केन्द्र में संचालित सर्टिफिकेट कोर्स तथा डिप्लोमा कोर्स के अध्यापन हेतु नियुक्त अमित कुमार झा ने संस्कृत विभागाध्यक्ष के समक्ष किया योगदान।
मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति के आदेश से गत वर्ष पीजी संस्कृत विभाग में संचालित इस केन्द्र में 51 व्यक्तियों ने लिया था नामांकन- डा घनश्याम।
अनौपचारिक संस्कृत शिक्षण केन्द्र के सर्टिफिकेट कोर्स में कोई भी 10वीं पास, कहीं के भी, किसी भी उम्र के व्यक्ति ले सकते हैं नामांकन- डा चौरसिया।
#MNN@24X7 दरभंगा, विश्वविद्यालय संस्कृत विभाग में केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली द्वारा गत वर्ष स्थापित “अनौपचारिक संस्कृत शिक्षण केन्द्र” का चालू शैक्षणिक वर्ष 2023- 24 में भी कोर्स संचालन की अनुमति मिली है। गत मई माह में संस्कृत विभागाध्यक्ष द्वारा प्रेषित पत्र के आलोक में केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति ने केन्द्र के चालू वर्ष में भी पुन: संचालन की स्वीकृति प्रदान करते हुए संस्कृत- प्रशिक्षक के रूप में अमित कुमार झा को भी नियुक्त किया है।
इस आशय की सूचना संस्कृत विश्वविद्यालय के दूरस्थ शिक्षण संस्थान (अनौपचारिक संस्कृत शिक्षण) के निदेशक डा रत्न मोहन झा ने पत्र भेजकर विभागाध्यक्ष को दी है। तदनुसार आज संस्कृत विश्वविद्यालय द्वारा नियुक्त शिक्षक अमित कुमार झा ने अनौपचारिक संस्कृत- शिक्षक के रूप में अपना योगदान विभाग में दिया। केन्द्र के नवीनीकरण की सूचना से संस्कृत- शिक्षकों, शोधार्थियों, कर्मचारियों एवं छात्र- छात्राओं के बीच हर्ष का माहौल व्याप्त हो गया।
आज विश्वविद्यालय संस्कृत विभागाध्यक्ष डा घनश्याम महतो की अध्यक्षता में शिक्षकों, शिक्षकेतर कर्मियों, शोधार्थियों एवं छात्र- छात्राओं की बैठक हुई, जिसमें केन्द्राधिकारी डा आर एन चौरसिया, संस्कृत- प्राध्यापिका डा ममता स्नेही, संस्कृत- प्रशिक्षक अमित कुमार झा, मणि पुष्पक घोष, सदानंद विश्वास, रितु कुमारी, सुजाता प्रभाकर, मृणाल कुमार, मंजू अकेला, विद्यासागर भारती, उदय कुमार उदेश तथा योगेन्द्र पासवान आदि उपस्थित थे। सदस्यों ने केन्द्र के नवीनीकरण पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के कुलपति तथा दूरस्थ शिक्षण संस्थान के निदेशक डा रत्न मोहन झा के प्रति आभार व्यक्त करते हुए केन्द्र के संचालन में पूर्ण सहयोग का संकल्प व्यक्त किया।
संस्कृत विभागाध्यक्ष डा घनश्याम महतो ने बताया कि मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति के आदेश से गत वर्ष यह केन्द्र प्रारंभ हुआ था, जिसमें 51 व्यक्तियों ने ऑनलाइन नामांकन लिया था, जिनकी ऑनलाइन पढ़ाई एवं परीक्षा हो चुकी है। शीघ्र ही उनके प्रमाण पत्र केन्द्र को प्राप्त हो जाएंगे।
विश्वविद्यालय द्वारा चालू वर्ष में शीघ्र ही नामांकन प्रक्रिया प्रारंभ किए जाने की संभावना है। उन्होंने कहा कि इस केन्द्र का मूल उद्देश्य संस्कृत का प्रचार- प्रसार करना है, जिसका पूर्ण वित्तीय भार वहन केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली द्वारा किया जाता है।
केन्द्राधिकारी डा आर एन चौरसिया ने कहा कि इस केन्द्र के सर्टिफिकेट कोर्स में कोई भी दसवीं कक्षा पास व्यक्ति ₹500 शुल्क के साथ अगले अगस्त माह में ऑनलाइन नामांकन ले सकेंगे, जबकि सर्टिफिकेट कोर्स पास व्यक्ति डिप्लोमा कोर्स में नामांकन ले सकेंगे। दोनों कोर्सों में सभी नामांकित व्यक्तियों को केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय द्वारा तैयार ₹2000 मूल्य की 5 उच्च स्तरीय किताबें नि:शुल्क प्रदान की जाती है।
डा चौरसिया ने बताया कि इस कोर्स में किसी भी क्षेत्र के, किसी भी उम्र के, कभी संस्कृत नहीं पढ़ने वाले व्यक्ति भी नामांकन लेकर संस्कृत में संभाषण तथा संस्कृत भाषा- साहित्य ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं। चालू वर्ष में इस कोर्स हेतु कम से कम एक सौ व्यक्तियों के नामांकन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
संस्कृत- प्रशिक्षक अमित कुमार झा ने बताया कि सभी नामांकित व्यक्तियों के वर्ग विश्वविद्यालय के पीजी संस्कृत विभाग में अपराह्ण 3:00 से 4:30 बजे के बीच ऑफलाइन मोड में तथा संध्या 7 से 8 बजे के बीच ऑनलाइन मोड में संचालित होंगे। सत्र के अंत में विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित परीक्षा में उत्तीर्णोपरांत सभी व्यक्तियों को केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय द्वारा प्रमाण पत्र प्रदान किया जाता है।
नामांकन के इच्छुक किसी भी विषय के छात्र- छात्राएं, शोधार्थी, शिक्षक, कर्मचारी अथवा अन्य व्यक्ति विश्वविद्यालय संस्कृत विभाग में 10:30 से 4:30 बजे के बीच आकर अथवा संस्कृत- प्रशिक्षक अमित कुमार झा से 6005312770 या केन्द्राधिकारी डा आर एन चौरसिया से 99054 37636 पर बात कर सकते हैं।