लैब में विशेषज्ञ शिक्षकों के रिकॉर्डिड व्याख्यानों से गरीब एवं दूरस्थ छात्र भी अधिक से अधिक लाभ उठा सकेंगे- डा चौरसिया।
विश्वविद्यालय आईटी सेल के ई गणेश, ई मुकुंद तथा ई हसन ने ऑडियो- वीडियो रिकॉर्डिंग से संबंधित तकनीकी बातों की दी विशेष जानकारी।
#MNN@24X7 दरभंगा, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के कुलपति प्रोफेसर एस पी सिंह के निर्देश पर सभी पीजी विभागों के अलग- अलग विषयों के शिक्षकों के 9 दिनों की कार्यशाला के दूसरे दिन एडवांस्ड रिसर्च सेन्टर स्थित ऑडियो- वीडियो मूक्स लैब में आज उर्दू विभाग, समाजशास्त्र एवं मनोविज्ञान विभाग के शिक्षकों की कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें एडवांस्ड रिसर्च सेन्टर के प्रोफेसर इंचार्ज प्रो सुरेन्द्र कुमार, ऑडियो- वीडियो मूक्स लैब के कोऑर्डिनेटर डा आर एन चौरसिया, उर्दू के विभागाध्यक्ष डा गुलाम सरवर, डा मो मोतीउर रहमान, डा नासरीन सुरैया व डा वसी अहमद शमशाद, समाजशास्त्र के विभागाध्यक्ष प्रो मो शाहिद हसन, प्रो मंजू झा, डा लक्ष्मी कुमारी व डा सारिका पाण्डे, मनोविज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो घ्रुव कुमार, प्रो अनीश अहमद, संतोष कुमार एवं रजनीश कुमार के साथ ही विश्वविद्यालय तकनीकी सेल के ई गणेश कुमार पासवान, ई मुकुंद माधव एवं ई एस टी हसन, प्रशांत कुमार झा, राम भरत तथा मोहम्मद जहीरुद्दीन आदि उपस्थित थे।
विश्वविद्यालय के विकास पदाधिकारी प्रो सुरेन्द्र कुमार ने कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए कहा कि इस लैब के सभी पदाधिकारी एवं कर्मी कुशल एवं अनुभवी हैं जो व्याख्यान रिकॉर्ड हेतु उचित तकनीकी मार्गदर्शन देने में सक्षम हैं। हमारे शिक्षक ही इस लैब के लिए सहयोगी एवं महत्वपूर्ण हैं। इसमें कोई भी शिक्षक अपने व्याख्यान की गुणवत्ता की जांच विभागाध्यक्ष से कराकर ही रिकॉर्ड हेतु आवेदन देंगे, ताकि रिकॉर्डेड बेहतरीन व्याख्यानों से भविष्य में विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा बढ़ सके।
ऑडियो- वीडियो मूक्स लैब के समन्वयक डा आर एन चौरसिया ने आगत पदाधिकारियों, शिक्षकों एवं तकनीकी टीम के सदस्यों का स्वागत करते हुए कहा कि इस लैब में विशेषज्ञ शिक्षकों के रिकॉर्डेड व्याख्यानों से गरीब एवं दूरस्थ छात्र भी अधिक से अधिक लाभ उठा सकें।यह लैब सर्वोत्तम संभव ध्वनि प्राप्त करने में मदद करता है, जिससे उच्च गुणवत्ता वाले परिणाम प्राप्त होते हैं। डा चौरसिया ने कहा कि शिक्षकों के रिकॉर्डेड ऑडियो या वीडियो व्याख्यान छात्रों के इंद्रियों को अधिक आकर्षित करता है, जिससे कम समय में ही छात्र अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
कार्यशाला में ई गणेश कुमार पासवान, ई मुकुंद माधव ने व्याख्यानों के रिकॉर्डिंग से संबंधित अधिकांश तकनीकी बातों की जानकारी देते हुए शिक्षकों द्वारा पूछे गए अनेक प्रश्नों के संतोषजनक उत्तर भी दिए। इस अवसर पर अभ्यास के उद्देश्य से इसी लैब में पहले से रिकॉर्डेड वीडियो व्याख्यानों को प्रदर्शित किया गया।
विश्वविद्यालय आई टी सेल के ई एस टी हसन ने कार्यशाला में उपस्थित सभी पदाधिकारियों, शिक्षकों, विशेषज्ञों एवं आयोजकों के प्रति धन्यवाद ज्ञापन किया।