#MNN@24X7 दरभंगा, मिथिला स्टूडेंट यूनियन के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष चंद्रजीत झा के नेतृत्व में दरभंगा एम्स, पूर्णिया एयरपोर्ट एवं मधुबनी केंद्रीय विद्यालय को लेकर दिल्ली स्थित जंतर मंतर पर 08 अक्टूबर को एक-दिवसीय धरना का आयोजन किया गया हैं। इसी संदर्भ में, एमएसयू कार्यालय लहेरियासराय पर एक बैठक सह प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। जिसमें शिवेंद्र वत्स, गोपाल चौधरी, विद्या भूषण राय, अविनाश भारद्वाज, जिलाध्यक्ष वीरेंद्र कुमार, नीरज क्रांतिकारी, अनिश चौधरी, कृष्णमोहन झा एवं सुमित कुमार उपस्थित थे।
वहीं संबोधित करते हुए- अविनाश भारद्वाज ने कहा कि :- मिथिला में केंद्र सरकार के सभी योजनाओं को यहाँ के सांसद के अकर्मण्यता के कारण लटकी-अटकी हैं। यह उनके कार्य करने की मिथिला विरोधी एवं अविकसित मानिसकता को दर्शाता हैं। यह मिथिला को पलायन बेरोजगारी कुव्यवस्था में धकेलने हेतु जयचंद की भूमिका निभा रही है। दरभंगा एम्स जैसे लोक-कल्याणकारी योजाना इन्ही के कारण धरातल पर क्रियान्वयन से कोसों दूर है। मिथिला के सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, राजनैतिक, शैक्षणिक, साहित्यिक और भाषा के क्षेत्र में समग्र विकास के लिए, मिथिला सूखा और बाढ़ का निरंतर शिकार होता आ रहा है। जहां एक और खेती चौपट हो गई है, वहीं मिथिला के मजदूर पलायन करने को विवश हो रहे हैं। चीनी मिल, पेपर मिल, जूट मिल व अन्य उद्योग-धंधे आदि यहां कबाड़ का ढेर मात्र बने हुए हैं। कृषि, उद्योग-धंधा, पर्यटन, शिक्षा एवं संस्कृति के विकास से ही इस क्षेत्र की दुर्दशा तथा बेरोजगारी का अंत हो सकता है। संविधान की आठवीं अनुसूची में सम्मिलित विश्व की सबसे मधुर एकमात्र भाषा मैथिली को राज-काज की भाषा, प्राथमिक शिक्षा में अनिवार्यता। भौगौलिक, आर्थिक, ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक दृष्टि से मिथिला के पास एक राज्य की सारी योग्यताएं हैं ।
वहीं शिवेंद्र वत्स ने बताया कि पूर्णिया एयरपोर्ट की घोषणा प्रधानमंत्री श्री मोदी जी द्वारा 2015 चुनाव मे की गयी और 2016 मे उक्त एयरपोर्ट को पीएम पैकेज उड़ान योजना मे शामिल करते हुए राज्य सरकार से 52.18 एकड जमीन की मांग की गयी।जिसके अनुरूप वर्ष 2017 राज्य सरकार ने पूर्णिया जिलाधिकारी को जमीन अधिग्रहण करने का निर्देश दिया। परंतु , इच्छाशक्ति के आभावा के कारण आज तक पूर्णिया एयरपोर्ट पर सार्थक कदम नही उठाया गया।
प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए , वरीय नेता गोपाल चौधरी ने कहा कि विगत आठ सालों से मधुबनी जिला में केन्द्रीय विद्यालय की स्थापना को लेकर संघर्ष कर रहा है। संगठन के द्वारा पूर्व में भी कई बार सरकार और जिला प्रशासन का ध्यान आकृष्ट करवाने के लिए धरना प्रदर्शन, पैदल यात्रा के साथ कई बार भूख हड़ताल और अनिश्चितकालीन अनशन हो चुका है। इसके बाद जिला प्रशासन के द्वारा भूमि का चयन तो किया गया पर सालों बीत जाने के बाद भी शिलान्यास तक नहीं हो सका है। इसलिए मिथिला स्टूडेंट यूनियन ने पुनः सांकेतिक धरना के माध्यम से सरकार तक अपनी बातों को रखने का प्रयास किया है। कहा कि मधुबनी जिला बिहार का एक बड़ा क्षेत्रफल वाला जिला माना जाता है। उसके बाद भी एक केंद्रीय विद्यालय नहीं है। मधुबनी जिला के जनप्रतिनिधियों के बढ़ती अकर्मण्यता यहां के छात्रों का भविष्य खराब कर रही है।
इसी सभी मांगो को लेकर 08 अक्टूबर को जंतर मंतर पर आयोजित धरना में समस्त मिथिलावासी को शामिल होने का आग्रह किया है।