#MNN@24X7 साहित्यिक- सांस्कृतिक संस्था , हिन्दी समाहार मंच, दरभंगा के तत्वावधान में दरभंगा जिला के गांधी राष्ट्रभक्त बाबू कमलेश्वरी चरण सिन्हा की 148 वीं जयन्ती समारोह का आयोजन अखिलेश कुमार चौधरी की अध्यक्षता में आयोजित किया गया।
अमरेश्वरी चरण सिन्हा ने कहा कि- जयन्ती के आयोजन से श्रोताओ को दिशा मिलती है। देश की आजादी में स्वतंत्रता सेनानी के परिवार और समाज ने भी कुर्वानी दी है।
उन्होंने लक्ष्मीश्वर सिंह के योगदान की चर्चा की। दरभंगा में स्वतंत्रता आंदोलन की पृष्ठभूमि की चर्चा करते हुए कहा कि बोयाज एशोसियेशन के माध्यम से स्वतंत्रता आंदोलन के माध्यम से प्रकाश डाला। समाज सेवा और देश सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान रहा है। समाज के सभी वर्ग के लोगो ने देश की आजादी में अपना योगदान दिया। आज उसे बरकरार रखने की आवश्यकता है। कई संस्मरण के माध्यम से व्यवस्था परिवर्तन जैसे ज्वलंत विषयों पर विचार व्यक्त किया।
मौके पर इतिहासकार डॉ सुशांत कुमार ने कहा-नरम पंथी, गरम पंथी क्रांती धारा कि त्रिवेणी थे कमलेश्वरी बाबू। उन्होने कहा कि कमलेश्वरी बाबू का सीधा संबंध गांधी जी से तो था ही सरदार भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद के संस्थाओ से भी था। कामेश्वर कुमार ओझा ने कहा कि-कमलेश्वरी पूर्णतः समाज के लिए समर्पित रहे।
अध्यक्षीय संबोधन के क्रम में अखिलेश कुमार चौधरी ने कहा कि- समाज सेवा सबसे बड़ा धर्म है की प्रतिमूर्ति थे कमलेश्वरी बाबू। संचालन करते हुए सचिव अमिताभ कुमार सिन्हा ने कहा कि कमलेश्वरी चरण सिन्हा समाज सेवा के साथ-साथ शिक्षा के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय योगदान था। कई हाई स्कूल एवं महाविद्यालय की स्थापना उनका प्रमुख योगदान था।
द्वितीय सत्र में स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर देशभक्ति कविसम्ममेलन में डॉ सतीश चन्द्र भगत ने- राम कृष्ण की धरती है यहबहती है नदियो की धारा देशभक्ति कविता सुनाकर श्रोताओ को मंत्रमुग्ध कर दिया। नाज है मुझको मेरे वतन पर ,मुश्ताक एकबाल ने समा बांध दिया। आशीष अकिंचन कीकविता- है तुझको मेरा शत शत नमन हे मेरे प्यारे वतन जबकि मंजर सिद्दकी ने जश्ने आजादी का अपनी हम मनाते जाएंगे, शान हम भारत की बढाते जाएंगे सुनाया।
कवि सम्ममेलन में रीतु प्रज्ञा , मंजर सिद्दकी हीरालाल सहनी, शेखर कुमार श्रीवास्तव आदि ने भाग लिया। स्वागत डॉ० सतीश चंद्र भगत, धन्यवाद ज्ञापन अध्यक्ष अखिलेश कुमार चौधरी ने किया जबकि कार्यक्रम का संचालन अमिताभ कुमार सिन्हा ने किया।