पास्को एक्ट में पीड़िता को मिलता है 11.5 लाख रुपए की सहायता।

दरभंगा, 24 मार्च 2022 :- बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर सभागार में जिला दंडाधिकारी राजीव रौशन की अध्यक्षता में विधि शाखा,सरकारी वकील, सभी सहायक सरकारी वकील एवं संबंधित वकीलों के साथ जिला प्रशासन के सिविल एवं अपराधिक लंबित मामलों के निष्पादन की स्थिति की समीक्षा की गयी।

       समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने भूमि विवाद से संबंधित मामलों की समीक्षा के दौरान सभी सहायक सरकारी वकीलों को सरकारी जमीन के मामले में सरकार का पक्ष मजबूती से रखने का निर्देश दिया।
उन्होंने कहा कि कैडेस्ट्रेल सर्वे की बहुत सी सरकारी जमीन रिविजनल सर्वे में रैयती हो गई है। ऐसी जमीनों के जमाबंदी को संबंधित अंचलाधिकारी सुधार करें।

      उन्होंने कहा कि रजिस्टर-2 केवल लगान के लिए होता है, अधिकार का अभिलेख रजिस्टर-1 होता है यदि किसी का नाम रजिस्टर-2 में और रजिस्टर-1 में नहीं है तो वह व्यक्ति उस जमीन का मालिक नहीं माना जाएगा।
     नावल्द जमीन भी सरकार की होती है लेकिन आस-पड़ोस के लोग उस पर दखल कब्जा के लिए विवाद करते रहते हैं। वैसी जमीनों के अभिलेख दुरुस्त करने के निर्देश दिए।

       वैसी जमीन जो महामहिम राज्यपाल के नाम पर किसी उद्देश्य के लिए लिखी गई है, वह सरकार की जमीन है और उसे बिना न्यायिक प्रक्रिया के दाता के द्वारा वापस नहीं ली जा सकती है। ऐसी जमीनों को भी खोजने एवं उनका अभिलेख दुरुस्त करने का निर्देश अंचलाधिकारियों को दिया।
       जिस मामले में सरकार प्रथम पार्टी है उसका निष्पादन प्राथमिकता के आधार पर करने का निर्देश संबंधित सहायक सरकारी वकील को दिया गया।
      उन्होंने कहा कि बहुत सी सरकारी जमीन पर लोग अवैध कब्जा कर लेते हैं, आस पड़ोस के लोग उससे वाकिफ रहते हैं, लेकिन अंचल को पता नहीं रहता है। इससे सरकार की छवि खराब होती है, ऐसे मामलों को गंभीरता से निष्पादन करना चाहिए।
     उन्होंने उत्पाद, पास्को, एनडीपीएस, एससी/एसटी मामलों के वादों से संबंधित सहायक सरकारी अधिवक्ताओं से फरवरी माह में निष्पादित मामलों की जानकारी ली तथा अप्रैल माह के लिए लक्ष्य निर्धारित किया।
    बैठक में पास्को एक्ट से संबंधित सहायक सरकारी अधिवक्ता द्वारा बताया गया कि पास्को एक्ट के तहत पीड़िता को 11लाख 50 हजार रुपये तक की सहायता राशि प्रदान की जाती है। लेकिन अनेक मामलों में सुलह – समझौता हो जाने के कारण पीड़िता को न तो न्याय मिल पाता है, न ही सहायता राशि मिल पाती है। संबंधित अधिवक्ता द्वारा बताया गया कि इस वर्ष 3 मामले आए थे, लेकिन सुलह समझौता हो जाने के कारण मामला आगे नहीं बढ़ पाया। जिलाधिकारी ने इसका व्यापक प्रचार-प्रसार कराने का निर्देश दिया।
      बैठक में अपर समाहर्ता विभूति रंजन चौधरी, पुलिस उपाधीक्षक मुख्यालय अमित कुमार, उप निदेशक जन संपर्क नागेंद्र कुमार गुप्ता, उत्पाद अधीक्षक ओमप्रकाश एवं संबंधित अधिकारीगण उपस्थित थे।