#MNN@24X7 दरभंगा, पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान संस्थान, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया, विषय था -वर्तमान में पुस्तकालय की दशा एवं दिशा’। इस विषय पर आयोजित एक दिवसीय संगोष्ठी की अध्यक्षता संस्थान के निदेशक प्रो दमन कुमार झा ने किया।
समारोह का उद्घाटन संस्थान के निदेशक एवं शिक्षकों के द्वारा दीप प्रजनन से हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए संस्थान के निदेशक प्रोफेसर दमन कुमार झा ने कहा की पुस्तकालयों की ओर राज्य सरकार गंभीर है. वह बिहार के सभी विश्वविद्यालयों में पुस्तकालय के विकास हेतु, उसे डिजिटल प्लेटफार्म प्रदान करने हेतु कई तरह की योजनाओं का सफल क्रियान्वयन किया गया है.अपने केंद्रीय पुस्तकालय में भी अब ओपेक मशीन लगाई गई है जिससे पुस्तकालय में आने वाले पाठकों को बिना समय गवाये उनकी मनपसंद पुस्तक कम समय में मिलने लगेगी. पुस्तकालय का एक नियम यह भी है की ‘पाठकों के समय की बचत हो’ जो इस मशीन के लगने से सफल हो सकेगा ।
कार्यक्रम में संस्थान के शिक्षक गंगाराम प्रसाद ने अपने विचार रखते हुए कहा कि देश में रीडर एवं लीडर का घोर अभाव होता जा रहा है, जब तक पुस्तकालय में छात्रों को पढ़ने की आदत नहीं होगी तब तक पुस्तकालय की दशा में परिवर्तन करना कठिन होगा । रंजीत कुमार महतो ने कहा कि सिर्फ समस्याएं बता देना ही इस संगोष्ठी का लक्ष्य नहीं होना चाहिए। कल यहां से पास आउट होने के बाद आप सब भी कहीं के पुस्तकालय -अध्यक्ष होंगे और आप सबों के सामने भी इन्ही समस्याओं का सामना करना पड़ेगा. महतो ने पुस्तकालय में ऑटोमेशन की समस्या को दूर करने के लिए छात्र-छात्राओं का सहयोग लेने का सुझाव दिया ।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए गोपाल कृष्ण झा ने कहा कि बिहार में पुस्तकालय अधिनियम 2008 में ही पारित हो चुका था लेकिन अब तक उसको सही रूप से लागू नहीं किया जा सका है,जिसके कारण पुस्तकालय की स्थिति दिनों दिन दयनीय होती जा रही है। इस संगोष्ठी में छात्र-छात्राओं ने भी अपने विचार रखे, जिसमें प्रमुख रवीश ,गूंजा , सगूफी, आयशा, मिराज, सनी आदि ।
इस अवसर पर छात्र-छात्राओं के अलावे शंभूदास,प्रीति श्रीवास्तव, लालबाबू आदि उपस्थित थे।कार्यक्रम का संचालन मिथिलेश कुमार पासवान ने किया जबकि धनबाद ज्ञापन गोपाल कृष्ण झा ने किया।