#MNN@24X7 दरभंगा, बिहार विधान परिषद सदस्य हरी सहनी ने मंगलवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि दरभंगा एम्स पर झूठी राजनीति करना नीतीश कुमार और महागठबंधन को भारी पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि बलिया मौजा के जमीन का असली सच और महागठबंधन के नेता के काले कारनामों का काला चिट्ठा महागठबंधन के ही विधान परिषद सदस्य प्रेम चंद्र मिश्रा ने विधानपरिषद में अपने तारांकित प्रश्न के माध्यम से उठाकर सारा पोल खोल दिए थे।
उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि क्या यह सच नहीं है कि जेडीयू के 20 सांसद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इशारे पर बलिया मौजा स्थित जमीन को बाढ़ ग्रस्त और लो लैंड बताकर यहां एम्स निर्माण को खतरनाक बताया था। उन्होंने कहा कि एक तरफ बिहार के मुखिया नीतीश कुमार बलिया मौजा स्थित खाई वाले जमीन को एम्स निर्माण हेतु उपयुक्त बता रहे है, वहीं दूसरी उनके विधान पार्षद और 20 सांसद इसे खतरनाक बता रहे है।
उन्होंने कहा कि जो लोग जनता में झूठा भ्रम फैला रहे है की भारत सरकार ने डीएमसीएच के जमीन को रिजेक्ट कर दिया है, उनको रिजेक्शन लेटर भी दिखाना चाहिए। वहीं कुछ लोग अब मुगल काल की बात करने लगे हैं। उन्होंने कहा कि महागठबंधन के नेता इस जमीन पर जून में मिट्टी भराई का कार्य पूर्ण करने की बात कर रहे थे,परंतु स्थल पर अभी तक एक भी ट्रेलर मिट्टी नही गिरा है। उन्होंने कहा कि जेडीयू और आरजेडी के नेता आमलोगों में भ्रम और झूठा प्रोपगैंडा फैलाने वाली राजनीति करने का घिनौना काम कर रहे है। परंतु सच्चाई बहुत दिनों तक छिपता नही है।
उन्होंने कहा कि कुछ नेता यह भी भ्रम फैला रहे है कि डीएमसीएच में एम्स निर्माण होने से डीएमसीएच का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा, परंतु वह ये क्यों नही बता रहे है कि उनके सीएम नीतीश कुमार जी तो पूरा डीएमसीएच को ही केंद्र सरकार को सौंप कर इसके पुनर्निर्माण का अनुरोध कर रहे थे। उन्होंने कहा कि धन्यवाद तो तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा जी को देना चाहिए, जिन्होंने सीएम नीतीश कुमार के डीएमसीएच के अस्तित्व को मिटाने वाले गंदी सोच पर पानी फेरते हुए,अलग से एम्स बनाने पर बल दिए थे। हरि सहनी ने कहा कि डीएमसीएच राज्य सरकार के कुछ नेताओं और मंत्रियों का राजनीति अड्डा के साथ साथ आर्थिक उपार्जन का अड्डा बन चुका है। उन्होंने कहा कि डीएमसीएच के 73 एकड़ जमीन पर बड़े बड़े रसूखदार लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है, जिनका संबंध महागठबंधन के नेताओं के साथ है।
उन्होंने सीएम नीतीश कुमार से मिथिला के करोड़ों लोगों के स्वास्थ्य सुविधा को मद्देनजर रखते हुए डीएमसीएच की 300 एकड़ जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराते हुए 200 एकड़ में एम्स एवं 100 एकड़ में डीएमसीएच बनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि डीएमसीएच परिसर में एम्स और डीएमसीएच दोनो बन जाने से मरीज को एक ही जगह पर बेहतर स्वास्थ्य सुविधा का लाभ मिलेगा।